रेल परियोजनाओं को रफ्तार देंगे घर लौटे कामगार
धनबाद दिल्ली मुंबई बेंगलुरू सूरत समेत दूसरे मेट्रो शहरों से बड़े पैमाने पर प्रवासी कामगार घर लौटे हैं। इन कामगारों के लिए रोजगार अब बड़ी समस्या है। क्योंकि घर वापसी तो हो चुकी है पर यहां काम नहीं है।
धनबाद : दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरू, सूरत समेत दूसरे मेट्रो शहरों से बड़े पैमाने पर प्रवासी कामगार घर लौटे हैं। इन कामगारों के लिए रोजगार अब बड़ी समस्या है। क्योंकि घर वापसी तो हो चुकी है पर यहां काम नहीं है। ऐसे कामगारों के लिए यह खबर राहत देने वाली है। रेलवे अपनी परियोजनाओं में उन्हें काम करने का अवसर देगी। इससे कामगारों के रोजगार का संकट काफी हद तक कम हो जाएगा। साथ ही रेलवे की विभिन्न परियोजनाओं को भी गति मिल जाएगी। संबंधित विभाग और ग्राम पंचायतों से ली जाएगी मदद : झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश तक फैले धनबाद रेल मंडल में मई से अब लगभग दो दर्जन ट्रेनें प्रवासी कामगारों को लेकर आ चुकी हैं। इनमें धनबाद के साथ-साथ बरकाकाना, कोडरमा, गढ़वा रोड समेत दूसरे स्टेशन शामिल हैं। इन ज्यादातर जगहों पर रेलवे की परियोजनाएं चल रही हैं। निर्माण और रेलवे के अधीन सड़कों के मेंटेनेंस के काम में प्रवासी कामगारों की मदद ली जा सकेगी। दूसरे ठेकेवाले काम में भी ऐसे कामगारों को जोड़ा जा सकता है। इसके लिए रेलवे संबंधित विभाग और ग्राम पंचायतों से भी मदद लेगी, जहां से कामगारों की लिस्ट तैयार की जाएगी।
कब कितने कामगार आए
चार मई - कोझिकोड - 1175
चार मई - कर्नाटक - 96
छह मई - सूरत - 1233
सात मई - सूरत - 1198
आठ मई - हैदराबाद - 1250
11 मई - सूरत - 1203
15 मई - कोझिकोड - 1474
19 मई - - बेंगलुरू - 1303
19 मई - नांबुरू - 1496
21 मई - सूरत - 1614
22 मई - सूरत - 1600
22 मई - चेन्नई - 1474
25 मई - चेन्नई - 1600
27 मई - नोएडा दनकौर - 1200
28 मई - तिरुचिरापल्ली - 1189
28 मई - बेंगलुरू - 680
चार जून - तिरुअनंतपुरम - 374
10 जून - तामिलनाडु - 1025
14 जून - कालका - 1015
17 जून - मडगांव - 306 प्रवासी कामगारों को रेल परियोजनाओं से जोड़ने की पहल की गई है। धनबाद रेल मंडल में चल रही परियोजनाओं में उन्हें काम का अवसर दिया जाएगा।
अनिल कुमार मिश्रा, डीआरएम