Indian Railways: तो 20 की जगह 12 घंटे में हावड़ा से दिल्ली का तय होगा सफर, जानिए रेलवे का प्लान
रेलवे का हावड़ा-नई दिल्ली मार्ग काफी व्यस्त और महत्वपूर्ण है। यह मार्ग देश की राजधानी दिल्ली को पश्चिम बंगाल समेत पूर्वोत्तर के राज्यों को जोड़ता है। हावड़ा से नई दिल्ली के बीच मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों के पहुंचने में 24 घंटे से ज्यादा का समय लग जाता है।
धनबाद [ तापस बनर्जी ]। हावड़ा से नई दिल्ली के बीच यात्री ट्रेनों को 160 से 200 किमी की रफ्तार से चलाने की तैयारी शुरू हो गई है। हावड़ा से नई दिल्ली का सफर 12 घंटे और धनबाद से नई दिल्ली का सफर 10 घंटे में ही पूरा हो जाएगा। फिलहाल हावड़ा से नई दिल्ली के बीच 20 से 21 घंटे में राजधानी जैसी ट्रेन का सफर पूरा होता है। मेल-एक्सप्रेस तो 24 घंटे से ज्यादा का समय जाया करती हैं। गति को बढ़ाने वाले प्रोजेक्ट के लिए केंद्रीय बजट-2021-22 में 1341 करोड़ रुपये मिले हैं। 2024 तक परियोजना पूरी होने का अनुमान है।
प्रोजेक्ट का सबसे ज्यादा हिस्सा धनबाद रेल मंडल में
हावड़ा-नई दिल्ली के बीच ट्रेनों की गति बढ़ाने वाले प्रोजेक्ट में धनबाद रेल मंडल का बड़ा हिस्सा आएगा। प्रधानखंता से मानपुर तक 202.50 किमी लंबे रेल लाइन पर कई बड़े बदलाव होंगे। सिग्नल प्रणाली को अपग्रेड करने, ओवरहेड तार को अधिक क्षमतायुक्त बनाने और पटरी को मजबूती करने में तकरीबन 913 करोड़ खर्च का आकलन किया गया है। रफ्तार पर ब्रेक न लगे, इसके लिए धनबाद रेल मंडल के हिस्से वाले झारखंड और बिहार के अलग-अलग शहरों में 39 रेल ओवरब्रिज (आरओबी) और रेल अंडरब्रिज यानी सबवे बनेंगे। छोटा आंबोना-प्रधानखंता और भूली-तेतुलमारी के बीच आरओबी बनेंगे। भूली-तेतुलमारी के बीच दो सबवे, तेतुलमारी-निचितपुर के बीच दो सबवे, मतारी-गोमो के बीच आरओबी और गोमो-भोलीडीह के बीच आरओबी बनेंगे।
यह भी पढ़ें- Rail in Godda: इंतजार खत्म, हमसफर से शुरू होगा गोड्डा का रेलगाड़ी का सफर
ईसीआर महाप्रबंधक ने काम में तेजी लाने का दिया निर्देश
झारखंड और बिहार में बनने वाले आरओबी का निर्माण रेलवे और राज्य सरकार मिल कर करेगी। रेलवे की हिस्सेदारी 50 फीसद होगी, शेष राज्य सरकार करेगी। सबवे निर्माण धनबाद रेल मंडल के अधीन होगा। पूर्व मध्य रेल महाप्रबंधक ललित चंद्र त्रिवेदी ने डीआरएम के साथ मुख्यालय में बैठक की और कार्य की प्रगति की जानकारी ली। काम में तेजी लाने का निर्देश दिया।
हावड़ा-नई दिल्ली के बीच ट्रेनों की गति बढ़ाने को लेकर सिग्नल सिस्टम और घुमावदार रेलखंडों पर रेल ट्रैक में बदलाव का काम चल रहा है। प्रोजेक्ट समय पर पूरा होने की पूरी संभावना है।
-राजेश कुमार, सीपीआरओ, पूर्व मध्य रेल