अब सिर्फ इन्वेस्टिगेशन विग ही करेगा सर्च और सर्वे
आयकर विभाग का अब हर विग सर्वे और सर्च नहीं कर सकेंगे। आयकर के सर्च और सर्वे के नियमों में संशोधन किया गया है। टीडीएस इन्वेस्टिगेशन क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन आडिट प्रधान आयकर आयुक्त के अधीन रेंज और वार्ड अभी तक अलग-अलग सर्च रेड और सर्वे करते आए हैं। आयकर विभाग की ओर से जारी नई अधिसूचना के तहत अब सिर्फ इन्वेस्टिगेशन विग ही सर्च सर्वे और रेड करेगा। अन्य सभी विभागों से यह काम हटा दिया गया है।
आशीष सिंह, धनबाद
आयकर विभाग का अब हर विग सर्वे और सर्च नहीं कर सकेंगे। आयकर के सर्च और सर्वे के नियमों में संशोधन किया गया है। टीडीएस, इन्वेस्टिगेशन, क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन, आडिट, प्रधान आयकर आयुक्त के अधीन रेंज और वार्ड अभी तक अलग-अलग सर्च, रेड और सर्वे करते आए हैं। आयकर विभाग की ओर से जारी नई अधिसूचना के तहत अब सिर्फ इन्वेस्टिगेशन विग ही सर्च, सर्वे और रेड करेगा। अन्य सभी विभागों से यह काम हटा दिया गया है। इन्वेस्टिगेशन विग के अलावा शेष विभाग फेसलेस असेसमेंट ही करेंगे। आयकर विभाग में अभी तक दो तरह से कर चोरों पर कार्रवाई की जाती रही है। पहला सर्च और दूसरा सर्वे। सर्च का काम इंवेस्टिगेशन विग डायरेक्टर जनरल के निर्देश पर करता है। सर्वे कमिश्नर व चीफ कमिश्नर के स्तर पर होते हैं। अब यह खत्म कर एक कर दिया गया है। सर्च-सर्वे का काम इन्वेस्टिगेशन को सौंप दिया गया है। धनबाद में इन्वेस्टिगेशन विग के डिप्टी डायरेक्टर इन्वेस्टिगेशन (डीडीआइ) के जिम्मे यह काम होगा। इन्वेस्टिगेशन विग के डीडीआइ के पद पर इस समय इंद्रजीत रविदास हैं। यहां बताते हैं कि आयकर विभाग धनबाद प्रक्षेत्र के अंतर्गत धनबाद, देवघर, जामताड़ा, गिरिडीह, दुमका, पाकुड़, साहिबगंज और गोड्डा जिले आते हैं।
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करदाताओं को राहत देने के लिए फेसलेस असेसमेंट
करदाताओं को राहत देते हुए आयकर विभाग ने फेसलेस असेसमेंट की प्रक्रिया शुरू की है। इसके अंतर्गत करदाताओं के लिए अपील और व्यक्तिगत सुनवाई को पहले से अधिक आसान बनाया गया है। अब टैक्स वसूली या नोटिस के खिलाफ अपील करने पर मामले की सुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिग या वीडियो कालिग के जरिए भी की जा सकेगी। रीजनल इलेक्ट्रानिक (असेसमेंट) आडिट यूनिट के तहत अब असेसमेंट व अपील के केस की सुनवाई अब प्रत्यक्ष रूप से न होकर आनलाइन होगी। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने यह बदलाव किया है। अब कमिश्नर अपील भी फेसलेस सुनवाई करेंगे।
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सर्वे और सर्च-रेड में अंतर
- सर्वे 133ए आइटी एक्ट के अंतर्गत आता है। यह केवल व्यवसाय या पेशे के स्थान पर ही हो सकता है। आवासीय पर तब तक नहीं हो सकता, जब तक दस्तावेज आवासीय स्थान पर नहीं रखे जाते। सिर्फ कार्य दिवसों पर कार्यालय के समय ही हो सकता है। अधिकारी को जब्त करने का अधिकारी नहीं। किसी व्यक्ति की व्यक्तिगत खोज नहीं की जा सकती। पुलिस अधिकारियों की मदद नहीं ली जा सकती।
- सर्च और रेड आइटी की धारा 132 के तहत परिभाषित किया गया है। यह संबंधित अधिकारी के अधिकार क्षेत्र में किसी भी भवन या स्थान पर हो सकता है। यह दिन निकलने के बाद किसी भी दिन हो सकता है और प्रक्रिया पूरी होने तक जारी रह सकता है। अघोषित संपत्ति का पता लगाने के लिए पूरे स्थान की तलाशी ली जा सकती है, ताले खोले जा सकते हैं। अधिकारी के पास जब्त करने का अधिकार होता है। परिसर के प्रत्येक व्यक्ति की व्यक्तिगत रूप से तलाशी ली जा सकती है। पुलिस अधिकारियों की मदद ली जा सकती है।
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केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने नियमों में बदलाव किया है। अब सिर्फ इन्वेस्टिगेशन विग ही सर्वे, सर्च-रेड कर सकता है। शेष विभाग फेसलेस असेसमेंट करेंगे। इसी अनुरूप आयकर विभाग धनबाद प्रक्षेत्र ने भी काम करना शुरू कर दिया है।
- आरके गर्ग, आइटीओ हेडक्वार्टर आयकर विभाग धनबाद