Move to Jagran APP

अब अफगानी गुरुओं को तालीम देगा आइएसएम

धनबाद : अफगान हमेशा जहां गोलियों की तड़तड़ाहट गूंजती है। जहां तालिबान, अलकायदा जैसे स

By JagranEdited By: Published: Tue, 11 Sep 2018 04:45 AM (IST)Updated: Tue, 11 Sep 2018 04:45 AM (IST)
अब अफगानी गुरुओं को तालीम देगा आइएसएम
अब अफगानी गुरुओं को तालीम देगा आइएसएम

धनबाद : अफगान हमेशा जहां गोलियों की तड़तड़ाहट गूंजती है। जहां तालिबान, अलकायदा जैसे संगठनों ने खूनी खेल से मानवता को शर्मसार किया है। उस धरती पर भारतीय तालीम की गाथा लिखी जाएगी। जी हां, आइआइटी आइएसएम अफगान के प्रसिद्ध शिक्षण संस्थानों के गुरुओं को तालीम देगा।

loksabha election banner

उच्च शिक्षा मंत्रालय अफगान ने छात्रों के बाद अब पांच प्रोफेसर का चयन कर आइएसएम भेजा है। इन सभी प्रोफेसर का दाखिला आइएसएम के दो वर्षीय एमटेक कोर्स के लिए किया गया है। दो वर्षो तक ये यहां रहकर एमटेक इन मिनरल एक्सप्लोरेसन तथा एमटेक इन फ्यूल इंजीनिय¨रग का कोर्स करेंगे। ये अफगानी प्रोफेसर काबुल पॉलिटेक्निक सहित वहां के टॉप संस्थानों के हैं। बताते चलें कि इसके पूर्व अफगान के विशेष आग्रह पर आइएसएम ने 46 अफगानी छात्रों के लिए खनन प्रौद्योगिकी विषय में चार वर्षीय बीटेक का विशेष कोर्स डिजाइन कर उन्हें तालीम दी थी। जुलाई 2018 में सभी छात्र कोर्स पूरा कर अपने वतन लौट गए हैं। इनमें से कुछ छात्रों को छात्रवृति मिली थी, जो विदेशों में कार्यरत है।

अफगान स्कूल ऑफ माइंस की हो रही तैयारी

अफगानी छात्रों के बाद अब अफगानी प्रोफेसर का आइएसएम एमटेक में दाखिला यह पूरा मामला अफगान स्कूल ऑफ माइंस से जुड़ा है। दरअसल, अफगान में खनिज संपदा का प्रचूर भंडार है, पर इनका सटीक दोहन तभी हो सकता है, जब अफगानिस्तान में अच्छे खनन विशेषज्ञ हों। ऐसे में इंडियन स्कूल ऑफ माइंस की तर्ज पर अफगान स्कूल ऑफ माइंस की स्थापना की तैयारी अफगान सरकार ने की है। इसकी जिम्मेवारी अफगान ने आइएसएम को दी है। आइएसएम का तीन सदस्यीय दल वर्ष 2015 में अफगान गया था। इस दौरे के बाद आइएसएम ने अफगान स्कूल ऑफ माइंस का डीपीआर तैयार कर अफगानिस्तान सरकार को भेज दिया।

--------------------------------------

आइएसएम में उच्च शिक्षा मंत्रालय अफगान सरकार के निर्देश पर अफगान के प्रसिद्ध शिक्षण संस्थानों के पांच प्रोफेसर ने एमटेक के विभिन्न संकायों में नामांकन लिया है। इसके पूर्व भी वहां के छात्रों ने आइएसएम से बीटेक किया। अब वहां के प्रोफेसर कर रहे हैं, जिसमें उन्हें आइएसएम सहयोग कर रहा है।

- कर्नल एमके सिंह, कुलसचिव, आइआइटी आइएसमए


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.