अब रेलवे अस्पताल को पीपीपी मोड पर चलाने की तैयारी
अब रेलवे अस्पताल भी पीपीपी मोड पर चलाने की तैयारी
अब रेलवे अस्पताल को पीपीपी मोड पर चलाने की तैयारी
जागरण संवाददाता, धनबाद : रेलवे के अस्पताल भी पीपीपी मोड पर चलेंगे। रेलवे ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। रेल मंत्रालय से मिले ग्रीन सिग्नल के बाद रेलवे बोर्ड के कार्यकारी निदेशक स्वास्थ्य (सामान्य) डा. के श्रीधर ने सभी जोन के प्रधान मुख्य स्वास्थ्य निदेशक और प्रधान मुख्य मेडिकल अफसरों को पत्र भी जारी कर दिया है। उन्होंने बताया है कि अस्पतालों को पीपीपी मोड पर शुरू करने के लिए कमेटी बनी है, जो पीपीपी मोड पर अस्पतालों के संचालन की फिजिबिलिटी देखेगी। इसके मद्देनजर 19 अप्रैल तक रेल अस्पतालों से संबंधित विवरण तलब किया गया है। रेल अस्पताल भवन, उपलब्ध सुविधाएं, डाक्टर, मेडिकल स्टाफ, मरीजों की संख्या, दवाओं की उपलब्धता और अस्पताल संचालन पर होने वाले खर्च वगैरह की रिपोर्ट तैयार कर जोन स्तर पर 19 अप्रैल तक भेजना होगा। पूर्व मध्य रेल के दूसरे रेल मंडलों के साथ-साथ धनबाद में भी इसकी तैयारी शुरू हो गई है।
----
गैर रेल कर्मियों के लिए भी शुरू हो सकती है स्वास्थ्य सेवाएं
रेलवे अस्पताल के पीपीपी मोड पर संचालन शुरू होने से रेल कर्मचारी और उनके घर वालों के साथ साथ गैर रेल कर्मचारियों को भी इलाज की सुविधा मिल सकती है। साथ ही पीपीपी मोड पर अस्पताल चलने से रेलवे पर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए पड़ने वाला करोड़ों का आर्थिक बोझ भी कम होगा।
----
23,000 कर्मचारी एक डिविजनल अस्पताल, एक सब डिविजनल अस्पताल और 16 हेल्थ यूनिट
झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश तक फैले धनबाद रेल मंडल में तकरीबन 23,000 कर्मचारी काम कर रहे हैं। इन कर्मचारियों और उनके घर वालों के इलाज के लिए धनबाद में एक डिविजनल रेलवे अस्पताल, पतरातू में सब डिविजनल रेलवे अस्पताल के साथ-साथ रेल मंडल के अलग-अलग जगहों पर 16 हेल्थ यूनिट भी हैं। पीपीपी मोड पर रेलवे अस्पताल के साथ हेल्थ यूनिट भी संचालित होंगे या नहीं, इसकी तस्वीर अभी साफ नहीं है। कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद ही यह तय हो सकेगा।