Move to Jagran APP

इंसान की जान बचाने में इस्पात उद्योगों का फूल रहा दम, इन्हें भी चाहिए Oxygen

स्टील उद्योग के लिए एक तरह से ऑक्सीचन कच्चा माल है। कोरोना की दूसरी लहर में इंसान की जान बचाने के लिए ऑक्सीजन की सप्लाई पूरी तरह अस्पतालों की तरफ मोड़ दी गई है। इस कारण स्टील उत्पादन प्रभावित हो रहा है।

By MritunjayEdited By: Published: Sat, 15 May 2021 08:50 AM (IST)Updated: Sat, 15 May 2021 08:50 AM (IST)
इंसान की जान बचाने में इस्पात उद्योगों का फूल रहा दम, इन्हें भी चाहिए Oxygen
स्टील उद्योग में लगा फार्नेश ( फाइल फोटो)।

बोकारो [ बीके पाण्डेय ]। एक और पूरा देश में जहां ऑक्सीजन के मेडिकल उपयोग को लेकर मारामारी है। वहीं, इस्पात उद्योग ऑक्सीजन के गंभीर संकट से गुजर रहे हैं। इसका असर अब उद्योगों पर पड़ने लगा है। जल्द स्थिति सामान्य नहीं हुई तो कई उद्योगों को उत्पादन बंद करना होगा। इसका खासा असर बोकारो के उद्योगों पर पड़ा है। चूंकि, गृह मंत्रालय ने 25 अप्रैल, 2021 को पत्र जारी कर लिक्विड ऑक्सीजन के औद्योगिक उपयोग पर पूर्ण पाबंदी लगा दी है। इस आदेश के बाद से कई उद्योग प्रबंधन परेशान है। जल्द स्थिति सामान्य नहीं हुई तो देश में स्टील उत्पादन पर गहरा प्रभाव पड़ेगा। स्टील उद्योग के लिए एक तरह से ऑक्सीचन कच्चा माल है। कोरोना की दूसरी लहर में इंसान की जान बचाने के लिए ऑक्सीजन की सप्लाई पूरी तरह अस्पतालों की तरफ मोड़ दी गई है। 

loksabha election banner

और भी परेशानी

इस्पात उद्योग के सामने सिर्फ ऑक्सीजन का संकट नहीं है। एक दूसरी परेशानी मुंबई, कोलकाता, राजस्थान व दिल्ली में लगे लॉकडाउन के कारण हो रहा है। चूंकि बोकारो में बोकारो स्टील , इलेक्ट्रोस्टील को छोड़कर गैसियस ऑक्सीजन का उत्पादन कोई नहीं करता है। ऐसे में, बड़े उद्याेग तो चल रहे हैं, लेकिन छोटी इकाईयां प्रभावित हो रही है। चूंकि पूरे देश में ऑक्सीजन को लेकर हो हल्ला मचा हुआ है इसलिए यह उद्योग किसी तरह मैनेज कर अपने-अपने संयंत्र को संचालित कर रहे हैं। कई औद्योगिक इकाइयों ने अपने उत्पादन को कम किया है । फिलहाल 15 दिनों से अपने मजदूरों को इधर-उधर एडजस्ट कर चला रहे हैं । ऑक्सीजन का उपयोग करने वाले उद्योग प्रबंधन का कहना है कि यह स्थिति लंबे समय तक नहीं चल सकती है। यदि ऑक्सीजन की सप्लाई सामान्य नहीं हुई तो कई उद्योगों को बंद करना पड़ेगा। इससे बेरोजगारी की समस्या उत्पन्न हो सकती है । दूसरी ओर छोटे-छोटे काम लेकर अलग-अलग अपना वर्कशॉप चलाने वाले ऑटो पार्ट्स के गैरेज , फर्नीचर दुकान जहां की स्टील प्लेट को ऑक्सीजन से काटने का काम किया जाता है । उन्हें सिलेंडर नहीं मिल रहा है।

बोकारो में कहां-कहां होती है जरूरत

सभी स्पंज आयरन, एलाय स्टील प्लांट के अतिरिक्त मशीन शॉप का कमा करने वाले उद्योग शामिल हैं। इसमें अकेले बियाडा में 10 स्पंज आयरन व एलॉय स्टील प्लांट है । कास्टार्न टेक्नोलॉजी, शिवप्रिया इस्पात, सुंदरम स्टील, ईस्ट इस्पात, कल्याणेश्वरी, हनुमान एलाय, इंद्रानी इस्पात, श्री भोले एलाय सहित अन्य शामिल सभी उद्योगों में कम से कम 300 से 500 मजदूर काम करते हैं। इन उद्योगों में प्रत्येक दिन 25 से 50 सिलिंडर की खपत थी। आपूर्ति बंद है इस वजह से बाजार मे मांग के बावजूद इन उद्योगों में काम का घंटा घटाया गया। कहीं-कहीं दूसरे उपाय किए जा रहे हैं। इस कमी का प्रभाव रेलवे के वर्कशॉप पर भी पड़ा है। रेलवे लाइन, कोच के मरम्मत सहित अन्य काम में ऑक्सीजन का उपयोग होता था। इन सभी को बोकारो के चारों सिलिंडर बॉटलिंग प्लांट से आपूर्ति होती थी।

ऑक्सीजन का औद्योगिक उपयोग

  • लोहा को काटने के काम में ।
  • लोहा गलाने के काम में ।
  • किसी भी फार्नेश की ज्वलनशीलता बढ़ाने का काम में ।
  • पेंटिंग उद्योग व अन्य कार्य में ।

क्या कहते हैं उद्योग के प्रबंधन

सुदंरम स्टील में तीन सौ मजदूर काम करते थे। यहां के प्रबंधक तापस प्रधान का कहना है कि जैसे मुनष्य के लिए ऑक्सीजन जरूरी है उसी प्रकार स्टील उद्योग की सांस भी ऑक्सीजन पर ही चलती है। दो फार्नेश में से एक को बंद कर दिया गया है। ऑक्सीजन का अल्टरनेट उपयोग किया जा रहा है। चूंकि सभी मजदूर प्रशिक्षित हैं हटा नहीं सकते हैं पर स्थिति जल्द सामान्य हुई तो चलाना मुश्किल होगा। वहीं इस्टर्न ऑक्सीजन के राहुल कुमार सिंह का कहना है कि सरकार से पूरी तरह पाबंदी है। ऐसे में उद्योगों को दिया जाने वाला गैस नहीं दिया जा रहा है। चूंकि यह ही उद्योग उनके नियमित ग्राहक हैं। यदि उन लोगों ने अपना प्लांट स्थापित कर लिया तो भविष्य में ऑक्सीजन प्लांट के लिए खतरा हो जाएगा। कुछ बीच का रास्ता निकालना होगा।

बोकारो में ऑक्सीजन की औद्योगिक खपत एक नजर में

  • स्पंज आयरन व एलाय प्लांट में : 400 सिलिंडर प्रतिदिन
  •  रेलवे में प्रतिदिन खपत : 50 सिलिंडर
  • बियाडा के अन्य उद्योगों में खपत : 100 सिलिंडर
  • बाहर के वर्कशॉप व अन्य उद्योग : 100 सिलिंडर

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.