Janta Curfew: कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई को बाबा बैद्यनाथ का माैन समर्थन, देवघर में लॉकडाउन-सा नजारा
भक्तों से भरा रहने वाला बाबा मंदिर परिसर पूरी तरह से खाली था। तीर्थ पुरोहित बाबा मंदिर में बैठकर इस घोर से संकट से निजात दिलाने के लिए बाबा से कामना करते हुए जाप कर रहे थे।
देवघर, जेएनएन। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर रविवार को जनता कर्फ्यू का खासा असर देवाधिदेव महादेव की नगरी में भी देखने को मिला। शहर से लेकर गांव तक सन्नाटा पसरा हुआ था। ऐसा लग रहा था कि बाबा बैद्यनाथ का भी जनता कर्फ्यू को माैन समर्थन हो। प्रतिदिन हजारों की संख्या में यहां बाबा बैद्यनाथ की पूजा करने भक्त आते हैं। रविवार को भक्त नहीं दिखे। बाबा नगरी में लॉकडाउन-सा नजारा रहा।
अमूमन भक्तों से भरा रहने वाला बाबा मंदिर परिसर पूरी तरह से खाली था। मंदिर के अंदर बेलपत्र, फूल के अलावा धूप व दीप आदि की सजने वाली दुकानों को प्लास्टिक से बांधकर ढंक दिया गया था। सफाई कर्मी मास्क पहनकर अपने कार्य में मुस्तैद दिखे। कुछ तीर्थ पुरोहित बाबा मंदिर के चबूतरे पर बैठकर इस घोर से संकट से निजात दिलाने के लिए बाबा से कामना करते हुए जाप कर रहे थे। वहीं बाबाधाम व देवघर स्टेशन के अलावा जसीडीह व मधुपुर स्टेशन पर भी आवाजाही नहीं के बराबर थी। आसनसोल-झाझा मेमू सवारी ट्रेन का परिचालन सुबह हुआ भी तो यात्री गिने-चुने नजर आए। पेड़ा नगरी कहे जाने वाले घोरमारा में भी सन्नाटा छाया हुआ था। टिकट काउंटर पर रेल कर्मियों तो बैठे थे, लेकिन यात्री नहीं पहुंच रहे थे। जबकि बस स्टैंड पर पूरी तरह से खाली था। बस व अन्य सवारी गाडिय़ों का परिचालन नहीं हो रहा था।
कहना न होगा कि प्रधानमंत्री के आह्वान का अनुसरण करते हुए जो दुकानें रात में बंद हो गई थी, वह नहीं खुली। सुबह सात बजे से पूरी तरह से जनता कर्फ्यू का असर दिखने लगा था। बरमसिया, सत्संग, वीआईपी चौक, मुख्य बाजार, टावर चौक, रांगा मोड, झौसागढ़ी, नौलक्खा, पांडे मोड़, कुंडा, बैजनाथपुर सहित पूरे जिले में सन्नाटा पसरा हुआ था। मुख्य मार्ग हो या आम सड़क मुश्किल से एक-दो लोग कभी-कभार नजर आ जा रहे थे। इक्का-दुक्का दुकानों को छोड़ दे तो सभी दुकानें बंद थी। लोगों ने घर पर ही रहकर वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण से लडऩे में सरकार व प्रशासन का भरपूर सहयोग किया। चिकित्सक व चिकित्सा कर्मी के अलावा पुलिस व सफाई कर्मी अपने काम में पूरी तरह से मुस्तैद थे। वहीं पुलिस पदाधिकारियों व जवान पूरी मुस्तैदी से बाहर से आने वाले वाहनों की जांच कर रहे थे।
मधुपुर में असरदार रहा जनता कर्फ्यू
मधुपुर में जनता कर्फ्यू असरदार रहा। सभी वर्ग व समुदाय के लोग जनता कर्फ्यू को समर्थन देते हुए अपने घरों से नहीं निकले। सभी सरकारी व गैर सरकारी प्रतिष्ठान बंद रहे। शहर के स्टेशन रोड, गांधी चौक, रामचन्द्र हटिया बाजार, थाना रोड, नगरपालिका रोड, राजबाड़ी रोड, डालमियां कूप, एसआर डालमियां रोड, भगत सिंह चौक, पंच मंदिर रोड, अग्रसेन भवन रोड, कुंडू बंगला रोड, खलासी मोहल्ला, मीना बाजार, पत्थल चपटी रोड समेत सभी जगह की दुकाने बंद रही। सड़कों पर बस, ऑटो, समेत मालवाहक वाहनों का आवागमन नहीं हुआ। सड़क पर इक्का-दुक्का लोग मोटरसाइकिल से नजर आए। वही स्टेशन पर एक भी यात्रियों की आवाजाही नहीं हुई। इसके बाद भी सुरक्षा को लेकर आरपीएफ और रेलवे प्रबंधक रेल कर्मचारी और अधिकारियों के साथ तत्पर रहे। बाहरी व्यक्तियों को स्टेशन पर आने पर रोक लगा दी गई। हालांकि स्टेशन पर रेल कर्मचारी मास्क पहनकर काम करते नजर आए।
जनता कर्फ्यू के कारण रविवार को रिखिया में लगने वाली साप्ताहिक हाट नहीं लगा। वही मोहनपुर बाजार व पेड़ा नगरी घोरमारा में सन्नाटा छाया रहा। जनता कर्फ्यू का असर गांव में भी देखा गया। रविवार को दिन भर लोग घर से बाहर नहीं निकले। सड़कों की गाडिय़ों का आवागमन नहीं के बराबर था। मारगोमुंडा चौक, मारगोमुंडा बजार, लहरजोरी मोड़, पिपरा मोड़ सहित सभी जगहों पर सन्नाटा छाया रहा। अन्य दिनों मारगोमुंडा चौक पर सुबह होते ही मधुपुर के लिए गाड़ी पकडऩे के लिए लोगों का भीड़ लगी रहती थी, जो नहीं देखा गया। करौं प्रखंड मुख्यालय समेत बसकूपी, मदनकट्टा, टेकरा, सिरसा, पथरौल समेत ग्रामीण क्षेत्रों में सन्नाटा पसरा रहा। सारवां में भी दुकानें बंद थी और सड़क पर सन्नाटा पसरा हुआ था।