ऑनलाइन खरीदारी के चक्कर में रेलकर्मी के खाते से 56 हजार की फर्जी निकासी
कमलेश गोपालगंज बिहार के रतनसराय स्टेशन में रेलवे गेटमैन के पद पर कार्यरत है।। उन्होंने तीन फरवरी को मोबाइल के जरिए क्लब फैक्ट्री से ऑनलाइन जैकेट का आर्डर किया था।
By Edited By: Published: Sun, 10 Feb 2019 08:11 PM (IST)Updated: Mon, 11 Feb 2019 12:16 PM (IST)
धनसार, जेएनएन। अगर आप ऑनलाइन खरीददारी करने के शौकीन हैं तो सावधान हो जाएं। आपके साथ भी साइबर अपराधी ठगी कर सकते हैं। ऐसा ही एक मामला धनसार थाना क्षेत्र के दुहाटांड़ में देखने को मिला है। ऑनलाइन जैकेट की खरीदारी करने पर रेलकर्मी कमलेश कुमार के खाते से 56 हजार 117 रुपये की फर्जी निकासी साइबर अपराधियों ने कर ली। कमलेश ने धनसार थाना में शिकायत की है। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।
ऐसे हुई ठगी : कमलेश गोपालगंज बिहार के रतनसराय स्टेशन में रेलवे गेटमैन के पद पर कार्यरत है।। उन्होंने तीन फरवरी को मोबाइल के जरिए क्लब फैक्ट्री से ऑनलाइन जैकेट का आर्डर किया था। जैकेट का साइज छोटा होने के कारण उसे कैंसिल करने के लिए कंपनी के टोल फ्री नंबर पर कॉल किया। पर नंबर नहीं लगा। इसके बाद गुगल वेबसाइट पर क्लब फैक्ट्री का नंबर ढूंढने पर मिला। मिले नंबर पर फोन करने के बाद दूसरी ओर से कहा गया कि 10 मिनट के बाद फोन करूंगा। 10 मिनट बाद उक्त व्यक्ति ने फोनकर एनी डेस्क एप्लीकेशन डाउनलोड करने को कहा। उसके कहने पर कमलेश ने एनी डेस्क एप्लीकेशन को डाउनलोड कर लिया। इसके बाद उसने कमलेश से एनी डेस्क एप्लीकेशन का यूपीआइ पिन नंबर मांगा। पिन नंबर देने पर उसने कमलेश को पैसा खाते में लौटाने की बात कहते हुए खाते में जुड़े मोबाइल नंबर मांगा। कमलेश ने खाते से जुड़े मोबाइल नंबर दे दिया। इसके बाद उसके मोबाइल पर उसके खाते से राशि निकासी मैसेज आने लगा। इस दौरान उसके खाते से 56 हजार उड़ा लिया गया। खुद को ठगी होते देखकर कमलेश ने तुरंत एनी डेस्क एप्लीकेशन को अपने मोबाइल से हटाकर यूपीआइ का पिन नंबर भी बदल दिया।
ऐसे हुई ठगी : कमलेश गोपालगंज बिहार के रतनसराय स्टेशन में रेलवे गेटमैन के पद पर कार्यरत है।। उन्होंने तीन फरवरी को मोबाइल के जरिए क्लब फैक्ट्री से ऑनलाइन जैकेट का आर्डर किया था। जैकेट का साइज छोटा होने के कारण उसे कैंसिल करने के लिए कंपनी के टोल फ्री नंबर पर कॉल किया। पर नंबर नहीं लगा। इसके बाद गुगल वेबसाइट पर क्लब फैक्ट्री का नंबर ढूंढने पर मिला। मिले नंबर पर फोन करने के बाद दूसरी ओर से कहा गया कि 10 मिनट के बाद फोन करूंगा। 10 मिनट बाद उक्त व्यक्ति ने फोनकर एनी डेस्क एप्लीकेशन डाउनलोड करने को कहा। उसके कहने पर कमलेश ने एनी डेस्क एप्लीकेशन को डाउनलोड कर लिया। इसके बाद उसने कमलेश से एनी डेस्क एप्लीकेशन का यूपीआइ पिन नंबर मांगा। पिन नंबर देने पर उसने कमलेश को पैसा खाते में लौटाने की बात कहते हुए खाते में जुड़े मोबाइल नंबर मांगा। कमलेश ने खाते से जुड़े मोबाइल नंबर दे दिया। इसके बाद उसके मोबाइल पर उसके खाते से राशि निकासी मैसेज आने लगा। इस दौरान उसके खाते से 56 हजार उड़ा लिया गया। खुद को ठगी होते देखकर कमलेश ने तुरंत एनी डेस्क एप्लीकेशन को अपने मोबाइल से हटाकर यूपीआइ का पिन नंबर भी बदल दिया।
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