Coronavirus Alert: बंदियों को जेल भेजने से पहले कोरोना जांच जरूरी, पुलिस का बढ़ा टेंशन
ट्रूनेट की जांच रिपोर्ट नेगेटिव आती है तो कोरोना होने का संशय नहीं रहता। इस नाते कोई भी नया बंदी या कैदी आता है तो जेल प्रशासन पीएमसीएच में उनका ट्रूनेट टेस्ट करवा रहा है।
धनबाद, जेएनएन। न्यायिक हिरासत में धनबाद जेल में किसी को भी रखने के लिए कोरोना का टेस्ट पहली शर्त है। टीबी मशीन से पहले ट्रूनेट टेस्ट किया जा रहा है। रिपोर्ट नेगेटिव पायी जा रही है तो जेल के भीतर दाखिला हो रहा है। कोरोना के वायरस से बचाव के लिए धनबाद जेल के सभी वार्डों को सुबह-शाम सैनिटाइज किया जा रहा है। महिला वार्ड में विशेष इंतजाम किया जा रहा है। कारण कि वहां खतरा अधिक है।
दरअसल, ट्रूनेट की जांच रिपोर्ट नेगेटिव आती है तो कोरोना होने का संशय नहीं रहता। इस नाते कोई भी नया बंदी या कैदी आता है तो जेल प्रशासन पीएमसीएच में उनका ट्रूनेट टेस्ट करवा रहा है। सौ से अधिक बंदियों का टेस्ट हो चुका है। जो नये लोग जेल के भीतर आ रहे हैं, उन्हें क्वारंटाइन भी किया जा रहा है। 14 दिन तक पृथक वास में रहने के बाद बंदियों को वार्ड में भेजा जा रहा है। कोरोना जांच के बाद ही बंदियों की धबनाद जेल में एंट्री के नियम से पुलिस का काम बढ़ गया है। अब अपराधियों को गिरफ्तार करने के बाद पहले कोरोना टेस्ट कराना पड़ रहा है। इसके बाद पुलिस जेल भेज रही है।
33 महिला बंदियों के स्वास्थ्य पर लगातार नजर
धनबाद जेल में 33 महिला बंदी और कैदी हैं। कुछ ऐसी महिला कैदी हैं जिन्हें तीन साल की सजा मिली है। सभी महिलाओं के स्वास्थ्य पर लगातार नजर रखी जा रही है। जेल प्रशासन के मुताबिक अभी कोई गर्भवती महिला नहीं है।
सीधे नहीं, मुलाकाती कर रहे टेलीफोन पर बात
कोरोना काल में बंदियों से मिलने के लिए पहले की तरह मुलाकाती तो आते हैं। सीधे बात नहीं कर पाते। अब बंदी से मुलाकाती की टेलीफोन पर बात करायी जाती है। जेल प्रशासन का आकलन है कि सीधे बात करने पर संक्रमण का खतरा हो सकता है। प्रज्ञा केंद्रों के जरिए वीडियो कांफ्रेसिंग से बंदियों के संवाद की भी व्यवस्था की गयी है।
कोरोना से बचाव के लिए हर मुमकिन इंतजाम किये गये हैं। ट्रूनेट जांच के बाद ही बंदी जेल के भीतर लाए जा रहे हैं। क्वारंटाइन भी किए जा रहे हैं। महिला बंदियों का विशेष ख्याल रखा जा रहा है।
-अजय प्रजापति, जेल अधीक्षक, धनबाद मंडल कारा