एनएसयूआइ ने इंटरनेट मीडिया पर चलाई कैंसिल बोर्ड एग्जाम मुहिम
धनबाद कोविड-19 की दूसरी लहर को देखते हुए नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआइ) ने 12वीं की बोर्ड परीक्षा रद करने की मुहिम चलाई है। एनएसयूआइ ने शुक्रवार को इसके लिए ट्विटर पर मुहिम भी छेड़ दिया है। इसमें कहा गया है कि आइए और हम सभी अपनी आवाज उन छात्रों के लिए बुलंद करें।
जागरण संवाददाता, धनबाद : कोविड-19 की दूसरी लहर को देखते हुए नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआइ) ने 12वीं की बोर्ड परीक्षा रद करने की मुहिम चलाई है। एनएसयूआइ ने शुक्रवार को इसके लिए ट्विटर पर मुहिम भी छेड़ दिया है। इसमें कहा गया है कि आइए और हम सभी अपनी आवाज उन छात्रों के लिए बुलंद करें। इस कोविड-19 की दूसरी लहर में अगर परीक्षा होती है तो इन्हें नुकसान हो सकता है। दूसरी लहर से देश बुरी तरह से प्रभावित है। इस माहौल में छात्र पहले से ही तनाव में हैं। ट्विटर पर कैंसिल एग्जाम सेव स्टूडेंट और कैंसिल बोर्ड एग्जाम हैशटैग से मुहिम चलाई जा रही है। एनएसयूआइ की राष्ट्रीय सोशल मीडिया कन्वीनर आरुषि वंदना सिंह ने बताया कि कोविड के इस बुरे हालात में परीक्षा कराना कहीं से भी उचित नहीं है।
इस परिस्थिति में घर से बाहर निकलना जब सही नही है, तो परीक्षा क्यों। पहले अव्यवस्था फैला दी, अब परीक्षा की तैयारी। इस संकट में जीवन की सुरक्षा पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। सरकार ऑफलाइन परीक्षा आयोजित कर रही है। अगर छात्र कोविड से संक्रमित हो रहे हैं तो कौन जिम्मेदारी लेगा। भारत में अभी 18 से 45 उम्र की लिए वैक्सीन लेने का निर्देश है और 12वीं के विद्यार्थी 18 वर्ष से कम हैं। 12वीं की परीक्षा के दौरान अगर एक पेपर देने की बाद कोई विद्यार्थी कोरोना से संक्रमित होता है तो उसके बाकी के पेपर का क्या होगा। एनएसयूआइ के झारखंड अध्यक्ष आमिर हाशमी ने कहा कि कोविड-19 लहर में परीक्षा कराना कहीं से भी उचित नहीं है। छात्र और उनके अभिभावक भी परीक्षा कराने के पक्ष में नहीं हैं। ऐसे में परीक्षा कैंसिल करना ही ठीक होगा।