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Weekly News Roundup Dhanbad: रागिनी सीख गईं हर राग, पढ़ें कैसे जम रहा दबंग घराने का रंग

झरिया से विधानसभा चुनाव में हार के बाद रागिनी सियासत के हर रंग को समझने लगी है। सियासत में महज एक साल के अनुभव के बाद रागिनी के पास हर तरह के राग हैं। देवर सिद्धार्थ गौतम को मजदूर राजनीति में और आगे बढ़ा रही हैं।

By MritunjayEdited By: Published: Mon, 25 Jan 2021 08:30 AM (IST)Updated: Mon, 25 Jan 2021 04:02 PM (IST)
Weekly News Roundup Dhanbad: रागिनी सीख गईं हर राग, पढ़ें कैसे जम रहा दबंग घराने का रंग
झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह की पत्न रागिनी सिंह ( फाइल फोटो)।

धनबाद [ अश्विनी रघुवंशी ]। सिंह मेंशन की रागिनी सिंह। साधारण किसान परिवार की बेटी। दबंग घराने की बहू बनकर आई तो मधुर राग के साथ। विधायक रह चुके पति संजीव सिंह लंबे समय से जेल में है। झरिया से विधानसभा चुनाव में हार के बाद रागिनी सियासत के हर रंग को समझने लगी है। सियासत में महज एक साल के अनुभव के बाद रागिनी के पास हर तरह के राग हैं। देवर सिद्धार्थ गौतम को मजदूर राजनीति में और आगे बढ़ा रही हैं। सिंह मेंशन की आन, बान एवं शान को बनाए रखने में अहम भूमिका निभा चुके चाचा ससुर रामाधीर सिंह की पत्नी इंदू देवी का आशीर्वाद लेने में भी कामयाब हो गईं। नाराजगी खत्म। झरिया में किसी को दुख दर्द हुआ तो रागिनी इस कदर पेश आ रही हैं मानो उनके परिवार से हो। जरूरत तो दबंग अंदाज भी। आखिर जेठानी विधायक से मुकाबला जो है।

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दुआ है, शान न उतरे

जिलाधिकारी का अलग रुतबा है तो पुलिस कप्तान का जुदा रसूख। रुतबा और रसूख देखने और दिखाने में किसी का भला हो जाए तो क्या हर्ज। साफ्ट कोक कारखाने को जबरन बंद कराने के लिए निरसा डीएसपी विजय कुशवाहा एवं थानेदार सुभाष सिंह के खिलाफ कठोर कार्रवाई के लिए जिलाधिकारी उमा शंकर सिंह ने पुलिस कप्तान असीम विक्रांत मिंज को परवाना भेज दिया। थानेदार ने गलती की थी तो सिर्फ कह दिया जाता तो खुद पुलिस कप्तान जांच करा लेते। बिना जांच के भी कार्रवाई हो जाती। जिलाधिकारी ने जांच करा थानेदार को दोषी बता दिया। पुलिस कप्तान ने ग्रामीण एसपी आर रामकुमार को प्रशासन की जांच पर गौर करने का दायित्व दे डाला। तब तक निरसा थानेदार सुभाष सिंह सुरक्षित। राम कुमार क्या करेंगे, राम जाने। अलबत्ता, जिलाधिकारी व पुलिस कप्तान एक-दूसरे के सामने से गुजरे तो दुआ है, दोनों की शान न उतरे। 

खाद बनने के पहले खदबदाहट

सिंदरी। कभी इतनी सुंदर और शांत जगह थी कि लोग सुंदरी कहते थे। यकीन न हो तो मीनाक्षी शेषाद्री से पूछ लीजिए। यहीं जन्मी हैैं वो। सिंदरी में खाद कारखाना होता था। सार्वजनिक क्षेत्र की नामचीन कंपनी। विनिवेश हो गया। अब सिंदरी की धरती पर हर्ल कंपनी खाद बनाएगी। हर्ल कंपनी में वर्षांत तक उर्वरक बनना शुरू हो जाएगा। युद्ध स्तर पर कारखाना के भीतर काम चल रहा है तो बाहर रंगदारी के लिए भी उसी रफ्तार से कोलाहल है। कभी लक्की सिंह और उनके समर्थकों के बवाल की धमक सुनाई दे रही है तो कभी किसी और समूह की। सिंदरी में कोयला की ढुलाई के लिए भी रेलवे साइडिंग भी बन गई है। वहां भी रह-रहकर नया झमेला। रासायनिक खाद बनाने के लिए रसायन मिलाने पर खदबदाहट होगी। उससे अधिक खदबदाहट कारखाना के भीतर काली कमाई के लिए है। कप्तान साहब के कान खड़े हैैं। 

पुराना हिसाब चुकता कर लें

बेरमो विधायक जय मंगल सिंह उर्फ अनूप सिंह कांग्रेस के वनभोज में आए तो बीसीसीएल सीएमडी गोपाल सिंह पर आरोपों की झड़ी लगा दी। बोल गए कि सीसीएल के सीएमडी रहते उन्होंने सीएसआर फंड का दुरुपयोग किया था। सीबीआइ जांच के लिए सदन में आवाज उठाएंगे। कांग्रेस कार्यकर्ता भौचक थे कि कुछ दिन बाद सेवानिवृत्त होनेवाले गोपाल सिंह पर इतना काहे गरम हैं। करीबी कांग्रेसी नेता जान रहे थे कि अनूप पुराना हिसाब चुकता करने को आतुर हैं। दरअसल, गोपाल सिंह के पुत्र मृगांक शेखर भाजपा में शामिल हो चुके हैैं। सीसीएल सीएमडी रहते गोपाल सिंह ने सीएसआर फंड से बेरमो में कई योजनाओं की शुरुआत की थी। भाजपा का टिकट मिलता तो मृगांक शेखर को पिता की योजनाओं का स्वाभाविक तौर पर लाभ मिलता। मृगांक शेखर ने संदेश दे डाला है कि बेरमो से उनका नाता नहीं टूटेगा। मतलब कि यह लड़ाई और बढ़ेगी। 


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