Railway Ticket Cancellation Rules: सिर्फ पुराने टिकटों पर मिलेगा 6 महीने तक रिफंड, स्पेशल ट्रेनों का रद कराना है तो इंतजार न करें
Railway Ticket Cancellation Rules रेल अधिकारी का कहना है कि जो भी यात्री वेटिंग टिकट या कंफर्म टिकट लौटाना चाहते हैं रेलवे के पहले के नियम के अनुसार ही रिफंड का लाभ ले सकते हैं।
धनबाद, जेएनएन। Railway Ticket Cancellation Rules रेलवे ने टिकट लौटा कर पैसे रिफंड देने के लिए 6 महीने की मोहलत दी है। पर यह सुविधा केवल उन यात्रियों के लिए है जिन्होंने लॉकडाउन के दौरान टिकटें बुक कराई थी। 12 मई से चल रही राजधानी और एक जून से चल रही दूसरी स्पेशल ट्रेनों के साथ-साथ 12 सितंबर से शुरू हुई ट्रेनों के लिए यह नियम मान्य नहीं होंगे। यात्रियों को पहले की तरह ही अपना टिकट रद कराकर पैसे रिफंड लेने होंगे।
दरअसल, हावड़ा से नई दिल्ली जाने वाली पूर्वा एक्सप्रेस के यात्री धनबाद आरक्षण काउंटर पर पहुंच गए और उन्होंने टिकट रद कराने के लिए फॉर्म भर कर काउंटर पर दिया। लेकिन तब तक पूर्वा एक्सप्रेस धनबाद से खुल चुकी थी। यात्री को लगा कि रेलवे तो छह महीने बाद तक टिकट के पैसे लौटा रही है। इसलिए रिफंड के लिए जिद पर अड़ गए। तब आरक्षण काउंटर के कर्मचारी ने बताया कि मौजूदा ट्रेनों में यह सुविधा नहीं मिलेगी। वर्तमान में चल रही ट्रेनों के यात्री अपनी कंफर्म टिकट को अधिकतम चार घंटे पहले तक ही रद कराकर रिफंड के पैसे वापस ले सकते हैं। उनका टिकट अगर वेटिंग लिस्ट में है तो अधिकतम आधे घंटे पहले तक ही रिफंड के पैसे वापस मिलेंगे। इसमें अगर एक सेकंड की भी देरी हो गई तो पूरे पैसे डूब जाएंगे। यानी 29 मिनट 59 सेकंड होने पर भी कंप्यूटर रिफंड के आवेदन को रिजेक्ट कर देगा। इस बारे में रेल अधिकारी का कहना है कि जो भी यात्री वेटिंग टिकट या कंफर्म टिकट लौटाना चाहते हैं, रेलवे के पहले के नियम के अनुसार ही रिफंड का लाभ ले सकते हैं।
लंबी लाइन तो सीआरएस से मिलकर करें टिकट रद करने का आग्रह
यात्री अगर टिकट रद कराना चाहते हैं और काउंटर पर लंबी लाइन लगी है, तो आरक्षण केंद्र के चीफ रिजर्वेशन सुपरवाइजर से मिलकर अपनी समस्या बताएं। उन्हें जानकारी दें कि जल्द टिकट रद न हुआ तो रिफंड नहीं मिल सकेगा। उनकी अनुमति से समय पर रिफंड की सुविधा मिल सकती है।