SNMMCH Dhanbad: महिला मरीजों के साथ गंदी हरकतों के बाद चाक-चाैबंद की जा रही सुरक्षा व्यवस्था, खुलेगा स्थाई पुलिस पिकेट
SNMMCH Dhanbad परिसर में पिछले 6 महीने की बात करें तो चोरी और छेड़खानी की घटनाएं काफी बढ़ गई। वार्ड में घुसकर आए दिन मरीज और उसके तीमारदार के साथ छेड़खानी की जा रही है। दुष्कर्म की घटनाएं भी घट चुकी हैं।
जागरण संवाददाता, धनबाद। जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एसएनएमएमसीएच में आए दिन अपराधिक घटनाओं को देखते हुए पुलिस प्रशासन की ओर से अस्पताल परिसर में स्थाई पुलिस पिकेट बनाया जाएगा। एसएसपी संजीव कुमार के निर्देश पर पुलिस विभाग की एक टीम ने अस्पताल परिसर में पुलिस पिकेट के लिए स्थल का निरीक्षण किया। अस्पताल के अधीक्षक डॉ अरुण कुमार वर्णवाल ने स्थल उपलब्ध कराने की बात कही है। अब जल्दी प्रशासनिक स्तर पर यहां पर पिकेट बनाने की तैयारियां शुरू की जाएगी।
इमरजेंसी के पास फिलहाल रहेगा स्थाई पुलिस पिकेट
फिलहाल इमरजेंसी के बगल में एक शेड का निर्माण कराया जाएगा। इसका काम एक-दो दिन में शुरू कर दिया जाएगा। जहां पर अस्थाई रूप से एक शेड में पुलिस के जवान रहेंगे। अधीक्षक ने बताया की इमरजेंसी में आए दिन हंगामा होने की घटना को देखते हुए इसे तैयार किया जा रहा है। पुलिस प्रशासन की ओर से यहां पर जवान दिए जाएंगे। फिलहाल अस्पताल परिसर के अंदर में कुछ पुलिस के जवान रहते हैं। अब वह यहां शेड में रहेंगे।
छेड़खानी और चोरी की घटना से मरीज से लेकर अस्पताल प्रबंधन परेशान
अस्पताल परिसर में पिछले 6 महीने की बात करें, तो चोरी और छेड़खानी की घटनाएं काफी बढ़ गई। वार्ड में घुसकर आए दिन मरीज और उसके तीमारदार के साथ छेड़खानी की जा रही है। वहीं, आए दिन मरीजों के मोबाइल और जरूरी सामान गायब हो जा रहे हैं। इससे एक ओर जहां मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, तो दूसरी और अस्पताल प्रबंधन भी परेशान है। इसी को देखते हुए अस्पताल में अब सुरक्षा की चाक-चौबंद व्यवस्था के लिए तैयारियां तेज हो गई हैं। अस्पताल में आने वाले हर संदिग्ध लोगों की अब जांच की जाएगी।
अस्पताल में मरीजों की सुरक्षा सबसे सर्वोपरि है। बेहतर इलाज के साथ उन्हें सुरक्षा दिलाना अस्पताल प्रबंधन का कर्तव्य है इसी को देखते हुए अब यहां पुलिस पिकेट के लिए तैयारियां शुरू हुई है। उम्मीद है कि जल्द ही यह मूर्त रूप लेने लगेगा इसके लिए जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन का भरपूर सहयोग मिल रहा है
-डा अरुण कुमार वर्णवाल, अधीक्षक, एसएनएमएमसीएच