शाम साढ़े चार बजे आना था कालका से धनबाद, रात दो बजे आई ट्रेन
धनबाद हमें कालका स्टेशन पर दोपहर में ही बुला लिया गया। ट्रेन शाम में छह बजे थी जो रात 12 बजे खुली। ट्रेन रुकती ज्यादा और चलती कम थी। प्रयागराज में बहुत देर तक रुकी रही। आरपीएफ वाले प्लेटफॉर्म पर उतरने भी नहीं दे रहे थे। कालका स्टेशन पर रात के खाने में कुछ नहीं मिला।
धनबाद : हमें कालका स्टेशन पर दोपहर में ही बुला लिया गया। ट्रेन शाम में छह बजे थी जो रात 12 बजे खुली। ट्रेन रुकती ज्यादा और चलती कम थी। प्रयागराज में बहुत देर तक रुकी रही। आरपीएफ वाले प्लेटफॉर्म पर उतरने भी नहीं दे रहे थे। कालका स्टेशन पर रात के खाने में कुछ नहीं मिला। मंगलवार को भी पूरे दिन में एक बार खाना मिला। उसके लिए भी काफी हल्ला-गुल्ला करना पड़ा। यह दास्तान है उन कामगारों की जो कालका से चलकर देर रात धनबाद पहुंचे थे। श्रमिक स्पेशल ट्रेन को शाम साढ़े चार बजे ही धनबाद पहुंचना था जो रात दो बजे आयी।
रेलवे की व्यवस्था पर कामगारों ने खूब नाराजगी जतायी। कालका में आउटसोर्सिग कंपनी में काम करने वाले कामगार दिनेश अपने परिवार और दो बच्चों के साथ लौटे थे। उन्होंने बताया कि अगर साथ में खाने-पीने की थोड़ी चीजें नहीं रखते तो भूख-प्यास से जान चली जाती। एक अन्य कामगार रियाज का कहना था दिन में खाने का पैकेट देने वाले ने रात में भी खाना देने की बात कही थी। पर कोई नहीं आया। न स्वागत करने अधिकारी पहुंचे और न भेंट किया गुलाब
प्रवासी कामगारों के आगमन पर उन्हें लंच पैकेट और पानी के बोतल के साथ गुलाब भेंट कर स्वागत किया जा रहा था। एक मई से चली श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में कई दिनों तक यह व्यवस्था बरकरार रही। पर अब धीरे-धीरे व्यवस्था बदल रही है। मंगलवार देर रात आई ट्रेन की आगवानी करने न कोई अधिकारी पहुंचे और न ही किसी कामगार को गुलाब भेंट किया गया। आज तिरुचिरापल्ली और बेंगलुरु से आएगी श्रमिक स्पेशल ट्रेन
धनबाद : गुरुवार को दो श्रमिक स्पेशल ट्रेनें धनबाद आएंगी। इनमें एक तामिलनाडु के तिरुचिरापल्ली और दूसरी बेंगलुरु सिटी से खुली है। दोनों ट्रेनों के एक घंटे के अंतराल में सुबह 11 बजे के आसपास पहुंचने की संभावना है।