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Indian Railways: रेल का खेल... सेकेंड एसी में थर्ड क्लास व्यवस्था से बन रही नई छवि

कतरास वालों पर रेलवे की नाराजगी न जाने कब खत्म होगी। आधा दर्जन ट्रेनों से वंचित हो चुके कतरास के लोग अब पाटलिपुत्र में भी सफर नहीं कर सकेंगे। रेलवे ने रोजाना चलने वाली पाटलिपुत्र के न सिर्फ फेरे पर कैंची चलाई है।

By MritunjayEdited By: Published: Sun, 14 Nov 2021 01:38 PM (IST)Updated: Sun, 14 Nov 2021 01:38 PM (IST)
Indian Railways: रेल का खेल... सेकेंड एसी में थर्ड क्लास व्यवस्था से बन रही नई छवि
सेकेंड एसी में थर्ड क्लास जैसी व्यवस्था ( प्रतीकात्मक फोटो)।

तापस बनर्जी, धनबाद। सेकंड एसी का टिकट बुक कराने वाले यात्री चैन की नींद के साथ आराम से सफर करना चाहते हैं। रेलवे भी मुस्कान के साथ यात्रा का स्लोगन देती है। पर इसके कर्मचारी ही छवि बिगाडऩे में लगे हैं। 12 नवंबर को बिहार के पूर्णिया से गोमो और बोकारो होकर हटिया जाने वाली स्पेशल कोशी एक्सप्रेस के सेकेंड एसी कोच में सफर कर रहे यात्रियों को दुश्वारियां झेलनी पड़ी। क्योंकि कर्मचारियों ने ही सेकेंड एसी पर कब्जा कर रखा था। उच्च श्रेणी वाला यह डब्बा जनरल डब्बे जैसा दिख रहा था। इस पर यात्रियों ने सवाल भी उठाए। उनका कहना था कि ज्यादा किराया खर्च कर सफर करने वालों को रेलवे मुर्ख समझती है। तभी तो रेलवे कर्मचारियों ने ही सेकेंड एसी कोच को जनरल डब्बा बना रखा है। रेलवे ने कार्रवाई का भरोसा भी दिया है। जब तक कार्रवाई होगी ट्रेन गंतव्य तक पहुंच जाएगी।

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लो भैया, अब पाटलीपुत्र भी गई

कतरास वालों पर रेलवे की नाराजगी न जाने कब खत्म होगी। आधा दर्जन ट्रेनों से वंचित हो चुके कतरास के लोग अब पाटलिपुत्र में भी सफर नहीं कर सकेंगे। रेलवे ने रोजाना चलने वाली पाटलिपुत्र के न सिर्फ फेरे पर कैंची चलाई है बल्कि लाखों की आबादी वाले कतरास स्टेशन से इसका ठहराव भी हटा लिया है। ट्रेनों से स्पेशल का टैग हटने लगा है तो उम्मीद जगी। पर रेलवे ने यह भी साफ कर दिया कि ट्रेनें मौजूदा टाइम टेबल और ठहराव के मुताबिक ही चलेंगी। यानी सिर्फ पाटलिपुत्र ही नहीं इससे पहले कतरास से छीनी जा चुकी ट्रेनें भी वापस नहीं मिलेंगी। यहां तक की धनबाद आने वाली अलेप्पी एक्सप्रेस भी अब कतरास में रुकेगी या नहीं इसकी भी गारंटी नहीं है। रेलवे ने ठहराव बंद कराने में जल्दबाजी दिखाई थी। पर उसे वापस बहाल करने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं।

कोच था नहीं, टिकट बुक

छठ से पहले ट्रेन में काफी भीड़ थी। बचने के लिए यात्रियों ने आरक्षण करा लिया था। उन्हें क्या मालूम था कि उन्हें टिकट तो मिल जाएगा पर कोच नहीं रहेगा। वाकया आठ नवंबर का है। धनबाद पटना इंटरसिटी के डी -6 कोच का टिकट लेकर सत्यम चौहान और उनके सहयात्री स्टेशन पहुंचे थे। पूरा प्लेटफार्म खंगाल डाला मगर कोच मिला ही नहीं। हैरान परेशान होकर उन्होंने शिकायत कर डाली। टिकट के रिफंड के साथ मुआवजा भी मांगा। परेशानी की वजह यह थी कि रेलवे ने अक्टूबर में ही पटना इंटरसिटी के डी-6 समेत तीन कोच को जनरल कोच बना दिया था। पर आठ नवंबर को भी उस कोच के टिकट बुक हो गए थे। जिसका खामियाजा यात्रियों को भुगतना पड़ा। शिकायत करने वाले को रेलवे ने आश्वासन का घूंट पिलाया। बताया रिफंड के पैसे उनके खाते में लौट जाएंगे। बस अब खुश हो जाइए।

धुआं गायब,उड़ाने वाले छूमंतर

वाराणसी से आसनसोल जा रही मेमू ट्रेन में बच्चे और बुजुर्ग खूब खांस रहे थे। महिलाएं धुएं से परेशान थी। ट्रेन पर सवार कुछ लोग बेखौफ होकर हर फिक्र को धुएं में उड़ा रहे थे। यात्रियों को परेशान देख उसी ट्रेन के यात्री विशाल गंभीर ने फौरन डीआरएम धनबाद को ट्वीट कर दिया। तस्वीरें भी शेयर की। बताया कि कुछ यात्रियों ने तंबाकू और सिगरेट से ट्रेन का वातावरण प्रदूषित कर दिया है। इससे बच्चों को सांस लेने में काफी परेशानी हो रही है। महिलाएं और बुजुर्ग भी परेशान हैं। ढूंढने में परेशानी ना हो इसलिए यह भी बताया कि ट्रेन के पिछले इंजन वाले कोच में ऐसा हो रहा है। मामला तुरंत आरपीएफ के पास पहुंचा। पर हुआ वही जो पहले भी हो चुका। आरपीएफ ने ट्वीट कर कहा कि हजारीबाग रोड इंस्पेक्टर ने अटेंड किया। पर कोई नहीं मिला। न किसी ने शिकायत की।


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