भूख मिटाने के लिए पेट भर पानी के लिए करनी पड़ रही मशक्कत Dhanbad News
धनबाद मुख्यालय से महज 10 किलोमीटर दूरी पर स्थित रंंगूूूनी पंचायत केेेे धारजोरी गांंव के लोगों को रोजी रोटी के साथ पानी के लिए भी कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। इस गांव के अधिकतर ग्रामीण मजदूरी तथा खेती कर जीवन यापन करतेे हैं।
राकेश कुमार महतो, धनबादः धनबाद मुख्यालय से महज 10 किलोमीटर दूरी पर स्थित रंंगूूूनी पंचायत केेेे धारजोरी गांंव के लोगों को रोजी रोटी के साथ पानी के लिए भी कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। इस गांव के अधिकतर ग्रामीण मजदूरी तथा खेती कर जीवन यापन करतेे हैं। पर इस वक्त लॉकडाउन के कारण मजदूरी कार्य भी नहीं मिल पा रही है। और ना ही खेती के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी की व्यवस्था हो पा रही है। गांव से दूर खेतों के बीचो बीच एक कुआं है। जिसके पानी से इस वक्त पूरे गांव के लोग किसी तरह गुजर बसर कर रहे हैं। ग्रामीण कुआं के अलावा नालों के पानी से स्नान व कपड़ा धोने का काम कर रहे हैं।
भूख मिटाने के लिए पेट भर पानी तलाश रहेः
यहां के ग्रामीणों को लॉकडाउन के कारण जीवन यापन करना एक प्रकार चुनौती का सामना करने के बराबर हो गया है। इस वक्त यहां के लोगों को लॉकडाउन में भूख मिटाने के लिए पेट भर पानी भी नसीब नहीं हो पा रहा है। फिर भी किसी तरह जीवन यापन कर रहे है।
नौ हजार की आबादी पर संकटः
इस पंचायत में करीबन नौ हजार की आबादी है। इतने लोगों के लिए गांव में सिर्फ 12 सरकारी हैंडपंप लगे हुए हैं। जो इस वक्त भीषण गर्मी में बेकार हो गए हैं। कई हैंडपंप खराब हो गए हैं तो कई से पानी का जल स्तर नीचे चलेे जाने के कारण पानी ही नहीं निकल पा रहे हैं। इस समस्या से उभरने के लिए ग्रामीणों ने कई बार इसकी शिकायत गांव के मुखिया से भी की है। लेकिन अभी तक किसी प्रकार का पहल नहीं किया गया है।
गंदे पानी को भी पी रहे छानकरः
हैंडपंप खराब होने के कारण गांव से दूर कुओं व नालों के पानी से गुजारा कर रहे हैं। दिन के दोपहर होते होते कुएं का पानी गंदा निकलने लगता है। जिस कारण साफ पानी मुंह नहीं लग रहा है, इसलिये छानकर पीना पड़ रहा है। इसके लिए भी गांव के औरतें, युवती के साथ बच्चे भी मशक्कत कर रहे हैं।
वर्जनः
गर्मी के दिनों में पानी के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है। पानी की समस्या दूर हो जाए तो फसल व सब्जियों की सिंचाई कर जीवन यापन कर सकते हैं।
- रमेश महतो, ग्रामीण
लॉकडाउन में रोजी रोटी के साथ पेट भर पानी के लिए भी कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। गंदे पानी छानकर
पीने को मजबूर है।
बबलू महतो, ग्रामीण