Weekly News Roundup Dhanbad: छठ में छिड़े वीणा के तार... राजनीतिक मायने निकाल रहे पूर्व मेयर के विरोधी
देवविहार की प्रियंका तिवारी की बिटिया का नामांकन सीएमआरआइ डिनोबिली स्कूल में हुआ तो एक सप्ताह तक लोगों का मुंह मीठा कराया था। पहली संतान को पहली बार स्कूल जाना था। बड़े शौक से पोशाक सिलवाई थी। स्कूल जाने का वक्त आया तो मुआ कोरोना ने धावा बोल दिया।
धनबाद [ अश्विनी रघुवंशी ]। धनबाद नगर निगम के पूर्व महापौर चंद्रशेखर अग्र्रवाल के पास कई हुनर हैं। बिहार के विधान पार्षद अवधेश नारायण सिंह के शिष्य चंद्रशेखर की काबिलियत के बारे में बाबूलाल मरांडी बता देंगे और रघुवर दास भी। खैर, उनकी छोडि़ए। धनबाद नगर निगम के अगले चुनाव के पहले वीणा अग्र्रवाल ने छठी मइया का ऐसा भजन गाया कि पतिदेव चंद्रशेखर अग्र्रवाल की सारी महिमा धरी की धरी रह गई। दरअसल, वीणा अग्र्रवाल हरेक साल छठी मइया के भजन गाती थी। कुछ सखियों ने प्रेरित किया तो दो साल पहले उन्होंने भजन गाकर विधिवत रिकार्ड कराया। छठ पर्व के पहले उनके भजन सोशल मीडिया पर शेयर हो गए। उनकी आवाज के कायल हो गए लोग। यकीन न हो तो इंटरनेट मीडिया पर आए लोगों के विचार पर गौर कीजिए। प्रेम बचन दास लिखते हैं, 'मेयर साहब ऐसी सुंदर स्वर प्रतिभा को दबाने का अत्याचार न करें।'
दो वर्ष पहले मेरे जीवन साथी के द्वारा गाया गया ये छठी मैया का गीत.. pic.twitter.com/kMkpLLf99P
— Chandra Shekhar Agrawal (@shekharjhk14) November 20, 2020
बिटिया...बाहर से देख लो स्कूल
देवविहार की प्रियंका तिवारी की बिटिया का नामांकन सीएमआरआइ डिनोबिली स्कूल में हुआ तो एक सप्ताह तक लोगों का मुंह मीठा कराया था। पहली संतान को पहली बार स्कूल जाना था। बड़े शौक से पोशाक सिलवाई थी। स्कूल जाने का वक्त आया तो मुआ कोरोना ने धावा बोल दिया। दस महीने गुजर चुके हैं। नामांकन में 35 हजार लग गए। हरेक महीने 26 सौ रुपये फीस भी। बिटिया ने एक दिन भी स्कूल का मुंह नहीं देखा था। तीन दिन पहले स्कूल के सामने से प्रियंका गुजर रही थी तो थोड़ी देर के लिए रुक गई। कुछ देर के लिए चेहरे पर उदासी। फिर चहकते हुए बोली, बिटिया...बाहर से देख लो अपना स्कूल। खैर, तनाव में बाकी छात्र भी हैं। सालाना परीक्षा का समय नजदीक आ रहा है। मालूम नहीं कि स्कूल खुलेंगे या नहीं। उलझन है कि फाइनल परीक्षा स्कूल में होगी या ऑनलाइन।
असली राजकुमार तो आप हो
झरिया के राजकुमार अग्र्रवाल। पिछली बार धनबाद नगर निगम के महापौर का चुनाव लड़ा था तो मतों का आंकड़ा पांच अंकों में पहुंच गया था। उनका झोला और झंडा ढोने वाले भी बमबम। फिर नगर निगम का चुनाव होना है। राजकुमार के आशियाने में फिर लोगों की फुदफुदाहट बढ़ चुकी है। उनको चाहने वालों को लगता है कि पिछली बार राजकुमार साहब की हवा बन गई थी। अबकी बार वो पार हो जाएंगे। राजकुमार अग्र्रवाल भी लोगों के मन को टटोलने के लिए चुनाव लडऩे के मसले पर ना नुकुर करते रहते हैं। उनके दरवाजे पर चाय की चुस्की लेने वालों की सुन लीजिए, असली राजकुमार तो आप ही हो। नाम से और दिल से भी। आरक्षण के आधार पर राजकुमार को चुनाव लडऩे का मौका मिले या न मिले, उनके राजदरबार में भाट गानेवालों की दो चार महीने की नौकरी पक्की हो गई है।
हुजूर...ई पाप हमसे नहीं होगा
कोरोना के हमले को कमजोर करने के लिए सरकार ने आदेश दिया कि नदी, तालाब या झील के घाट पर छठ पर्व नहीं होगा। विरोध हुआ। दोबारा आदेश निकला कि सार्वजनिक जल स्त्रोत पर छठ पूजा कर सकते हैं, नियमों के दायरे में। सरायढेला थाना के कुछ जवानों को निर्देश दिया गया कि कोयलानगर के तालाब में बिना मास्क के आने वाले श्रद्धालुओं को वापस भेज दें। जवानों ने साहब के सामने हाथ जोड़ लिये। बोले कि ई पाप हमसे नहीं होगा हुजूर। सिर्फ कोयलानगर नहीं, सभी घाटों पर पुलिस के जवान तो दिखे, पर उन लोगों ने किसी भी श्रद्धालु को न रोका न टोका। सिर्फ यही ध्यान रखा कि पूजा में किसी तरह का विघ्न न हो। घाटों पर पुलिस जवानों ने श्रद्धालुओं के साथ अघ्र्य भी दिया। हालांकि, कोरोना के कहर के कारण इस बार अपेक्षाकृत कम लोग ही घाटों पर गए।