Covid 19 effect: कोरोना के खतरे ने धनबाद की अदालतों पर बढ़ाया मुकदमों का बोझ
Covid 19 effect अदालतों में लंबित मुकदमों का बोझ कम करने के लिए धनबाद के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश बसंत कुमार गोस्वामी व उनके सहयोगी न्यायिक अधिकारियों ने हर माह वर्चुअल लोक अदालत और जेल अदालत लगाकर सैकडों मामलों का निष्पादन किया।
धनबाद [ कुमार अजय ]। उच्च न्यायालय से लेकर सर्वोच्च न्यायालय तक ने अदालतों में लंबित मुकदमों पर चिंता जाहिर की है। मुकदमों का बोझ कम करने के लिए अदालतों की संख्या बढ़ाई जा रही है। न्यायिक अधिकारियों के नए पद भी सृजित किए जा रहे हैं। इसके बावजूद मुकदमे कम नहीं हो रहे हैं। पंचायती राज व्यवस्था में सरपंचों के जिम्मे कुछ मामले सौंपने का भी फैसला हो चुका है। लोक और मोबाइल अदालतों के जरिए भी मुकदमों के बोझ को कम करने का काम किया जा रहा है, लेकिन कोरोना काल में मुकदमों का बोझ और भारी हो गया है। ऐसे में अदालतों के समक्ष काम का दबाव और बढ़ गया है।
धनबाद में 46785 मुकदमें लंबित
अब धनबाद को ही लीजिए। धनबाद में 36 अदालतें हैं। इनमें 12 सत्र न्यायाधीश, एक मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी, एक अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी और अन्य सिविल जज हैं। इस समय धनबाद की अदालतों में 46785 मुकदमें लंबित हैं। इनमें 36769 आपराधिक वहीं 10016 दिवानी मुकदमे हैं। औसत देखा जाए तो एक अदालत के अधीन 1200 मुकदमे हैं। एक महीने में भी तारीख आई तो हर अदालत को प्रतिदिन लगभग 50 मुकदमों की सुनवाई करनी होगी। कोरोना काल में यह बड़ी चुनौती है। इसके बावजूद इस वर्ष धनबाद की अदालतों में करीब एक हजार मुकदमों का निष्पादन किया गया। फिर भी अभी 46785 मुकदमों का निष्पादन लंबित है।
स्पीडी ट्रायल से त्वरित न्याय की जगी आस
अदालतों में लंबित मुकदमों का बोझ कम करने के लिए धनबाद के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश बसंत कुमार गोस्वामी व उनके सहयोगी न्यायिक अधिकारियों ने हर माह वर्चुअल लोक अदालत और जेल अदालत लगाकर सैकडों मामलों का निष्पादन किया। वहीं समय-समय पर जिला प्रशासन के साथ बैठक कर मुकदमों के तीव्र निष्पादन की दिशा में भी कार्रवाई की गई। प्रधान जिला जज ने ही दर्जनों मामलों में फैसला एक-दो माह के अंदर सुना कर तीव्र न्याय देने की अपनी प्रतिबद्धता दिखाई।
समयबद्ध सुनवाई से कम होगी संख्या : गोस्वामी
बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राधेश्याम गोस्वामी कहते हैं कि जज और अदालतों की संख्या चाहे कितनी भी बढ़ा दी जाए, मुकदमों की संख्या मौजूदा व्यवस्था में कम नहीं होगी। मुकदमों की संख्या कम करने के लिए समयबद्ध ढंग से सुनवाई जरूरी है। कोर्ट की छुट्टियों मे भी कटौती जरूरी है। ज्यादा से ज्यादा मामलों का कम समय में निष्पादन करने वाले न्यायिक अधिकारियों को सम्मानित किया जाना चाहिए। उन्हें प्रोन्नति दिया जाना चाहिए। तारीख पर तारीख की परंपरा बंद होनी चाहिए, वरना गरीब आदमी न्याय के लिए भटकने को विवश होगा।
धनबाद कोर्ट में लंबित मुकदमे
वर्ष मुकदमे
2012 41000
2013 41642
2014 41085
2015 41233
2016 41495
2017 39907
2018 41495
2019 40607
2020 46785
11280 मामलों में हुई वर्चुअल सुनवाई
कोरोना काल में धनबाद सिविल कोर्ट में 11280 विभिन्न तरह के मामलों में वर्चुअल तरीके से सुनवाई हुई। इसमें क्रिमिनल के 757 और सिविल के 469 मामले हैं। निचली अदालतों ने कोरोना काल में भी मोबाइल एप के जरिए 5862 जमानत अर्जी पर फैसला सुनाया। सत्र न्यायालय ने 2291 अग्रिम जमानत अर्जी पर फैसला सुनाया वहीं 1427 नियमित जमानत याचिकाओं पर फैसला सुनाया गया। इस दौरान 474 अन्य विभिन्न प्रकार के आवेदनों पर आदेश पारित किया गया।