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रघुवर दास ने कांग्रेस व वाम दलों पर साधा निशाना, कहा- CM के गृह जिले में मॉब लिंचिंग पर चुप क्यों

पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने दुमका में हुए मॉब लिंचिंग को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि 2019 में तबरेज की मौत को मानवता पर धब्बा बताने वाले अभी क्यो चुप हैं?

By Sagar SinghEdited By: Published: Fri, 15 May 2020 04:31 PM (IST)Updated: Fri, 15 May 2020 04:58 PM (IST)
रघुवर दास ने कांग्रेस व वाम दलों पर साधा निशाना, कहा- CM के गृह जिले में मॉब लिंचिंग पर चुप क्यों
रघुवर दास ने कांग्रेस व वाम दलों पर साधा निशाना, कहा- CM के गृह जिले में मॉब लिंचिंग पर चुप क्यों

धनबाद, जेएनएन। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मॉब लिंचिंग में हुई दुमका के सुभान की मौत को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, कांग्रेस और वाम दलों पर निशाना साधा। शुक्रवार को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर रघुवर ने कहा कि 2019 में तबरेज अंसारी की मौत को मानवता पर धब्बा बताने वाले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, अध्यक्ष सोनिया गांधी, राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलामनबी आजाद और सीपीआई-सीपीएम के नेता 11 मई को मुख्यमंत्री के गृह जिला दुमका में बकरी चोरी के आरोप में मॉब लिंचिंग के शिकार सुभान की मौत पर चुप हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि चार दिन बाद भी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी चुप हैं।

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पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह की घटना निंदनीय व गैरकानूनी है। चाहे वह तबरेज हो या सुभान। उन्होंने मांग किया कि इस मामले की जांच के लिए एसआइटी का गठन होना चाहिए। मृतक की पत्नी और पीड़ित परिवार की आर्थिक मदद की जानी चाहिए। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सवाल किया कि सरकार कहती है कि उनके शासनकाल में मॉब लिंचिंग नहीं होगी। भूख से मौत नहीं होगी। लेकिन, सुभान का मामला तो उनके गृह जिला से जुड़ा हुआ है। इसपर झामुमो अब तक चुप है।

उन्होंने याद दिलाया कि तीन अप्रैल को रामगढ़ जिला के गोला के संग्रामपुर गांव में दलित महिला की भूख से मौत हो गई। इसके लिए कौन जिम्मेदार है। सरकार ऐसे मामलों को दबाने में लगी है, लेकिन मुख्यमंत्री को इन घटनाओं की जिम्मेदारी लेनी होगी। इन्होंने चुनाव में जनता से वादा किया था कि राज्य में मॉब लिंचिंग और भूख से मौत नहीं होगी, इसे अब निभाने का वक्त है।

व्यंग सकते हुए रघुवर ने कहा कि आज किसी को भी आंसू बहाने का समय नहीं मिला। हद तो यह कि बहन प्रियंका को भी ट्वीट करने का समय नहीं मिला। लगता है इन लोगों का आंसू और ट्वीट भी खास लोगों के लिए होता है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि बकरी चोरी का आरोप लगाकर भीड़ ने एक व्यक्ति की मार दिया और राहुल गांधी अब तक चुप हैं। जबकि 17 जून 2019 को सरायकेला में तबरेज अंसारी पर हुए हमले पर मोटे-मोटे आंसू बहाया था। तात्कालीन सरकार पर आरोप लगाया था। इससे एक कदम आगे बढ़कर कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने झारखंड को मॉब लिंचिंग का अड्डा बता दिया था। रघुवर दास ने पूछा कि आज सुभान पर उनकी जुबान क्यों बंद है।

सीपीआई एवं सीपीएम पर तीखा प्रहार करते कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इन पार्टियों के कार्यकर्ता तब सरायकेला गए थे। वर्तमान सरकार में कांग्रेस के मंत्री तब घर जाकर आर्थिक सहायता दिये थे। उस मुद्​दे को तब अंतरराष्ट्रीय मुद्​दा बनाकर देश को बदनाम करने की कोशिश की गयी थी। आज इन सबको क्या हो गया। कोई आर्थिक सहायता या जांच की मांग नहीं की जा रही है। रघुवर ने सभी विपक्षी पार्टियों पर तंज कसते हुए कहा कि ये आज इसलिए चुप हैं, क्योंकि राज्य में झामुमो के नेतृत्व में कांग्रेस, राजद एवं वामपंथियों की अवसरवादी सरकार है। यह दोहरा व्यवहार है।


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