यात्रियों को अब प्रतिदिन मिलेंगे इको फ्रेंडली सील पैक बैग में धुले हुए बेड रोल Dhanbad News
ट्रेनों में सफर करने वाले एसी कोच के यात्रियों की सबसे ज्यादा शिकायत बेड रोल को लेकर रहती है। अक्सर पैसेंजर यही कहते हैं कि उन्हें दिए गए कंबल चादर तकिया और तौलिया गंदे थे।
तापस बनर्जी, धनबाद: ट्रेनों में सफर करने वाले एसी कोच के यात्रियों की सबसे ज्यादा शिकायत बेड रोल को लेकर रहती है। अक्सर पैसेंजर यही कहते हैं कि उन्हें दिए गए कंबल, चादर, तकिया और तौलिया गंदे थे। कई बार तो यह शिकायत भी की जाती है कि गंदे बेड रोल की वजह से उन्हें इंफेक्शन हो गया।
रेलवे के हेल्पलाइन नंबर और ट्विटर पर ऐसी शिकायतों की लंबी लिस्ट रोजाना ही रहती है। लगातार मिलने वाली शिकायतों के निबटारे को रेल मंत्रालय ने पहल की है। ताजा निर्णय के अनुसार, अब एसी कोच के हर यात्री को न सिर्फ रोजाना धुले हुए बेड रोल दिए जाएंगे बल्कि इको फ्रेंडली बैग में सील पैक भी रहेंगे। नई व्यवस्था तत्काल बहाल कर 16 अगस्त तक इसके अनुपालन की मोहलत दी है। स्पष्ट रूप से यह निर्देश दिया गया है कि बेड रोल से जुड़ी एक भी शिकायत न मिलने पाए, क्योंकि रेलमंत्री पीयूष गोयल इसकी मॉनीटरिंग स्वयं करेंगे।
धनबाद से खुलने वाली किस ट्रेन में कितने बेड रोल का रोजाना इस्तेमाल
13351 धनबाद-अलेप्पी एक्सप्रेस
बेड शीट- 800
टावल - 400
तकिया कवर - 400
तकिया - 120
कंबल - 120
13307 धनबाद-फिरोजपुर लुधियाना एक्सप्रेस
बेड शीट- 1520
टावल - 760
तकिया कवर - 760
तकिया - 210
कंबल - 210
13329 धनबाद पटना गंगा-दामोदर एक्सप्रेस
बेड शीट- 1000
टावल - 500
तकिया कवर - 500
तकिया - 262
कंबल - 262
13331 धनबाद-पटना इंटरसिटी
बेड शीट- 1000
टावल - 500
तकिया कवर - 500
तकिया - 262
कंबल - 262
"गंदे कंबल, चादर और तौलिया से संक्रमण का खतरा रहता है। इससे कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं। खास कर वैसे मरीज जो गंभीर रोग से ग्रसित हैं उनसे संक्रमण का खतरा कई कई गुणा बढ़ जाता है। बुखार, सर्दी, खांसी, स्कीन एलर्जी, आंखों से जुड़ी समस्याएं वगैरह हो सकती हैं। फेफड़े में संक्रमण भी तेजी से बढ़ सकता है।"
- डॉ. यूके ओझा, विशेषज्ञ, पीएमसीएच
डीसी लाइन पर पांच से दौड़ेगी हावड़ा-भोपाल एक्सप्रेस: तकरीबन 26 महीने बाद हावड़ा-भोपाल साप्ताहिक एक्सप्रेस एक बार फिर पटरी पर लौटेगी। हावड़ा से पांच और भोपाल से सात अगस्त को ट्रेन चलने लगेगी। गुरुवार को इस संबंध में पूर्व मध्य रेल मुख्यालय ने आदेश जारी कर दिया। दोनों ओर से परिचालन के दिन और समय में कोई फेरबदल नहीं किया गया है।
15 जून 2017 को धनबाद-चंद्रपुरा रेललाइन बंद होने के कारण इस ट्रेन को रद कर दिया गया था। रेललाइन बंद होने से 26 जोड़ी ट्रेनें प्रभावित हुईं थी। इसी साल 24 फरवरी से डीसी लाइन पर यात्री ट्रेनें चलने लगीं। एक-एक कर शुरू हुई ट्रेनों के बाद अब हावड़ा-भोपाल एक्सप्रेस को भी चलाने की मंजूरी मिली।
आज से शुरू हो जाएगी बुकिंग: हावड़ा से सोमवार और भोपाल को बुधवार को ट्रेन चलेगी। शुक्रवार से आरक्षण की बुकिंग शुरू हो जाएगी। इस ट्रेन में स्लीपर, थर्ड एसी, सेकेंड एसी और जनरल के कुल 19 कोच होंगे।
इन स्टेशनों पर ठहराव: हावड़ा से खुलकर दुर्गापुर, आसनसोल, धनबाद, फुसरो, गोमिया, बरकाकाना, पतरातु, टोरी, लातेहार, बरवाडीह, डालटनगंज, रेणुकूट, चोपन, ओबरा डैम, सिंगरौली, महादया, बेओहारी, कटनी मुड़वारा, दामोह, पथारिया, सागर, खुरई, बीना, विदिशा होकर भोपाल जाएगी।
13025 हावड़ा-भोपाल
हावड़ा - दोपहर 12.30
धनबाद - शाम 4.45
भोपाल - शाम 6.45
13026 भोपाल-हावड़ा
भोपाल - सुबह 7.30
धनबाद - सुबह 10.30
हावड़ा - दोपहर 3.05
अब डीसी पैसेंजर और रांची-न्यू जलपाईगुड़ी इंटरसिटी का इंतजार: धनबाद-चंद्रपुरा रेल लाइन पर अब लगभग सभी ट्रेनें चलने लगी हैं। हावड़ा-भोपाल साप्ताहिक टे्रन के बाद रांची-न्यू जलपाईगुड़ी इंटरसिटी एक्सप्रेस और धनबाद-चंद्रपुरा के बीच चलने वाली डीसी पैसेंजर का इंतजार है। डीसी पैसेंजर चलने से कुसुंडा, बांसजोड़ा, अंगारपथरा, सिजुआ, तेतुलिया जैसे छोटे स्टेशन और हॉल्ट की रौनक लौटेगी। रांची-न्यू जलपाईगुड़ी इंटरसिटी के पटरी पर लौटने से पश्चिम बंगाल के साथ उत्तर बिहार के कई शहरों के लिए भी विकल्प मिल जाएगा।
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