Coal Wage Agreement: जेबीसीसीआई सदस्यता के लिए इंटक तिवारी गुट जबलपुर हाई कोर्ट की शरण में, रेड्डी गुट पहले ही लड़ रहा कानूनी लड़ाई
Coal Wage Agreement कोयला उद्योग में वेतन समझौता होना है।इसके लिए जेबीसीसीआई 11 का गठन हो रहा है। जेबीसीसीआई में इंटक को छोड़कर सभी मजदूर संगठनों का प्रतिनिधित्व हो रहा है। इंटक के नेता आपस में ही लड़- झगड़ रहे हैं।
जागरण संवाददाता, धनबाद। जेबीसीसीआइ-11 में प्रतिनिधित्व के लिए अब इंटक का केके तिवारी गुट भी न्यायालय की शरणागत हो चुकी है। अध्यक्ष सह झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री केके तिवारी ने बताया कि उनके संगठन ने भी कोलकाता हाई कोर्ट व जबलपुर हाई कोर्ट में अपील किया है। जल्द ही उनकी शिकायत दर्ज कर ली जाएगी फिर उन्हें इसकी सूचना दी जाएगी। सोमवार तक हो जाने की उम्मीद है। सोमवार को ही ददई गुट की ओर से भी मुकदमा दर्ज होने की उम्मीद है।
इन्होंने दिया आवेदन
इंटक केके तिवारी गुट की ओर से राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह पश्चिम बंगाल इंटक के प्रदेश अध्यक्ष देवाशीष दत्ता ने आवेदन दिया है। वहीं छत्तीसगढ़ प्रदेश अध्यक्ष सह राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कमलेश शर्मा ने तिवारी गुट की ओर से जबलपुर उच्च न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत किया है। इन्हीं दोनों उच्च न्यायालय में रेड्डी व ददई गुट की ओर से भी आवेदन दिए गए हैं। रेड्डी गुट की ओर से कोल इंडिया चेयरमैन व सभी अनुषंगी कंपनियों के सीएमडी के साथ ही एचएमएस, भामसं, सीटू व एटक को भी पार्टी बनाया गया है। हालांकि अन्य दो गुटों की ओर से श्रमिक संगठनों को शामिल करने की संभावना नहीं है।
29 को सुनवाई
दरअसल 29 जून को इंटक रेड्डी गुट की ओर से दर्ज कराए गए मामले की सुनवाई होनी है। लिहाजा अन्य सभी गुट भी इससे पहले ही खुद को असली इंटक बताने व जेबीसीसीआइ-11 में प्रतिनिधित्व दिए जाने के लिए दावा पेश कर रहा है। सोमवार 28 जून तक तीनों ही गुट का दावा पेश हो जाने के बाद 29 की सुनवाई में इंटक रेड्डी गुट का दावा कमजोर पड़ने की उम्मीद जताई जा रही है।