ऑनलाइन डाकघर की कसरत में ऑफ हो गई सेवा
धनबाद मुख्य डाकघर का डिजिटल अभियान से जुड़ना यहां की जनता को महंगा पड़ रहा है। एक सप्ताह से डाकघर की पूरी व्यवस्था ठप है।
शशि भूषण, धनबाद। डिजिटल इंडिया अभियान लोगों की सहुलियत के लिए शुरू किया गया लेकिन इससे सुविधा तो अब तक लोगों को नसीब नहीं हुई, परेशानी जरूर बढ़ गई है। धनबाद मुख्य डाकघर का डिजिटल अभियान से जुड़ना यहां की जनता को महंगा पड़ रहा है। एक सप्ताह से डाकघर की पूरी व्यवस्था ठप है। डाकघर के लाखों खाताधारकों का पेंशन और वेतन तो रुका ही है। जमा निकासी समेत अन्य महत्वपूर्ण काम भी बंद हैं। लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल डाकघर को सीएसआइ (कोर सिस्टम इंडिग्रेटर) से जोड़ने की प्रक्रिया के तहत 26 से 28 मई तक डाकघर को बंद रखा गया था। 29 मई को बकायदा इसका उद्घाटन किया गया।
जैसे ही लोग अपने काम से डाकघर पहुंचे तो उन्हें घंटों इंतजार के बाद बैरंग वापस लौटना पड़ा। मेल को छोड़ अन्य कार्य प्रभावित मुख्य डाकघर में स्पीड पोस्ट, रजिस्ट्री व मेल संबंधी कामों को छोड़कर सभी काम ठप है। लाखों खाताधारकों की बात कौन कहे विभाग के कर्मचारियों व अधिकारियों तक का वेतन, पेंशन रुक गया है। इसके अलावा पोस्टल ऑर्डर, बीमा, बचत खाता, एमआइएस, किसान विकास पत्र सहित अन्य सभी काम ठप हैं। सीएसआइ के बाद केवल मुख्य डाकघर ही नहीं बल्कि जिले के 60 उपडाकघर व बोकारो के 28 डाकघरों में कामकाज प्रभावित है। लोगों को मिलनी हैं सुविधाएं सीएसआइ प्रोजेक्ट लागू होने पर डाकघर की सभी सेवाओं के लिए एक कॉमन प्लेटफॉर्म उपलब्ध हो जाएगा। ग्राहकों को अच्छी व त्वरित सेवाएं मिलेंगी। सीएसआइ प्रोजेक्ट के बाद डाकघर पूरी तरह पेपरलेस हो जाएगा। मेल ऑपरेशन, वित्त व लेखा इनवेंटरी, प्रक्योरमेंट, एचआर और पे रोल जैसे तमाम कार्य कोर सिस्टम इंटीग्रेटर के माध्यम से होंगे।
मेल को छोड़कर अन्य काम फिलहाल नहीं हो रहा है। सीएसआइ का जिम्मा टीसीएस कंपनी को दिया गया है। कंपनी ने सीएसआइ का काम पूरा कर तो दिया लेकिन यूटिलिटी टूल नहीं दिया है। इसके कारण काम प्रभावित हो गया है। प्रयास किया जा रहा है कि जल्द ही सभी सेवाएं सुचारू रूप से शुरू हो जाएं।
-अशोक कुमार रजक, वरिष्ठ डाकपाल, मुख्य डाकघर।
जानें, क्या हो रही परेशानी
-एमआइएस की एंट्री पूरी तरह से ठप
-बीमा की राशि भी नहीं हो रही जमा
-बचत खाते से लेन-देन भी पूरी तरह बंद