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1500 करोड़ का चूना लगा चुकी नॉन बैंकिंग कंपनियों ने अब तक नहीं लौटाया पैसे, 10 सालों से चल रही जांच Dhanbad News

जिले की विभिन्न नॉन बैकिंग कंपनियों ने यहां के निवेशकों को करीब 1500 करोड़ रुपये का चूना लगाया है। इसकी जांच 10 सालों से चल रही है बावजूद इसके लोगों के पैसे वापस नहीं मिले हैं।

By Sagar SinghEdited By: Published: Fri, 03 Jul 2020 11:24 AM (IST)Updated: Fri, 03 Jul 2020 06:36 PM (IST)
1500 करोड़ का चूना लगा चुकी नॉन बैंकिंग कंपनियों ने अब तक नहीं लौटाया पैसे, 10 सालों से चल रही जांच Dhanbad News
1500 करोड़ का चूना लगा चुकी नॉन बैंकिंग कंपनियों ने अब तक नहीं लौटाया पैसे, 10 सालों से चल रही जांच Dhanbad News

धनबाद, [बलवंत कुमार]। जिले में काम करने वाली विभिन्न नॉन बैकिंग कंपनियों ने यहां के निवेशकों को करीब 1500 करोड़ रुपये का चूना लगाया है। पिछले दस सालों से चल रही जांच के बावजूद भी लोगों के पैसे वापस नहीं हुए हैं। एक ओर मामले की सीबीआइ जांच भी चल रही है तो दूसरी ओर स्थानीय पुलिस स्तर पर भी कार्रवाई जारी है। धनबाद में छह साल बाद एक बार फिर नॉन बैंकिंग कंपनी के खिलाफ कार्रवाई शुरू हुई है। पुलिस की सूची में ऐसे 25 कंपनियों के नाम हैं। 

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नन बैंकिंग के मालिक मालामाल : जांच में यह बात सामने आ चुक है कि नॉन बैंकिंग कंपनियों के मालिकों ने लोगों के पैसे से अलग-अलग राज्यों में अपनी संपत्ति बना रखी है। सीबीआइ जांच के बाद कई जगहों पर इनकी संपत्तियों को जब्त किया गया। पुलिस के अनुसार, एरिल ने करीब 500 करोड़ बेसिल ने 100 करोड़ रुपये, रोज वैली ने 200 करोड़ की धोखाधड़ी की है। इसी प्रकार से अन्य कंपनियों ने भी अपना कारनामा दिखाया है। 

तीन साल में पैसा दोगुना का झांसा : इन कंपनियों ने निवेशकों को जल्द अमीर बनने का सब्जबाग दिखाया। तीन साल में पैसा दोगुना करने का प्रलोभन दिया। इसके अलावा हर महीने 48 फीसदी ब्याज देने की भी बात कही। बड़े-बड़े प्रोजेक्ट में पैसा लगाने की बात कही। ये योजनाएं कभी धरातल पर आयी ही नहीं।

एजेंट के कंधे पर रख चलाया बंदूक : इन सब कंपनियों ने निवेशकों के साथ धोखाधड़ी करने के लिए एजेंट के कंधे पर बंदूक रख कर चला दी। नतीजतन अधिकांश के सीएमडी व डारेक्टर तो फरार हो गए, लेकिन एजेंट पुलिस के हत्थे चढ़ गए। इसी का एक उदाहरण एरिल नन बैंकिंग कंपनी का आया। जिसमें छह साल बाद सरायढेला थाना प्रभारी किशोर तिर्की ने चार एजेंट को गिरफ्तार करने में सफल हुए। 

इन पर दर्ज है एफआइआर : जिले के विभिन्न थानों में करीब 25 कंपनियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज है। इनमें भविष्य ग्रुप ऑफ कंपनी, एम्बिसियस ग्रुप ऑफ कंपनी, बेसिल, वेब इंफ्रा, एरिल ग्रुप, स्पारक्लिंग, वेयर्ड इंफ्रास्ट्रक्चर, रोज वैली, विबगीयर, कोलकाता वेयर इंडस्ट्रीज लिमिटेड, यूरो ग्रुप ऑफ कंपनीज, कॉमनवील वेबरेज ग्रुप ऑफ कम्पनी, स्काईलाइन फोरच्यून इंटरनेशनल ग्रुप ऑफ कम्पनी, साइन इंडिया ग्रुप ऑफ कम्पनी, संकल्प ग्रुप ऑफ कम्पनी, कोलकाता वेयर इंडस्ट्रीज, रिलायंस इंडिया इंडस्ट्रीज,  रिलायर, रूफर्स ग्रुप, साइन इंडिया, रेमल इंडस्ट्रीज, सिलिकॉन ग्रुप ऑफ इंडिया और युगांतर शामिल हैं।

सरायढेला थाना पुलिस जाएगी असम : एरिल मामले में सरायढेला थाना पुलिस रेस हो चुकी है। छह साल बाद मिली इस सफलता से पुलिस गदागद है और अब इसके पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश करने के लिए असम और पश्चिम बंगाल जाने की तैयारी में है। सरायढेला इंस्पेक्टर किशोर तिर्की ने बताया कि आरोपित एजेंटों की गिरफ्तारी के लिए उन्होंने एक टीम बनाया था। इसमें उनके साथ सब इंस्पेक्टर सब विशाल खालको, मुकेश पंडित, इफ्तिकार अहमद, सच्चिदानंद राय, गुड्डू सिंह को शामिल किया गया था। उन्होंने बताया कि मामले में कई अन्य को गिरफ्तार करना शेष है। 


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