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DC Line पर 110 की रफ्तार से चलेंगी यात्री ट्रेनें, अभी अधिकतम 50 की गति से ही चलने की इजाजत

भूमिगत आग के खतरे के कारण 15 जून 2017 को धनबाद-चंद्रपुरा रेल मार्ग को बंद कर दिया था। इसके साथ ही देश की सबसे बड़ी रेलबंदी हुई थी। एक ही झटके में इस रेल मार्ग से गुजरने वाली विभिन्न रूटों की 26 जोड़ी ट्रेनों को रद कर दिया था।

By Deepak Kumar PandeyEdited By: Published: Fri, 13 Nov 2020 09:32 AM (IST)Updated: Fri, 13 Nov 2020 09:32 AM (IST)
DC Line पर 110 की रफ्तार से चलेंगी यात्री ट्रेनें, अभी अधिकतम 50 की गति से ही चलने की इजाजत
आज डीआरएम जमुनियाटांड़ में नए स्टेशन के कार्य की प्रगति का जायजा लेंगे।

जागरण संवाददाता, धनबाद: धनबाद-चंद्रपुरा रेल लाइन पर जल्द ही यात्री ट्रेनों की रफ्तार बढ़ेगी। अभी 50 किमी प्रति घंटे की अधिकतम गति से चलने वाली ट्रेनें 110 की स्पीड से दौड़ेंगी। रेलवे ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए दशकों पुराने लीवर फ्रेम हटाए जाएंगे और हॉल्ट और स्टेशन को पैनल इंटरलॉकिंग सिस्टम से जोड़ा जाएगा।

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[जमुनियाटांड़ में बन रहे नए स्टेशन और रिले रूम की तस्‍वीर। आज डीआरएम इसका जायजा लेंगे।  ]

पैनल इंटरलॉकिंग के लिए जमुनियाटांड़ में नया स्टेशन और रिले रूम बनकर तैयार हो रहा है। शुक्रवार को डीआरएम आशीष बंसल विभागीय अधिकारियों के साथ अब तक की प्रगति का जायजा लेंगे। उनके साथ सीनियर डीएसटीई अजीत कुमार समेत अन्य विभागीय अधिकारी भी मौजूद रहेंगे।

भूमिगत आग के खतरे के कारण 15 जून 2017 को धनबाद-चंद्रपुरा रेल मार्ग को बंद कर दिया था। इसके साथ ही देश की सबसे बड़ी रेलबंदी हुई थी। एक ही झटके में इस रेल मार्ग से गुजरने वाली देश के विभिन्न रूटों की 26 जोड़ी ट्रेनों को एकारएक रद कर दिया था। तकरीबन दो साल तक बंद रहे के बाद मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त ने रेल मार्ग का निरीक्षण किया था। उनकी सिफारिश पर ही दोबारा इस रेल मार्ग को चालू किया गया। फरवरी 2019 से यात्री ट्रेनें चलीं पर उनकी अधिकतम गति 50 किमी प्रति घंटे ही तय किया गया। अब इस रेल मार्ग पर 110 की गति से ट्रेन चलाने की तैयारी शुरू की गई है।

इसी रेल मार्ग पर चलती है हावड़ा-रांची शताब्दी एक्सप्रेस: धनबाद-चंद्रपुरा रेल मार्ग पर एक्सप्रेस ट्रेनों के साथ-साथ हावड़ा-रांची शताब्दी एक्सप्रेस जैसी वीआइपी ट्रेन भी चलती है। अधिकतम गति 50 किमी प्रति घंटे होने की वजह से शताब्दी एक्क्सप्रेस को भी 34 किमी तक इतनी ही रफ्तार से चलाया जाता है। अब स्पीड बढ़ने से दूसरी ट्रेनों के साथ-साथ शताब्दी एक्सप्रेस की गति भी बढ़ाई भी जा सकेगी। 


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