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Waste generator का दाग धोकर प्लास्टिक फ्री बनेगी Indian Railway, जानिए तैयारी

भारतीय रेल की पहचान वेस्ट जेनरेटर के रूप में बनी है। यानी सबसे ज्यादा कूड़ा यहीं से निकलता और फैलता है। इसमें प्लास्टिक का कचरा भी शामिल है।

By Edited By: Published: Wed, 21 Aug 2019 08:23 PM (IST)Updated: Thu, 22 Aug 2019 10:43 AM (IST)
Waste generator का दाग धोकर प्लास्टिक फ्री बनेगी Indian Railway, जानिए तैयारी
Waste generator का दाग धोकर प्लास्टिक फ्री बनेगी Indian Railway, जानिए तैयारी
धनबाद, जेएनएन। दो अक्टूबर से रेलवे में 50 माइक्रॉन से कम वाले प्लास्टिक पर प्रतिबंध लग जाएगा। रेल परिसर को पूरी तरह प्लास्टिक फ्री बनाने की कवायद के तहत मंत्रालय ने यह निर्णय लिया है। रेलवे बोर्ड के पर्यावरण निदेशालय ने इस संबंध में सभी जोन को आदेश जारी कर दिया है।
भारतीय रेल की पहचान वेस्ट जेनरेटर के रूप में बनी है। यानी सबसे ज्यादा कूड़ा यहीं से निकलता और फैलता है। इसमें प्लास्टिक का कचरा भी शामिल है। भविष्य में ऐसा न हो इसके लिए यह तय हुआ है कि ऐसे प्लास्टिक मेटेरियल जिनका सिर्फ एक बार ही उपयोग होता हो, उसे रेलवे परिसर में प्रतिबंधित कर दिया गया है। आइआरसीटीसी वापस लेगी इस्तेमाल की गई प्लास्टिक की बोतलें धनबाद : आंकड़ों पर गौर करें तो अकेले धनबाद रेलवे स्टेशन में रोजाना तकरीबन 18 सौ प्लास्टिक के पानी बोतलों का इस्तेमाल होता है। देशभर के स्टेशनों को मिलाकर यह आंकड़ा लाखों में है। यही वजह है कि अब आइआरसीटीसी को नई व्यवस्था बहाल करने को कहा गया है जिसके तहत इस्तेमाल की गई प्लास्टिक की बोतलें वापस ली जाएंगी।
       खास बातें
  • रेलवे वेंडर प्लास्टिक के कैरी बैग का नहीं करेंगे इस्तेमाल
  • रेलवे कर्मचारियों को भी इसके लिए जागरूक किया जाएगा।
  • दो अक्टूबर को प्लास्टिक का उपयोग न करने की अधिकारी लेंगे शपथ

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