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द्वार से सरकार के लाैटते ही बेपटरी हुआ झारखंड का सिस्टम, अब 19 लाख फरियादियों की आवाज काैन सुनेगा ?

झारखंड में पंचायतों में राजस्व कर्मचारी के बैठने का दिन निर्धारित नहीं है। अंचल अधिकारियों से मिलना आसान है राजस्व कर्मचारी से मिलना मुश्किल। उन्हें पंचायत से जोडऩे की बात होती है तो बचाव में सीओ व सीआइ उतर आते हैं।

By MritunjayEdited By: Published: Wed, 19 Jan 2022 09:25 AM (IST)Updated: Wed, 19 Jan 2022 09:25 AM (IST)
द्वार से सरकार के लाैटते ही बेपटरी हुआ झारखंड का सिस्टम, अब 19 लाख फरियादियों की आवाज काैन सुनेगा ?
आपका अधिकार, आपकी सरकार, आपके द्वार कार्यक्रम के दाैरान लिए गए आवेदनों पर सुनवाई नहीं ( प्रतीकात्मक फोटो)।

बीके पाण्डेय, बोकारो। आपका अधिकार, आपकी सरकार, आपके द्वार कार्यक्रम दो माह तक राज्य में चला। सीएम हाउस तक फीडबैक गया कि शत-प्रतिशत काम हो रहा है। गति बढ़ी है। यह भी लगा कि इस कवायद से अधिकारी कार्यप्रणाली सुधारेंगे, तंत्र की रफ्तार तेज होगी, अधिसंख्य आवेदनों का निष्पादन होने लगेगा, मगर स्थिति और खराब हो गई। राज्य में आय, आवासीय, जाति, जन्म, मृत्यु प्रमाण पत्र के 19 लाख से अधिक आवेदन लंबित हो गए हैं। बोकारो में ही ये 50 हजार से अधिक हैं। हैरत की बात ये कि कार्यक्रम सितंबर में शुरू हुआ था, तब लंबित आवेदन 46 हजार ही थे। राइट टु सर्विस एक्ट का प्रचार खूब होता है, मगर इसे लागू करने में स्थानीय प्रशासन गंभीर नहीं है। आय-आवासीय व जाति प्रमाणपत्र समय पर उन्हीं का बनता है, जो कर्मचारी के यहां हाजिरी लगाएं, उनका आशीर्वाद पाएं। नहीं तो घूमते रहिए, सुनवाई नहीं होगी।

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राजस्व कर्मचारी से मिलना बहुत मुश्किल

पंचायतों में राजस्व कर्मचारी के बैठने का दिन निर्धारित नहीं है। अंचल अधिकारियों से मिलना आसान है, राजस्व कर्मचारी से मिलना मुश्किल। उन्हें पंचायत से जोडऩे की बात होती है तो बचाव में सीओ व सीआइ उतर आते हैं। एक के पास तीन से पांच पंचायत का काम है। जरूरी है वे सप्ताह में एक दिन तो पंचायत में पहुंचें, ये नहीं हो पा रहा। आवेदन देने से पहले कर्मचारी से मिलना है। जांच कराकर संबंधित राजस्व कर्मचारी का हस्ताक्षर लेना है। तब आवेदन पंचायत के प्रज्ञा केंद्र में अपलोड कराना होता है। फिर राजस्व कर्मचारी व पंचायत स्वयंसेवक से मिलना होता है, तब आवेदन सीआइ और सीओ तक पहुंचता है।

11 साल से कानून लागू

झारखंड राज्य सरकारी सेवा अधिनियम 2011 राज्य में 11 साल से लागू है। छह साल से झारसेवा का साफ्टवेयर काम कर रहा है। काम की समय-सीमा निर्धारित है। फिर भी काम नहीं होता। तय समय सीमा में काम नहीं करने वाले अधिकारी और कर्मचारी पर दंड का प्रविधान है, मगर कार्रवाई किसी पर नहीं हुई।

          बोकारो की स्थिति

          प्रमाण पत्र    लंबित आवेदन

  • - आवासीय प्रमाण पत्र- 20457
  • - आय प्रमाण पत्र- 9788
  • - पिछड़ा वर्ग जाति प्रमाण पत्र- 2677
  • - जाति प्रमाण पत्र- 11505
  • - सामाजिक सुरक्षा पेंशन- 1096
  • - अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र- 912
  • - अनुसूचित जनजाति प्रमाणपत्र- 767
  • - ईडब्ल्यूएस आय प्रमाण पत्र- 574
  • - मृत्यु प्रमाण पत्र- 93
  • - विवाह पंजीकरण प्रमाण- 36

राज्य के कितने आवेदन लंबित

  • बोकारो- 50709
  • साहिबगंज- 53896
  • पाकुड़- 26367
  • दुमका- 49636
  • देवघर- 47101
  • गोड्डा- 62132
  • जामताड़ा- 15470
  • गिरिडीह- 104184
  • धनबाद- 135034
  • रांची- 259735
  • चतरा- 60472
  • गढ़वा- 99330
  • गुमला- 54469
  • हजारीबाग- 149574
  • खूंटी- 48514
  • कोडरमा- 45887
  • लातेहार- 54912
  • लोहरदगा- 24956
  • पलामू- 213637
  • रामगढ़- 58345
  • सरायकेला-खरसावां- 84181
  • सिमडेगा- 64373
  • पूर्वी सिंहभूम- 85634
  • पश्चिम सिंहभूम- 86637
  • कुल- 19,35, 235

सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के दौरान आवेदनों की संख्या बढ़ गई है। इस बीच कोरोना का प्रकोप बढ़ गया। इस कारण आवेदनों के निष्पादन में समय लग रहा है। जल्द ही इसे ठीक कर लेंगे।

-सदात अनवर, अपर समाहर्ता, बोकारो


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