NTPC ने बिजली कटौती का अल्टीमेटम लिया वापस, नहीं हुई लोड शेडिंग; जीएम ने कहा- लोग न हो परेशान Dhanbad News
डीवीसी ने 28 फरवरी से बिजली में कटौती की घोषणा की थी। डीवीसी कमांड एरिया में 600 मेगावाट बिजली आपूर्ति करता है। इसमें धनबाद गिरिडीह देवघर बोकारो आदि जिले शामिल हैं।
धनबाद, जेएनएन। दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) द्वारा बकाया भुगतान नहीं होने के बाद शुरू की गई बिजली कटौती का कोई असर नहीं पड़ रहा है। डीवीसी के कमांड जिलों के अलावा राज्य पर भी इसका कोई प्रभाव नहीं है। शुक्रवार बिजली कटौती की घोषणा के बावजूद बिजली वितरण निगम ने पूरी बिजली ली। सरकार के स्तर पर डीवीसी प्रबंधन पर दबाव बनाया जा रहा है कि कटौती नहीं की जाए। बकाए का भुगतान जल्द कर दिया जाएगा।
गौरतलब है कि डीवीसी ने 28 फरवरी से बिजली में कटौती की घोषणा की थी। डीवीसी कमांड एरिया में 600 मेगावाट बिजली आपूर्ति करता है। इसमें कोडरमा, धनबाद, गिरिडीह, हजारीबाग, देवघर, बोकारो, रामगढ् आदि जिले शामिल हैं।
एनटीपीसी ने नोटिस वापस ली : नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन (एनटीपीसी) ने बिजली निगम को दिया गया कटौती का अल्टीमेटम भी वापस ले लिया है। एनटीपीसी का बकाया लगभग 50 करोड़ रुपये बताया जाता है। दोनों कंपनियों को भुगतान की प्रक्रिया आरंभ की गई है।
किसने क्या कहा :
- जब उपभोक्ता समय पर बिजली बिल जमा करते हैं तो फिर 24 घंटे बिजली क्यों नहीं मिल रही है। बिजली कटौती क्यों। बड़ा सवाल है। सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए। परीक्षा का मौसम है, ऐसे में बिजली कटौती सरासर गलत है। -राकेश प्रसाद, विष्णपुर धनबाद
- केंद्र व राज्य सरकार दोनों के चक्कर में जनता को परेशानी हो रही है। 24 घंटे बिजली नहीं मिल पा रही है। जीरो कट का वादा हवा-हवाई साबित हो रहा है। हर दिन तो बिजली कट ही रही है। जब बिल पूरा लेते है तो बिजली भी पूरी मिलनी चाहिए। सरकार व डीवीसी का अपना मामला है, जनता क्यों परेशान हो। -नरेश प्रसाद, सरायढेला धनबाद
- बिजली नहीं कटेगी। उच्च स्तरीय बैठक में इस पर सकारात्मक निर्णय लिए गए है। वैसे सारे वैकल्पिक व्यवस्था को लेकर काम भी किया जा रहा है। जनता की समस्याओं पर ध्यान है। -प्रतोष कुमार, जीएम बिजली बोर्ड
बकाया पैसे नहीं मिलने पर कटौती को मजबूर : डीवीसी के अतिरिक्त सचिव दीपक विश्वास ने शुक्रवार को मैथन में कहा कि झारखंड में बिजली कटौती के मुद्दे पर कोलकाता मुख्यालय में उच्च स्तरीय बैठक जारी है। उसके बाद स्थिति स्पष्ट हो जाएगा कि किस फीडर से कितना व कब-कब बिजली कटौती होगी। फिलहाल डीवीसी का ध्यान झारखंड विधानसभा सत्र पर है। बकाया 4955 करोड़ रुपये नहीं मिला तो डीवीसी बिजली कटौती करने के लिए मजबूर होगी। हालांकि अंतिम फैसला डीवीसी की उच्चस्तरीय बैठक के बाद ही लिया जाएगा।
बताते चलें कि डीवीसी ने बिजली का बकाया पैसा नहीं मिलने पर बिजली आपूर्ति कम करने की चेतावनी दे रखी है। हालांकि बार-बार पूछने पर अतिरिक्त सचिव ने नहीं बताया कि बिजली की कटौती कब व कितनी की जाएगी।