30 करोड़ से अत्याधुनिक इलेक्ट्रानिक इंटरलाकिग सिस्टम से लैश हुआ पाथरडीह, आज पूर्व मध्य रेल के महाप्रबंधक व धनबाद डीआरएम करेंगे उद्धाटन
पूर्व मध्य रेल धनबाद मंडल अंतर्गत पाथरडीह यार्ड। जहां आज भी राष्ट्र की उन्नति के लिए देश की आजादी के पूर्व ब्रिटिश शासन काल मे बने तकनीक के आधार पर रेल कर्मी रेल सेवा देने को मजबूर थे। अब उन कर्मियों के लिए राहत भरी खबर है।
संवाद सहयोगी, राहुल मिश्रा : पूर्व मध्य रेल धनबाद मंडल अंतर्गत पाथरडीह यार्ड। जहां आज भी राष्ट्र की उन्नति के लिए देश की आजादी के पूर्व ब्रिटिश शासन काल मे बने तकनीक के आधार पर रेल कर्मी रेल सेवा देने को मजबूर थे। अब उन कर्मियों के लिए राहत भरी खबर है। पाथरडीह रेल सुरक्षा व आने वाली चुनौतियों को लेकर रेल विभाग ने पाथरडीह यार्ड का 30 करोड़ की लागत से यार्ड री माडलिंग का कार्य युद्धस्तर पर किया जा रहा है। जिसमें अत्याधुनिक इलेक्ट्रानिक इंटरलाकिंग सिस्टम भी लगाया गया है। जिसका पूर्व मध्य रेल के महाप्रबंधक, धनबाद डीआरएम व वरीय अधिकारी शनिवार को उद्घाटन करेंगे। जिससे रेल कर्मियों में खुशी की लहर है।
बताया जाता है पूरे रेल मंडल में सिर्फ धनबाद मंडल के पाथरडीह में ही ब्रिटिश काल के समय लगे सिस्टम पर रेल कर्मी कार्य करते थे। पुराना रेलवे ट्रैक, सिग्नल आदि के कारण आए दिन घटनाएं होती रहती थी। साथ ही काफी समय भी लगता था। एक ओर जहां पूरा देश विकास की रफ्तार में दौड़ रहा है। वहीं पाथरडीह रेल इससे काफी पीछे थी। आने वाले समय मे पाथरडीह में बढ़ती मालगाड़ियों व सवारी गाड़ियों की संभावनाओं को देखते हुए रेल प्रबंधन ने पाथरडीह यार्ड का री माडलिंग का कार्य शुरू कराया। जिससे रेल में सुरक्षा के साथ साथ कम समय मे रेल पटरियों पर सरपट रेल गाड़िया दौड़ेंगी।
बंद कमरे से पूरे यार्ड की निगरानी : पाथरडीह सेंट्रल केबिन समीप बने भवन के बंद कमरे से ही पूरे यार्ड की निगरानी हो जाएगी। ट्रैक पर कहीं भी गाड़ी खड़ी हो या चल रही हो। यह सब चार बड़े एलईडी स्किन पर साफ साफ देख सकेंगे।साथ ही उसे आसानी से गंतव्य के लिए रवाना किया जा सकेगा। सेंट्रल पैनल से सभी ट्रेनों का परिचालन भी सुगमता के साथ किया जाएगा।
मैनपावर की आएगी कमी : रेल अधिकारियों ने बताया कि पाथरडीह में सेमा फोर (पंखी) सिग्नल लगा हुआ था। मैकेनिकल इंटरलाकिंग सिस्टम के कारण पूर्व में पाथरडीह के नौ केबिन थे। जिसे समाप्त कर एक केंद्र कर दिया गया है। जिसमें ट्रेनों के परिचालन के दौरान लिवर के तीन प्वाइंट को खींचकर उसे लॉक किया जाता था। जिसमें काफी परेशानी होती थी। अत्याधुनिक इलेक्ट्रानिक इंटरलाकिंग सिस्टम से सीधा ट्रैक को कनेक्ट कर उसे गंतव्य के लिए रवाना किया जा सकता है।
एक छत के नीचे होंगे सभी कार्यालय : पाथरडीह सेंट्रल केबिन के समीप पाथरडीह बाजार स्टेशन के बगल में डेढ़ करोड़ की लागत से एक मंजिला भव्य भवन का निर्माण किया जा रहा है। यह 50 मीटर लंबा व 25 मीटर चौड़ा होगा। एक छत के नीचे ही सभी कार्यालय होंगे। इनमे क्रू लाबी, रनिंग रूम, सीवाइएम कार्यालय, स्टेशन मास्टर कार्यालय सहित अन्य भवनों को एक ही स्थान व भवन में समाहित किया जाना है। सामने में पाथरडीह प्लेटफ़ार्म भी बनेगा। आने वाले समय मे सारे कार्य पूरा कर लिए जाएंगे।
स्वर्णरेखा व धनबाद विष्णुपुर मेमू के चलने की फिर जगी उम्मीद
चासनाला : कोरोना काल से ही दक्षिण पूर्व रेलवे से धनबाद मंडल को आनेवाली धनबाद टाटा स्वर्णरेखा एक्सप्रेस व धनबाद विष्णुपुर मेमू बंद है। जिससे यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं पाथरडीह में हुए यार्ड री माडलिंग के बाद इन ट्रेनों के फिर से चलने की उम्मीद फिर जग गई है। ये ट्रेने पाथरडीह में बिना इंजन बदले सीधे धनबाद चली जाएंगी। इससे टाटा धनबाद स्वर्णरेखा व बांकुड़ा धनबाद मेमू सवारी गाड़ी यात्रियों को कम समय में यात्रा पूरी होगी। इसके लिए पाथरडीह यार्ड के सभी रेल लाइन को भी दुरुस्त किया जा रहा था। अब 18 लाइन हो चुकी है। नए प्वाइंट व प्लेटफार्म का भी काम किया गया है। पहले यहां सवारी गाड़ियों के लिए एक लाइन थी। जिसे बढ़ाकर दो कर दी गई है। वहीं पाथरडीह को सीधा ट्रैक बिछाकर लाल पुल होकर सिंदरी ब्लाक हाल्ट से जोड़ दिया गया है।
पाथरडीह यार्ड को अंतिम रूप देने के लिए धनबाद रेलवे के विभिन्न विभागों के अधिकारी, कर्मचारी, ठेका मजदूर सहित पांच सौ कर्मी युद्धस्तर पर दिन रात लगे हैं। डिप्टी सीएसटी, वरीय डीईएन, वरीय डीई टीआरडी, वरीय डीओएम शुक्रवार को पूरे कार्य के निरीक्षण व कमियों को दूर करने का निर्देश अधिकारियों को देते रहें।