Move to Jagran APP

Weekly News Roundup Dhanbad: भाई को मृत मानिए हुजूर... पढ़ें रंजन की गुमशुदगी के 18 साल बाद कहानी में नया ट्विस्ट

जेल अधीक्षक अजय कुमार जिला एवं सत्र न्यायाधीश रवि रंजन की अदालत में खड़े थे। हाथ जोड़े। चार दिन पहले उन्होंने अचानक झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह को दुमका कारा रवाना कर दिया था। न्यायिक आदेश था कि संजीव सिंह को धनबाद जेल से कहीं नहीं भेजा जाए।

By MritunjayEdited By: Published: Mon, 01 Mar 2021 08:44 AM (IST)Updated: Mon, 01 Mar 2021 10:21 PM (IST)
Weekly News Roundup Dhanbad: भाई को मृत मानिए हुजूर... पढ़ें रंजन की गुमशुदगी के 18 साल बाद कहानी में नया ट्विस्ट
राजीव रंजन सिंह के अनुज सिद्धार्थ गाैतम उर्फ मनीष ( फाइल फोटो)।

धनबाद [ अश्विनी रघुवंशी ]। कोरोना काल में रिलीज हुई कागज फिल्म के नायक सरकारी दस्तावेजों में मृत घोषित कर दिए गए। वे खुद को जिंदा साबित करने के लिए आजीवन लड़ते रहे। यहां सिंह मेंशन के सरताज स्वर्गीय सूर्यदेव सिंह के पुत्र राजीव रंजन सिंह 2003 में गायब हो गए थे। प्राथमिकी दर्ज हुई। सीआइडी जांच के आदेश भी हुए। 18 साल के बाद भी न राजीव रंजन मिले, न उनकी लाश। शक था कि खुद को यूपी का डॉन बताने वाले बृजेश सिंह ने उन्हें गायब कराने में भूमिका निभाई थी। जो बृजेश सिंह पुलिस की पकड़ से कोसों दूर थे, वो अचानक धरा भी गए। उनके पीछे भी लोग गए थे। खैर, यह हुई कहने-सुनने की बात। अब छोटे भाई सिद्धार्थ गौतम न्यायालय में फरियाद लगा रहे हैैं कि अग्रज को मृत माना जाए। कारण कि जबतक राजीव रंजन कानूनन जीवित हैैं, दस्तावेजों में दिक्कत होती रहेगी।

loksabha election banner

...और मानिए गलत आदेश

जेल अधीक्षक अजय कुमार जिला एवं सत्र न्यायाधीश रवि रंजन की अदालत में खड़े थे। हाथ जोड़े। चार दिन पहले उन्होंने अचानक झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह को दुमका कारा रवाना कर दिया था। यद्यपि, पूर्व का न्यायिक आदेश था कि संजीव सिंह को धनबाद जेल से कहीं नहीं भेजा जाए। अदालत की अवमानना हो गई थी। जिला जज रवि रंजन नाराजगी जता रहे थे। उनकी भाव-भंगिमा जितनी सख्त हो रही थी, जेल अधीक्षक उतना थरथरा रहे थे। जुबान पर एक ही बात, हुजूर दोबारा गलती नहीं होगी। बोलते-बोलते बोल गए कि बड़े साहबों का आदेश था। न्यायालय में मौजूद हर कोई अवाक। सब जानने को उत्सुक थे कि संजीव को दूसरी जेल में भेजने के लिए किस-किस पदाधिकारी ने दबाव डाला था। हालांकि, राज की बात राज रह गई। हां, अधिवक्ता जेल अधीक्षक को जरूर सुना दिए, और मानिए गलत आदेश। भुगतना होगा ही।

अब भगवा में मिलेगा संतोष

कांग्रेस के एआइसीसी सदस्य संतोष सिंह क्षुब्ध हैं। दुखी हैं। आहत हैं।  राजेंद्र बाबू जिंदा थे तो हथेली पर रखते थे। खांटी कांग्रेसी की तरह सफेद वस्त्र पहन जब मन हुआ, किसी दिग्गज से मिलने में बाधा नहीं थी। विधानसभा चुनाव के वक्त दबंग घराने रघुकुल के खिलाफ बहुत बोले थे। कांग्रेस के टिकट पर रघुकुल की पूर्णिमा सिंह झरिया विधायक बन गई। अब संतोष महसूस कर रहे हैैं कि वे कांग्रेस में किनारे लग गए हैैं। बेटे का जन्मदिन समारोह मनाया था। राजेंद्र बाबू के पुत्र अनूप नहीं आए। ऐसे बहुत लोग नहीं आए जिनके संतोष अजीज रहे हैैं। संतोष को संदेश मिला कि झारखंड प्रभारी आरपीएन सिंह के कारण कांग्रेसी नेता उनसे बिदक रहे हैैं। भाजपाई सूंघते रहते हैैं। भाजपा नेताओं ने संतोष के सियासी घाव पर सहानुभूति का मरहम लगाया। आफर दे डाला कि भगवा पगड़ी पहन लीजिए। संतोष उधेड़बुन में हैैं।

ऑनलाइन परीक्षा कराइए ना

डीएवी पब्लिक स्कूल के कुछ परीक्षार्थी जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय पहुंच गए। माध्यमिक के परीक्षार्थी। सीबीएसई ने मई में माध्यमिक परीक्षा की तिथि घोषित की है। उससे पहले विद्यालय में प्री बोर्ड परीक्षा शुरू हो गई। ऑफलाइन। कोरोना काल में ऑनलाइन पढ़ाई करनेवाले विद्यार्थी चाहते थे कि प्री बोर्ड परीक्षा ऑनलाइन ली जाए। तर्क गौरतलब था, जब ऑनलाइन पढ़ाई हुई तो परीक्षा ऑफलाइन क्यों। इस बीच आपदा प्रबंधन सचिव अमिताभ कौशल ने आदेश निर्गत किया कि स्कूल प्रबंधन अपनी तरफ से ऑफलाइन परीक्षा नहीं लेंगे। ऑनलाइन पढ़ाया तो ऑनलाइन परीक्षा कराएं। यह आदेश माध्यमिक के लिए प्री बोर्ड के परीक्षार्थियों को और दर्द दे गया। बाकी विद्यार्थियों को राहत और उन लोगों के लिए आफत। खैर, शिक्षा पदाधिकारी ने तत्काल प्राचार्य आरके सिंह से दूरभाष पर बात की। विद्यार्थियों को प्राचार्य से बात करने की नसीहत दी। अब बिल्ली के गले में घंटी कौन बांधे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.