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रेल यात्रियों की कारस्तानी... सर! जूता ट्रेन में छूट गया है, खोजवा दीजिए...

भारतीय रेल ने देशभर में यात्रियों को तत्काल मदद पहुंचाने समस्याओं का समाधान करने के लिए हेल्पलाइन नंबर 182 की शुरुआत की है।

By mritunjayEdited By: Published: Mon, 06 May 2019 12:41 PM (IST)Updated: Mon, 06 May 2019 12:41 PM (IST)
रेल यात्रियों की कारस्तानी...  सर! जूता ट्रेन में छूट गया है, खोजवा दीजिए...
रेल यात्रियों की कारस्तानी... सर! जूता ट्रेन में छूट गया है, खोजवा दीजिए...

धनबाद, बलवंत कुमार। 'सर, मेरा एक पैर का जूता ट्रेन में छूट गया है, कृपया खोजवा दें।' ऐसे कई बेतुके फोन कॉल रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) जवानों को प्रतिदिन रेलवे हेल्पलाइन नंबर पर आते हैं। इन बातों से जवानों को गुस्सा तो आता है लेकिन इसपर नियंत्रण रखते हुए यात्रियों को मदद करने का हमेशा ही प्रयास रहता है। इसी का परिणाम है कि अप्रैल 2019 में रेलवे ने 182 नंबर पर सात मामले दर्ज किए और त्वरित कार्रवाई करते हुए अपराधियों को भी गिरफ्तार करने में सफलता पायी।

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भारतीय रेल ने देशभर में यात्रियों को तत्काल मदद पहुंचाने, समस्याओं का समाधान करने के लिए हेल्पलाइन नंबर 182 की शुरुआत की है। कार्यप्रणाली ऐसी है कि ट्रेन जिस क्षेत्र से गुजरती है, वहां कोई यात्री इस नंबर पर कॉल करता है तो वहां के मंडल रेल कार्यालय के आरपीएफ कंट्रोल से संपर्क होता है। यात्री अपनी समस्या बताते हैं। इसके बाद कंट्रोल रूम तत्काल उस रेल रूट के अगले स्टेशन पर आरपीएफ को सतर्क करती है। फिर फोन करने वाले यात्री को मदद दी जाती है।

बहुत आते हैं फर्जी कॉलः कंट्रोल रूम में फर्जी कॉल बहुत आते हैं। कई लोगों के लिए 182 पर फोन करना मजाक होता है जबकि भारतीय रेल ने यह सुविधा यात्रियों की मदद के लिए दी है। इसे लोगों को समझना होगा। ऐसी परेशानी से जूझने के बाद भी आरपीएफ मदद के लिए तैयार रहती है।

यात्री से कराई जाती परिजनों से बातः धनबाद रेल मंडल के सहायक मंडल सुरक्षा आयुक्त बीपी सिंह ने बताया कि आपराधिक मामलों में तो केस दर्ज किया जाता है। कई बार लोग 182 पर फोन कर यह बताते हैं कि उनके परिजन ट्रेन में यात्रा कर रहे हैं लेकिन बात नहीं हो पा रही है। ऐसे में पूरी जानकारी लेने के बाद ट्रेन का लोकेशन लिया जाता है और उस क्षेत्र के स्टेशन पर मौजूद आरपीएफ से संपर्क कर यात्री की परिजनों से बातचीत करायी जाती है।

मामला 1

28 अप्रैल को यात्री रवि रंजन अजमेर सियालदह एक्सप्रेस से सफर कर रहे थे। इसी बीच उनका एक बैग चोरी हो गया। उन्होंने हेल्पलाइन नंबर 182 पर आरपीएफ कंट्रोल, धनबाद को सूचना दी। आरपीएफ टीम स्टेशन पर ट्रेन के आने का इंतजार करने लगी। ट्रेन के पहुंचते ही आरपीएफ जवान ने बैग की तलाश शुरू कर दी और चोर को पकड़ लिया।

मामला 2

आयुष अग्रवाल पटना-हटिया एक्सप्रेस में एक अप्रैल को सफर कर रहे थे। उनका सामान चोरी हो गया। उन्होंने 182 पर संपर्क किया। सूचना मिलने के बाद गोमो के पहले स्टेशनों पर आरपीएफ ने जांच शुरू कर दी। आयुष का ट्रॉली बैग पारसनाथ स्टेशन पर लावारिस अवस्था में मिला। बाद में वे अपना सामान ले गए।

अप्रैल में 182 के तहत दर्ज मामले

तिथि- ट्रेन- यात्री- मामला- स्थिति

01 अप्रैल- 18623- आयुष कुमार- बैग चोरी- बरामद

08 अप्रैल- 12801- अतुल त्रिपाठी- बैग चोरी- प्राथमिकी

09 अप्रैल- 12321- ज्योति कुमारी- बैग चोरी- प्राथमिकी

11 अप्रैल- 23348- अजय कुमार- बैग चोरी- प्राथमिकी

11 अप्रैल- 12307- कोमल- फोन व रुपये चोरी- प्राथमिकी

11 अप्रैल- 07007- नवीन पटेल- बैग चोरी- प्राथमिकी

28 अप्रैल- 12988- रवि रंजन- बैग चोरी- बरामद व गिरफ्तार

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