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Perspective Lockdown 2020: कोरोना काल में झारखंड के अजित की सेवा बनी मिसाल, महाराष्ट्र के आइजी की किताब में मिला स्थान

Perspective Lockdown 2020 कैप्टन अजीत ओझा मूलत बिहार के आरा जिले के रहनेवाले हैं लेकिन उनके पिता जंग बहादुर ओझा झारखंड के साहिबगंज में बस गए। वे शिक्षक आंदोलन से जुड़े हुए थे।

By MritunjayEdited By: Published: Thu, 03 Sep 2020 12:01 PM (IST)Updated: Mon, 07 Sep 2020 10:04 AM (IST)
Perspective Lockdown 2020: कोरोना काल में झारखंड के अजित की सेवा बनी मिसाल, महाराष्ट्र के आइजी की किताब में मिला स्थान
Perspective Lockdown 2020: कोरोना काल में झारखंड के अजित की सेवा बनी मिसाल, महाराष्ट्र के आइजी की किताब में मिला स्थान

साहिबगंज [ डॉ. प्रणेश ]। महाराष्ट्र के आइपीएस कृष्ण प्रकाश व सीए पायल श्रद्धा राठी ने कोरोनाकाल पर पुस्तक लिखी है- पर्सपेक्टिव लॉकडाउन 2020। देश भर में कोरोनाकाल में साहस और समर्पण के साथ देशसेवा करने वाले 33 लोगों की कथा इसमें है। इनमें एक कहानी साहिबगंज के पायलट अजीत ओझा की भी है। उन्हें पहले पन्ने पर जगह दी गई है। एयर इंडिया के पायलट कैप्टन अजीत ओझा पुस्तक के पहले पन्ने पर हैं। वे 2017 से एयर इंडिया में कार्यरत हैं। 

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उन्होंने लॉकडाउन के दौरान अमेरिका में फंसे लोगों को सकुशल भारत वापस लाया। चीन से कोरोना की जांच की सामग्री लानी थी। उस वक्त वहां कोरोना संक्रमण चरम पर था। विदेश में फंसे भारतीय की वापसी के लिए अभियान में शामिल होने की कैप्टन अजीत ने अपनी सहमति जताई। इस पुस्तक में मेजर जनरल विक्रम देव डोगरा, अन्ना हजारे, अधिवक्ता सुशील हीरे, मराठी अभिनेत्री मृणाली कुलकर्णी, डॉ. अंकुर झावर जैसे लोगों के कृतित्व की भी कहानी है। प्रस्तावना प्रसिद्ध समाजसेवी अन्ना हजारे ने लिखी है। अन्ना हजारे के अनुसार यह किताब अगली पीढ़ी के लिए कोरोनाकाल की यादगार धरोहर व संग्रहणीय साहित्य होगी, इसमें संदेह नहीं है। 

कौन हैं कैप्टन अजीत 

कैप्टन अजीत ओझा मूलत: बिहार के आरा जिले के रहनेवाले हैं, लेकिन उनके पिता जंग बहादुर ओझा झारखंड के साहिबगंज में बस गए। वे शिक्षक आंदोलन से जुड़े हुए थे। हाल ही में प्रधानाध्यापक के पद से रिटायर हुए हैं। साहिबगंज की चौधरी कॉलोनी में रहते हैं। अजीत ओझा का बचपन साहिबगंज में ही बीता। दसवीं तक की पढ़ाई यहां के सेंट जेवियर्स  स्कूल से की। आगे की शिक्षा के लिए रांची चले गए। वहां सेंट जेवियर्स कॉलेज में नामांकन कराया। उन्होंने कॉमर्शियल पायलट की ट्रेनिंग कानपुर के एक फ्लाइंग इंस्टीट्यूट से की। विदेश में भी प्रशिक्षण लिया। वे एयर इंडिया के बोइंग 777 को उड़ाते हैं। लॉकडाउन के दौरान उन्होंने अपने दायित्वों को बखूबी निभाया। इसकी विस्तृत जानकारी इस किताब में है। 

लेखक को जानिए 

पहली ही कोशिश में रेस अक्रॉस वेस्ट अमेरिका (रॉ) के सोलो मेल कैटेगरी में चौथी रैंक लाकर महाराष्ट्र के आइजी कृष्ण प्रकाश ने साइकलिंग में नया कीॢतमान स्थापित किया। 1500 किलोमीटर की साइकलिंग प्रतियोगिता को उन्होंने समय से पहले पूरा कर लिया और ऐसा करने वाले वह पहले भारतीय भी बन गए। साइकलिंग और दौड़ में आइपीएस कृष्ण प्रकाश के नाम कई रिकॉर्ड हैं। पुस्तक अमेजन पर बिक्री के लिए उपलब्ध है। एक सप्ताह में पुस्तक की करीब 1200 प्रति बिक चुकी है।


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