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निजीकरण के विरोध में 26 को देशव्यापी हड़ताल, रेलवे कर्मचारियों ने किया समर्थन Dhanbad News

ईस्ट सेंट्रल रेलवे इंप्लाईज यूनियन से जुड़े मंटू ने बताया कि आंदोलन में सभी यूनियनों को आमंत्रित किया गया है। इस वजह से किसी यूनियन के नामकरण के बजाय संयुक्त संघर्ष समिति का गठन हुआ है। रेलवे कर्मचारियों में निजीकरण के खिलाफ उबाल है।

By MritunjayEdited By: Published: Fri, 20 Nov 2020 01:02 PM (IST)Updated: Sat, 21 Nov 2020 12:35 PM (IST)
निजीकरण का विरोध करते पूर्व मध्य रेलवे धनबाद के कर्मचारी (फाइल फोटो)।

धनबाद, जेएनएन। निजीकरण के खिलाफ 26 नवंबर को होनेवाली देशव्यापी हड़ताल को रेलवे कर्मचारियों ने समर्थन दे दिया है। इसके समर्थन में रेलवे संयुक्त संघर्ष समिति बनी है, जो 22 नवंबर से ही हड़ताल के समर्थन में अभियान शुरू कर देगी। 22 नवंबर को गोमो के ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसि‍एशन के दफ्तर में कंवेंशन का आयोजन होगा। 25 नवंबर की शाम हड़ताल के समर्थन में रेलवे कर्मचारी मशाल जुलूस निकालेंगे। 26 को रेलवे स्टेशन परिसर में धरना-प्रदर्शन होगा।

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ईस्ट सेंट्रल रेलवे इंप्लाईज यूनियन से जुड़े मंटू ने बताया कि आंदोलन में सभी यूनियनों को आमंत्रित किया गया है। इस वजह से किसी यूनियन के नामकरण के बजाय संयुक्त संघर्ष समिति का गठन हुआ है। रेलवे कर्मचारियों में निजीकरण के खिलाफ उबाल है। 26 नवंबर की हड़ताल में इसका प्रभाव दिखेगा। हालांकि दूसरे यूनियन फिलहाल इस हड़ताल को लेकर अपना पत्ता नहीं खोल रहे हैं। यूनियन नेताओं का कहना है कि मुख्यालय स्तर पर दिशा-निर्देश मिलने के बाद ही हड़ताल के समर्थन संबंधी कोई घोषणा की जा सकेगी। दूसरी ओर, रेलवे यूनियन की मान्यता चुनाव भी दिसंबर में संभावित है। इसके लिए मतदाता सूची भी जारी हो चुकी है। बिहार चुनाव खत्म हो चुका है और रेल मंत्रालय से कभी भी चुनाव की घोषणा हो सकती है। इसे लेकर भी यूनियनों की सक्रियता बढ़ी हुई है।


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