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LHB Coach: ढूंढ़ों तो जाने...कंफर्म टिकट के साथ ट्रेन में हुए सवार और सीट हो गई छू मंतर; जानें रेलवे का जवाब

मोनू प्रभाकर सासाराम से रांची जा रहे थे। उनका पीएनआर नंबर 6551899449 था। उन्हें 108 नंबर मिली थी। सारी तैयारी के साथ आए यात्री अपनी सीट ढूंढ़ने में पसीने से तर हो गये। पर उन्हें सीट नहीं मिली। जिस कोच में उन्हें 108 नंबर मिली थी उसमें 90 सीटें थीं।

By MritunjayEdited By: Published: Tue, 29 Jun 2021 12:43 PM (IST)Updated: Tue, 29 Jun 2021 12:43 PM (IST)
परंपरागत कोचों का स्थान एलएचबी ले रहा है ( फाइल फोटो)।

जागरण संवाददाता, धनबाद। आपके पास कंफर्म टिकट है, मगर जब आप ट्रेन में सवार हुए तो पता चला कि आपकी सीट छू मंतर हो गई है। इस विकट परिस्थिति में आप क्या करेंगे। ऐसा एक नहीं बल्कि कई यात्रियों के साथ हुआ। रेलवे की अजीबोगरीब व्यवस्था से नाराज यात्रियों ने रेल मंत्रालय से लेकर धनबाद डीआरएम तक को खटखटा दिया है। ट्विटर पर ऐसे यात्री न सिर्फ रेलवे को कोस रहे हैं बल्कि किराए के पूरे पैसे भी वापस मांग रहे हैं। सासाराम पंडित दीन दयाल उपाध्याय रेल मंडल के अधीन है। इसलिए धनबाद डीआरएम ने ट्विटर पर मिली शिकायत वहां के डीआरएम को फारवर्ड कर दिया है।

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क्यों हुआ ऐसा

रेलवे का कहना कि टिकट बुकिंग की ऐसी स्थिति पुराने पारंपरिक कोच और एलएचबी के कारण होती है। पुराने पारंपरिक कोच में 90 सीटें होती हैं जबकि एलएचबी कोच में सेकेंड सीटिंग में 108 सीटें होती हैं। आरक्षण प्रणाली में सासाराम-रांची इंटरसिटी के सेकेंड सीटिंग के कोच एलएचबी के तौर पर फीड हुआ होगा जबकि ट्रेन में पुराने कोच ही जुड़े हैं जिससे ऐसी समस्या हो रही है। 

केस स्टडी - एक

मोनू प्रभाकर सासाराम से रांची जा रहे थे। उनका पीएनआर नंबर 6551899449 था। उन्हें 108 नंबर मिली थी। सारी तैयारी के साथ आए यात्री अपनी सीट ढूंढ़ने में पसीने से तर हो गये। पर उन्हें सीट नहीं मिली। जिस कोच में उन्हें 108 नंबर मिली थी। उसमें कुल 90 सीटें ही थीं। 90 सीटों वाली कोच में 108 नंबर बर्थ की बुकिंग पर उन्होंने सवाल उठा दिया है।

केस स्टडी-दो

आशीष कुमार और उनके साथ एक और यात्री सासाराम से रांची आने थे। उन्होंने सासाराम-रांची इंटरसिटी एक्सप्रेस का टिकट बुक कराया था। पीएनआर नंबर 6151872200 और सीट नंबर 97 व 98 था। सेकेंड सीटिंग के डी-5 कोच में दोनों हैरान-परेशान होकर अपनी सीट ढूंढ़ते रहे। कुल 90 सीटों वाली कोच में इन दो नंबरों के सीट भला कैसे मिले।


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