डुमरी गुरुद्वारा में तीन दिवसीय अखंड पाठ का हुआ शुभारंभ
संस डुमरी होला मुहल्ला गुरु पर्व के अवसर पर डुमरी तीन नंबर गुरुद्वारा में शुक्रवार को त
संस, डुमरी : होला मुहल्ला गुरु पर्व के अवसर पर डुमरी तीन नंबर गुरुद्वारा में शुक्रवार को तीन दिवसीय अखंड पाठ का शुभारंभ किया गया। बाबा की पालकी को फूलों व गुरुद्वारा को बिजली लाइट से सजाया गया। बाबा के नाम की अरदास के बाद अखंड पाठ का शुभारंभ किया गया। श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद वितरण किया गया। सेवादारों ने बाबा के दरबार में तन, मन से सेवा की। अखंड पाठ सरदार गुरमीत सिंह ने किया। मौके पर प्रधान ज्ञानी मंगल सिंह, गुरदीप सिंह, कर्म सिंह, कश्मीर सिंह, कुलदीप सिंह, हरजीत सिंह, मोई सिंह, अमन सिंह, मनी सिंह, रोशन सिंह, गगनदीप सिंह, प्रिस सिंह आदि थे।
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मुगमा स्टेशन रोड दुर्गा मंदिर में 14 अप्रैल से श्रीमद भागवत कथा का आयोजन
संस, मुगमा : मुगमा स्टेशन रोड स्थित मां वैष्णो दुर्गा मंदिर की रजत जयंती के अवसर पर सात दिवसीय श्रीमद् भागवत महायज्ञ को लेकर शुक्रवार को मंदिर प्रांगण में बैठक की गई। ग्रामीणों ने निर्णय लिया कि 14 अप्रैल से 21 अप्रैल तक श्रीमद् भागवत महायज्ञ का आयोजन किया जाएगा। महायज्ञ का शुभारंभ कलश यात्रा के साथ की जाएगी। मथुरा से आ रहे कथावाचक कान्हा कौशिक महाराज प्रति दिन श्रीमद् भागवत की कथा सुनाएंगे।
बैठक में डॉ. बीके सिन्हा, डॉ. आनंद, ललित पासवान, रामसागर ठाकुर, रामकृपाल शर्मा, प्रमोद कुमार, रमेश कुमार, विक्की शर्मा, संतोष मल्लाह, दुर्गेश यादव आदि मौजूद थे।
------------------------ कलयुग के प्रभाव से ही समाप्त हो रहे संस्कार : साध्वी सीता
संस, पूर्वी टुंडी : मोहलीडीह नीललकंठ मंदिर में आयोजित सात दिवसीय श्रीश्री लक्ष्मीनारायण महायज्ञ में श्रद्धालुओं की खूब भीड़ उमड़ रही है । यज्ञ मंडप का फेरा लगाने के लिए सुबह में कई गांवों से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। वहीं रात में प्रवचन का आयोजन किया जा रहा है। सात दिवसीय इस महायज्ञ में दिन के वक्त पूजा अर्चना के साथ भंडारे व रात में भक्ति जागरण से पूरा क्षेत्र भक्तिमय बना हुआ है। वहीं साध्वी सीता सहचरी ने अपने प्रवचन से श्रोताओं को भावविभोर कर रही हैं। उन्होंने कलयुग के प्रभाव, उसके प्रसार व उसके समापन के बारे श्रोताओं को विस्तार पूर्वक बताया। साध्वी ने कहा कि संस्कार का समापन कलयुग के प्रसार को बढ़ाता है। आज के दौर में कलयुग का ही प्रभाव है कि संस्कार समाप्त हो रहे हैं। यदि हम समय रहते नहीं जागे तो फिर जगने का समय ही नहीं मिलेगा। आसपास के कई गांवों से सैकड़ों की संख्या में भक्त प्रवचन कथा सुनने व भक्ति जागरण में शामिल होने पहुंचे थे।