पहले मरीजों की सेवा का कर्म फिर बहन होने का धर्म
धनबाद जीव सेवा ही शिव सेवा है। सेवा ही कर्म है और धर्म भी। मैं पूरे समाज की सिस्टर हूं।
धनबाद : जीव सेवा ही शिव सेवा है। सेवा ही कर्म है और धर्म भी। मैं पूरे समाज की सिस्टर हूं। मेरे लिए ड्यूटी पहले है। पहले ड्यूटी निभाऊंगी। इसके बाद टाइम मिला तो बहन का फर्ज भी पूरा करूंगी। अगर ज्यादा देर हो गई तो भाई से क्षमा मांगकर घर के इष्ट देवता को रक्षा धागा समर्पित कर दूंगी। यह कहना है भाई की कलाई पर हर साल रक्षाबंधन का धागा बांधने वाली बहन नर्स गौरी विश्वास का। वो इस बार एक योद्धा बनकर रेलवे अस्पताल में ड्यूटी दे रही हैं। हालांकि वो गुजरी यादों को याद कर रही हैं, लेकिन इस बार उन्हें लग रहा है कि भाई की कलाई पर धागा बांधने जाना मुमकिन नहीं है। कोरोना के बढ़ते मामले के कारण ड्यूटी सख्त हो गई है।
नर्स गौरी ने बताया कि रेलवे हॉस्पिटल में अस्पताल में मरीजों की देखभाल के लिए उनकी ड्यूटी लगी है। रोज अस्पताल में संक्रमित मरीज भी जा रहे हैं। इन हालात में रक्षाबंधन पर अपने भाई की कलाई पर राखी बांधने जाने के लिए समय निकाल पाना बहुत मुश्किल है।