25 हजार छात्रों पर लटकी मान्यता की तलवार, अब तक सिर्फ 35 सीबीएसई व 20 निजी स्कूलों ने ही मान्यता को भरा ऑनलाइन आवेदन Dhanbad News
जिन स्कूलों की मान्यता नहीं होगी उस स्कूल के 8वीं कक्षा के छात्र वार्षिक परीक्षा में नहीं शामिल हो पाएंगे। ऐसे में करीब 25 हजार छात्र-छात्राओं पर मान्यता की तलवार लटक रही है।
धनबाद, जेएनएन। जिन स्कूलों की मान्यता नहीं होगी उस स्कूल के आठवीं कक्षा के छात्र वार्षिक परीक्षा में नहीं शामिल हो पाएंगे। जिले में ऐसे करीब 25 हजार छात्र-छात्राएं है जिनपर मान्यता की तलवार लटक रही है। हालांकि बच्चों के भविष्य को देखते हुए शिक्षा विभाग ने स्कूलों को राहत देते हुए मान्यता का आवेदन करने की तिथि तीन दिसंबर तक बढ़ा दी है।
बता दे कि कक्षा एक से आठवीं कक्षा तक के लिए शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 के तहत मान्यता लेना अनिवार्य कर दिया गया है। मान्यता के कुछ नियमों को लेकर निजी स्कूलों ने कोर्ट की शरण ली है। अब उन्हें फैसले का इंतजार है। इस बीच आठवीं बोर्ड की परीक्षा भी सिर पर है। बच्चों का भविष्य खराब न हो इसकी भी चिंता सता रही है। निजी स्कूल संचालक इस समस्या से निजात पाने के लिए मंथन में जुट गए हैं।
यह है शिक्षा निदेशालय का निर्देश : सभी निजी विद्यालयों के बच्चों को भी झारखंड एकेडमिक काउंसिल द्वारा आयोजित होने वाली आठवीं बोर्ड की परीक्षा देनी होगी। प्राथमिक शिक्षा निदेशालय ने इस संबंध में सूचना जारी कर कहा है कि वैसे निजी विद्यालय जो आरटीई के तहत मान्यता प्राप्त है या इसके लिए आवेदन दिया है उन सभी में अध्ययनरत छात्र-छात्रओं को जैक द्वारा आयोजित की जानेवाली आठवीं कक्षा की परीक्षा में आवश्यक रूप से शामिल किया जाएगा। इसके लिए इन विद्यालयों के प्राचार्यो को अपना आवेदन शिक्षा विभाग को देने का निर्देश दिया गया है।
निजी स्कूलों को आवेदन के लिए तीन दिसंबर तक का समय: जिला शिक्षा अधीक्षक इंद्रभूषण सिंह ने कहा कि निजी स्कूलों को मान्यता के लिए आवेदन करने के लिए तीन दिसंबर तक का समय दिया गया है। इसके बाद स्कूलों को आवेदन करने का मौका नहीं मिलेगा। डीएसई ने कहा कि झारखंड में निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार प्रथम संशोधन अधिनियम नियमावली 2019 के तहत स्कूलों से मान्यता के लिए आवेदन मांगा गया बावजूद इसके अधिकतर निजी स्कूलों ने ऑनलाइन आवेदन जमा नहीं किया। धनबाद में 35 सीबीएसई मान्यता प्राप्त स्कूल व 20 निजी स्कूलों का आवेदन मिला है। बताते चले कि पिछले दिनों जैक ने कहा था कि आठवीं की परीक्षा में उसी स्कूल के छात्र फॉर्म भरेंगे जिन्होंने मान्यता के लिए आवेदन जमा किया है।
अनिवार्य होगी आठवीं की परीक्षा : शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत बच्चों को आठवीं बोर्ड की परीक्षा में न केवल अनिवार्य रूप से शामिल होना होगा बल्कि इसमें उत्तीर्ण भी होना आवश्यक कर दिया गया है। हालांकि इसमें असफल होनेवाले विद्यार्थियों को एक और परीक्षा देने की छूट का भी प्रावधान किया गया है।