Indian Railways News: ट्रेनों के बढ़े किराए से मिल सकती है त्योहारी सीजन बाद राहत, पढ़ें-क्या चल रही तैयारी
Indian Railways News कोरोना की पहली लहर उठने के बाद रेलवे ने 22 मार्च 2021 को ट्रेनों का परिचालन बंद कर दिया था। इसके बाद एक-एक कर ट्रेनों का परिचालन शुरू हुआ तो स्पेशल का दर्जा दे दिया गया। अभी जितनी भी ट्रेनें चल रहीं हैं सब स्पेशल हैं।
जागरण संवाददाता, धनबाद। रेल से सफर करने वाले यात्रियों को किराए में राहत मिल सकती है। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने इसके संकेत दिए हैं। हालांकि त्योहारी सीजन रेलवे की कमाई का सीजन है। इसलिए फिलहाल इसमें किसी तरह के संशोधन की उम्मीद नहीं है। पर त्योहारी सीजन के बाद बोर्ड स्तर पर समीक्षा कर किराए में राहत दी जा सकती है। पर बंद ट्रेनों को चलाने को लेकर विस्तृत फीडबैक लिए जाने के बाद ही फैसला होगा। इनमें वैसी ट्रेनें जो कोरोना काल से पहले भी कम यात्रियों के साथ चलती थीं। उन ट्रेनों को स्थायी तौर पर बंद किया जा सकता है या फेरे कम कर चलाने जैसे निर्णय लिए जा सकते हैं।
जानें कैसे मिलेगी किराए में राहत
कोरोना की पहली लहर उठने के बाद रेलवे ने 22 मार्च, 2021 को ट्रेनों का परिचालन बंद कर दिया था। इसके बाद एक-एक कर ट्रेनों का परिचालन शुरू हुआ तो स्पेशल का दर्जा दे दिया गया। अभी जितनी भी ट्रेनें चल रहीं हैं सब स्पेशल हैं। इन ट्रेनों के नंबर के आगे 0 लगाकार चलाया जा रहा है। 0 नंबर स्पेशल को इंडीकेट करता है। स्पेशल ट्रेनों का किराया अधिक होता है। रेलवे स्पेशल का दर्जा समाप्त कर सकता है। अगर ऐसा होता है कि ट्रेनों का किराया स्वतः कम हो जाएगा।
मुख्यालय स्तर पर समीक्षा के बाद होगा निर्णय
दो दिन पहले रेलवे कर्मचारियों को मिलने वाले दुर्गापूजा बोनस से जुड़ी जानकारी देने रेलवे बोर्ड चेयरमैन सुनीत शर्मा ने सभी जोनल मुख्यालय और रेल मंडलों के अधिकारियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की थी। उसी दौरान मीडिया से भी रूबरू हुए थे। धनबाद डीआरएम समेत अन्य विभागीय अधिकारी भी वीडियो कांफ्रेंसिंग में शरीक हुए थे। बाद में धनबाद डीआरएम आशीष बंसल ने अपने डिविजन के कर्मचारियों को दिए जानेवाले बोनस की जानकारी साझा की थी। साथ ही किराया और बंद ट्रेनों को चलाने समेत अन्य विषयों को लेकर पूर्व मध्य रेल मुख्यालय और रेलवे बोर्ड स्तर पर बातचीत जारी होने की बात कही थी। डीआरएम का कहना है कि संभावित तीसरी लहर के मद्देनजर अगले दो-तीन माह अहम है। इसके बाद ही ट्रेनों के पूरी सामान्य होने या किराए से जुड़े निर्णय की संभावना है।
धनबाद-टाटा स्वर्णरेखा एक्सप्रेस पर मंडराया बंद होने का खतरा
पिछले साल 22 मार्च से कोरोना काल में बंद हुई ज्यादातर ट्रेनें चलने लगी हैं। पर धनबाद से टाटा जानेवाली स्वर्णरेखा एक्सप्रेस डेढ़ साल से ज्यादा गुजर जाने के बाद भी बंद है। भविष्य में भी इस ट्रेन के चलने की संभावना कम ही है। धनबाद मंडल के अधिकारी का कहना है कि कोरोना काल से पहले से ही इस ट्रेन में यात्रियों की संख्या बेहद कम थी। यात्री कम होने की वजह से मुख्यालय को प्रस्ताव भेजे जाने के बाद भी इस ट्रेन को चलाने की अनुमति नहीं मिली है। ट्रेन चलाने का प्रयास किया जा रहा है। अब सबकुछ रेलवे बोर्ड पर ही निर्भर है।