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जनरल मजदूरों से लिया जा सकता है चपरासी, टंडेल का काम

धनबाद कोल इंडिया नए सिरे से कर्मचारियों का रेशनलाइजेशन (युक्तिकरण) कर सकती है। इस संबंध में कोल इंडिया के चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल के तकनीकी सचिव सह महाप्रबंधक मनोज कुमार सिंह ने सभी अनुषंगी कंपनियों के कार्मिक निदेशकों को पत्र भेजा है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Jan 2021 01:38 AM (IST)Updated: Thu, 21 Jan 2021 01:38 AM (IST)
जनरल मजदूरों से लिया जा सकता है चपरासी, टंडेल का काम
जनरल मजदूरों से लिया जा सकता है चपरासी, टंडेल का काम

धनबाद : कोल इंडिया नए सिरे से कर्मचारियों का रेशनलाइजेशन (युक्तिकरण) कर सकती है। इस संबंध में कोल इंडिया के चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल के तकनीकी सचिव सह महाप्रबंधक मनोज कुमार सिंह ने सभी अनुषंगी कंपनियों के कार्मिक निदेशकों को पत्र भेजा है। पत्र इस विषय पर विचार के लिए भेजा गया है। इसमें बताया गया है कि कर्मचारियों का युक्तिकरण समय की जरूरत है। इससे न सिर्फ कंपनी मैन पावर का सदुपयोग कर पाएगी, बल्कि उन्हें सरप्लस कर्मियों से छुटकारा भी मिलेगा। कंपनी को आर्थिक तौर पर भी काफी लाभ होगा। क्यों है युक्तिकरण की जरूरत :

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कोल इंडिया के संवाद एप पर मिले एक मशविरे के आधार पर बताया गया है कि अधिकांश क्षेत्रों में मैन पावर का बंटवारा युक्तिसंगत नहीं है। कई ऐसे विभाग या पद हैं, जिनमें सरप्लस कर्मचारी हैं, जबकि उसी कैटेगरी के दूसरे पद पर कर्मचारी का अभाव है। ऐसे में होता यह है कि जरूरत पड़ने पर कंपनी के कुछ कर्मचारी बैठकर वेतन लेते हैं। जबकि काम कराने के लिए ठेका पर कर्मचारी रखना पड़ता है। बताया गया है कि मौजूदा व्यवस्था के तहत कई खदानों में जनरल मजदूर के पद पर सरप्लस कर्मी हैं, लेकिन टंडेल के पद पर कर्मचारी नहीं हैं। मौजूदा व्यवस्था के तहत जनरल मजदूरों से टंडेल का काम नहीं लिया जा सकता। ऐसे में यदि उक्त खदान में स्टोर से सामान लोड या अनलोड करना हो तो टंडेल के लिए ठेका पर श्रमिकों को रखना पड़ता है। जबकि जनरल मजदूरों को बिना काम किए वेतन मिलता है। इससे कंपनी को काफी आर्थिक नुकसान सहना पड़ता है। मौजूदा परिस्थिति में यह संभव नहीं कि नियुक्त कर्मचारियों के पदक्रम में फेरबदल किया जाए। हालांकि सामान्य संवर्ग के पदों का युक्तिकरण कर उनकी जिम्मेदारियां बदली जा सकती हैं। इसके तहत यदि जनरल मजदूर, टंडेल, चपरासी, भूमिगत खदानों के कर्मचारी एक-दूसरे पदों पर काम कर सकते हैं। इससे सरप्लस कर्मचारियों से कंपनी को मुक्ति मिलेगी और आउटसोर्सिग का खर्च भी बचेगा।


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