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Indian Railways IRCTC: 3000 किराए पर खाने के 100 रुपये अलग से, उसपर ऐसा खाना जिसे जानवर भी...

दुरंतो एक्सप्रेस से धनबाद से कानपुर जा रहे किशन सिंह ने फर्स्ट एसी का टिकट बुक कराया था। ट्रेन में सवार होकर उन्होंने रात का खाना मंगवाया था। भोजन का पैकेट खोल कर खाना खाने बैठे तो खाना देखकर उनका गुस्सा सातवें आसमान पर चला गया।

By MritunjayEdited By: Published: Mon, 19 Apr 2021 09:03 AM (IST)Updated: Mon, 19 Apr 2021 09:03 AM (IST)
सियालद बीकानेर दुरांतो एक्सप्रेस ( फाइल फोटो)।

धनबाद, जेएनएन। एक तो तीन हजार रुपये किराए के बाद भी 100 रुपये का अलग से खाना। उस पर भी खाना ऐसा कि उसे जानवर भी न खाए। ऐसी शिकायत थी सियालदह से नई दिल्ली होकर बीकानेर जाने वाली दुरंतो एक्सप्रेस के यात्री की, जो फर्स्ट एसी में सफर कर रहे थे। घटिया खाना मिलने से नाराज यात्री में ट्विटर पर रेल मंत्रालय से लेकर डीआरएम तक को खटखटा दिया और जमकर अपनी भड़ास निकाली। इस मामले को देखने का निर्देश धनबाद के डीआरएम आशीष बंसल ने संबंधित विभाग को दिया है। 

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क्या है मामला

दुरंतो एक्सप्रेस से धनबाद से कानपुर जा रहे किशन सिंह ने फर्स्ट एसी का टिकट बुक कराया था। ट्रेन में सवार होकर उन्होंने रात का खाना मंगवाया था। भोजन का पैकेट खोल कर खाना खाने बैठे तो खाना देखकर उनका गुस्सा सातवें आसमान पर चला गया। यात्री का कहना था कि उन्हें घटिया खाना दिया गया और उसके बदले में ₹100 लिए गए। बिना देर किए उन्होंने रेल मंत्रालय से लेकर प्रधानमंत्री और धनबाद डीआरएम को टैग कर ट्विटर पर मामले की शिकायत की। शिकायत करने वाले ने ट्रेन में मिले खाने की तस्वीर को भी ट्विटर पर शेयर किया और लिखा कि ₹3000 टिकट लेकर ₹100 का खाना भी खरीदा। ऐसा गंदा खाना दिया जिसे जानवर भी नहीं खा सकता है। ट्विटर पर शिकायत मिलते ही धनबाद डीआरएम तुरंत सक्रिय हुए। उन्होंने लिखा आपको हुई असुविधा के लिए खेद है। मामले की छानबीन के लिए संबंधित विभाग को निर्देशित कर दिया गया है।

ट्रेनों में अभी बंद हैं पैंट्री कार, सिर्फ डिब्बाबंद खाना ही उपलब्ध

यात्री ट्रेनों में अभी पैंट्री कार की सुविधा बंद है। रेलवे ने यात्रियों के लिए लंबी दूरी की ट्रेनों में सिर्फ साइड वेंडिंग की सुविधा दी है। साइड वेंडिंग में यात्रियों को सिर्फ चाय-कॉफी और डिब्बाबंद खानपान की चीजें ही मिलती हैं। डिब्बाबंद खान-पान में जो मिल जाता है, यात्रियों को उसी से काम चलाना पड़ता है।


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