Indian Railway News: गार्ड की मौत के बाद टूटी रेलवे की नींद, पाथरडीह पहुंचे डीआरएम को यूनियन ने घेरा
पिछले हफ्ते पाथरडीह साइडिंग में अव्यवस्था के कारण हुई रेलवे गार्ड की मौत का मामला पूर्व मध्य रेल जीएम अनुपम शर्मा के दरबार तक पहुंच चुका है। मुख्यालय से बन रहे दबाव के बाद शुक्रवार को धनबाद के रेल अफसरों का अमला पाथरडीह पहुंचा।
जागरण संवाददाता, धनबाद: पिछले हफ्ते पाथरडीह साइडिंग में अव्यवस्था के कारण हुई रेलवे गार्ड की मौत का मामला पूर्व मध्य रेल जीएम अनुपम शर्मा के दरबार तक पहुंच चुका है। मुख्यालय से बन रहे दबाव के बाद शुक्रवार को धनबाद के रेल अफसरों का अमला पाथरडीह पहुंचा। डीआरएम आशीष बंसल और दूसरे कई अधिकारी थे। डीआरएम पाथरडीह साइडिंग गए। संबंधित विभाग के कर्मचारियों से साइडिंग की मौजूदा स्थिति की जानकारी ली। साइडिंग का हाल भी जाना।
पाथरडीह में अंग्रेजों के जमाने के सिग्नलिंग सिस्टम को बदलकर नए सिगनलिंग सिस्टम लगाए जा रहे हैं। यार्ड का आधुनिकीकरण हो रहा है। इसकी भी अब तक हुई प्रगति देखी। निरीक्षण के दौरान ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन ने डीआरएम से मिलकर मांगों का पुलिंदा सौंपा। यूनियन में भी साइडिंग में हुई गार्ड की मौत को लेकर व्यवस्था में सुधार की मांग की। इस के साथ ही पाथरडीह के बद से बदतर हो चुके रेल आवास, पानी और बिजली की लचर व्यवस्था पर यूनियन ने सवाल उठाए। डीआरएम को यह सुझाव भी दिया कि रेल कॉलोनी की चारदीवारी निर्माण कर घेराबंदी करा दी जाए ताकि अतिक्रमण की समस्या का स्थाई समाधान हो सके। मौके पर शाखा सचिव केके सिंह, शाखा अध्यक्ष बीके साहू , उपाध्यक्ष बीके यादव , आशीष सिंह, संतोष कुमार उपस्थित थे।
क्या है यूनियन की मांगें
- क्वार्टर की जर्जर हालत है। दीवार टूट चुकी है। छत से पानी गिरता रहता है।
- पानी का सप्लाई नियमित रूप से नहीं हो पाता है जबकि सुबह शाम सप्लाई की जरूरत है।
- बिजली की स्थिति कॉलोनी में बहुत ही नाजुक हैं और न ही स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था है।
- आवंटित क्वार्टरों को एक जगह व्यवस्थित कर चारों तरफ से चारदीवारी बनाने की जरूरत है।
- मार्शलिंग यार्ड में पाथवे और लाइट की व्यवस्था अति आवश्यक है क्योंकि जीडीआर ,जीपीओ और टीएक्सआर में कर्मचारियों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता हैं। इसे सुधारा जाए।
- रेलवे साइडिंग की स्थिति दयनीय है जिसके कारण हाल में एक गार्ड की मृत्यु हो गई। हमेशा डिरेलमेंट होता रहता है जिसे सुधारने की जरूरत है।