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कोरोना जारूकता पर खर्च हो रहे प्रतिदिन 20,900 रुपये; नुक्कड़ नाटक व प्रभात फेरी से फैलाई जा रही अवेयरनेस

कोरोना संक्रमण की रोकथाम और इससे बचाव को लेकर जिला जनसंपर्क कार्यालय की ओर से जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है। लोगों को जागरूक करने के लिए नुक्कड़ नाटक प्रभात फेरी और ऑटो से प्रचार प्रसार किया जा रहा है।

By Atul SinghEdited By: Published: Thu, 22 Apr 2021 11:57 AM (IST)Updated: Thu, 22 Apr 2021 06:17 PM (IST)
कोरोना जारूकता पर खर्च हो रहे प्रतिदिन 20,900 रुपये; नुक्कड़ नाटक व  प्रभात फेरी से फैलाई जा रही अवेयरनेस
बचाव को लेकर जिला जनसंपर्क कार्यालय की ओर से जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है। (फाइल फोटो)

धनबाद, जेएनएन : कोरोना संक्रमण की रोकथाम और इससे बचाव को लेकर जिला जनसंपर्क कार्यालय की ओर से जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है। लोगों को जागरूक करने के लिए नुक्कड़ नाटक, प्रभात फेरी और ऑटो से प्रचार प्रसार किया जा रहा है। इस पूरे आयोजन पर एक दिन में जिला प्रशासन को आयोजित किए जा रहे हैं, तो वहीं ऑटो के माध्यम से प्रचार-प्रसार का काम किया जा रहा है। इस पर प्रतिदिन जिला प्रशासन के जन संपर्क विभाग को 20,900 रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं। इसके बावजूद अब भी लोग बिना मास्क के पकड़े जा रहे हैं।

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जिला जनसंपर्क कार्यालय की ओर से नुक्कड़ नाटक के लिए भारतीय लोक कल्याण संस्था रांची को जिम्मेवारी दी गई है। आठ सदस्यीय इस टीम को एक दिन में दो जगहों पर नुक्कड़ नाटक के माध्यम से लोगों को जागरुक करना पड़ता है। जबकि टीम पारंपरिक तरीके से ही नुक्कड़ नाटक कर रही है। टीम के इस प्रदर्शन पर जिला जनसंपर्क कार्यालय ने भी आपत्ती दर्ज की है। टीम को एक दिन के लिए 14000 रुपये का भुगतान किया जाता है। इस टीम को भीड़ भाड़ वाले इलाकों में प्रभात फेरी भी निकालने की जिम्मेवारी है।

छह ऑटो से प्रचार : प्रचार प्रसार एवं जागरुकता के लिए छह ऑटो को शहर की सड़कों पर उतारा गया है। इस ऑटो के माध्यम से माइक एवं पोस्टर के माध्यम से प्रचार किया जाता है। प्रत्येक ऑटो को एक दिन के लिए 1150 रुपये का भुगतान किया जाता है।

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कोरोना को लेकर जागरुकता अभियान को प्रभावी बनाने के लिए लोगों के बीच पोस्टर और पंपलेट भी बांटे जा रहे हैं। इसके अलावा नुक्कड़ नाटक टीम को थीम आधारित प्रस्तुति देने का आदेश दिया गया है। टीम को अपना पहनावा भी बदलने की बात कही गई है। यह भी आदेश दिया गया है कि टीम लोगों को जागरूक करे ना कि केवल अपना काम। सभी कार्यों की मॉनिटरिंग की भी व्यवस्था है। प्रत्येक दो घंटे में सभी की निगरानी भी की जाती है।

- ईशा खंडेलवाल, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी, धनबाद


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