SC प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष ने भाजपा जिलाध्यक्ष का पुराना फोटा किया वायरल, सासंद आवास में तू तू-मैं मैं Dhanbad News
Dhanbad BJP dispute मिथिलेश राम का कहना था कि वे तकनीकि तौर पर अधिक सक्षम नहीं हैं। गलती से यह पुरानी तस्वीरें दूसरे ग्रुप में शेयर हो गई।
धनबाद, जेएनएन। भाजपा जिलाध्यक्ष चुनाव को लेकर सरगर्मी चरम पर है। हर कोई लॉबिंग में व्यस्त है और दूसरे की बिगाड़ने में भी। किसी न किसी बहाने नेताओं का आपसी भिड़ंत भी होता रहता है। मंगलवार को धनबाद के वर्तमान जिलाध्यक्ष चंद्रशेखर सिंह और अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष मिथिलेश राम के बीच भी भिड़ंत हो गई। तू तू-मैं मैं के बाद धनबाद के सांसद पीएन सिंह ने मामले को सुलझाया।
मैथन डैम और पीडीसी राशन गड़बड़ी से संबंधित फोटा हुआ वायरल
दरअसल राम सासद आवास पहुंचे थे। भाजपा जिलाध्यक्ष पद के दावेदार मुकेश पांडेय भी उपस्थित थे। वहां पहुंचते ही उन्होंने लॉकडाउन के दौरान जिला अध्यक्ष के वाहन में पीडीएस का अनाज लोड करती तस्वीर के साथ ही एक महिला के साथ मैथन में घूमने की पुरानी तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल कर दी। यह तस्वीर मोदी आहार नामक भाजपा के वाट्सएप ग्रुप पर भी वायरल हो गई। जिला अध्यक्ष को फोन पर यह जानकारी मिली तब वे भी सांसद आवास में ही थे। फिर क्या था दोनों में ठन गई। अध्यक्ष का मानना था कि प्रतिद्वंद्वी की शह पर मिथिलेश ने यह किया है। तू तू-मैं मैं के बीच दोनों ने एक दूसरे को देख लेने की धमकी भी दी। किसी ने अपनी ठसक दिखाई तो किसी ने जिले का दम भरा। हंगामा हुआ तो सांसद ने दोनों को बैठाया और शांत किया। अपने तरीके से मिथिलेश राम को समझाया। तब जाकर मामला शात हुआ।
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राज्यसभा चुनाव बाद हो सकती जिलाध्यक्ष के नाम की घोषणाा
यूं जिला अध्यक्ष की घोषणा की तिथि करीब आते देख सांसद आवास पर हाजिरी देने वालों की भीड़ भी जमने लगी है। घटना के बारे में मिथिलेश राम का कहना था कि वे तकनीकि तौर पर अधिक सक्षम नहीं हैं। गलती से यह पुरानी तस्वीरें दूसरे ग्रुप में शेयर हो गई। दूसरी तरफ जिला अध्यक्ष का कहना था कि गलती से एक ग्रुप में हो सकता है। उन्होंने कई ऐसे ग्रुप में इसे शेयर किया, जिसमें भाजपा के ही नेता हैं। यह मर्यादा का उल्लंघन है। प्रतिद्वंद्विता साफ-सुथरे तरीके से भी निभाई जा सकती है। हालाांकि उन्होंने राम की शिकायत किसी से करने से इन्कार किया।
रास चुनाव बाद घोषणा की अटकलें
इधर चर्चा है कि जिला अध्यक्षों की घोषणा राज्यसभा चुनाव तक टाली जा सकती है। धनबाद, देवघर, हजारीबाग, राची, खूंटी, जमशेदपुर में जिला अध्यक्षों को लेकर काफी खींचतान है। हर जगह सांसद-विधायक अपने चहेतों को फिट करना चाहते हैं। कई जगह सासद व विधायकों के बीच भी परिवर्तन को लेकर खींचतान है। ऐसे में इसका असर रास चुनाव पर न पड़े व उसकी तैयारी में कोई कोर कसर न रह जाए लिहाजा घोषणा रास चुनाव बाद करने की चर्चा है।
ग्रामीण जिलाध्यक्ष घोषित होने की भी संभावना
झाविमो के भाजपा में विलय के बाद उसके नेताओं को उचित सम्मान देने की भी तरकीबें सोची जा रही है। ऐसे में धनबाद में ग्रामीण जिला कमेटी बनाने पर भी चर्चा शुरू हो गई है। जानकारी के मुताबिक इसमें निरसा, टुंडी, बाघमारा के इलाके होंगे। इसके लिए लगभग 10 वर्ष से कवायद की जा रही है। यह स्थानीय नेतृत्व को उभारने के लिहाज से की जा रही है। साल भर पहले पार्टी ने सैद्धांतिक तौर पर ग्रामीण जिला कमेटी बनाने का निर्णय भी ले लिया था लेकिन वर्तमान कमेटी के दबाव में यह संभव नहीं हो सका।