अब दूसरे राज्य के श्रद्धालु भी फौजदारी के दरबार में लगा रहे हाजिरी, बैद्यनाथधाम की तर्ज पर अरघा से जलाभिषेक करने की मांग
बासुकीनाथ मंदिर में ई-पास के माध्यम से दर्शन के लिए अन्य राज्यों के श्रद्धालुओं को भी छूट दिए जाने पर श्रद्धालुओं ने प्रसन्नता जताई। कुछ श्रद्धालुओं एवं स्थानीय पंडा-पुरोहितों ने भी बैद्यनाथधाम की तर्ज पर बासुकीनाथ में भी अरघा से जलाभिषेक करने की अनुमति देने की मांग की।
बासुकीनाथ (दुमका), जेएनएन। विश्व प्रसिद्ध बासुकीनाथ मंदिर को अन्य राज्यों के भक्तों के लिए भी खोल दिया गया है। इसके बाद से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया है। मंगलवार को गगरी (सुराही) में जल लेकर कोलकाता के श्रद्धालु गोपाल बासुकीनाथ पहुंचे। हालांकि कोविड-19 के नियमों की पाबंदी के कारण बासुकीनाथ मंदिर में उन्हें जलाभिषेक की अनुमति नहीं मिली। उन्होंने अपने जल को बासुकीनाथ मंदिर के पुजारी के सुपुर्द कर दिया। मंदिर के पुजारी ने गोपाल को आश्वस्त किया कि भोलेनाथ के दरबार में आयोजित होने वाले दोपहर के विश्राम पूजा सह श्रृंगार पूजा में उनके लाए हुए जल को चढ़ा दिया जाएगा।
गोपाल दास ने बताया कि ई-पास के माध्यम से अन्य राज्यों के भी श्रद्धालुओं के दर्शन की अनुमति मिलने के बाद उन्होंने ई-पास के माध्यम से बासुकीनाथ मंदिर में प्रवेश किया। बासुकीनाथ मंदिर में दर्शन के लिए दिए जाने वाले ई-पास में पहले पोर्टल में सिर्फ झारखंडवासियों को ही दर्शन की अनुमति प्राप्त थी, जिसमें अब यह बाध्यता समाप्त कर दी गई है। इस वजह से बासुकीनाथ में ई-पास के माध्यम से अन्य राज्यों के भी श्रद्धालु बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं।
बासुकीनाथ मंदिर में ई-पास के माध्यम से दर्शन के लिए अन्य राज्यों के श्रद्धालुओं को भी छूट दिए जाने पर गोपाल की तरह अन्य श्रद्धालुओं ने भी प्रसन्नता जताई। इस मौके पर मौजूद कुछ श्रद्धालुओं एवं स्थानीय पंडा-पुरोहितों ने भी बैद्यनाथधाम की तर्ज पर बासुकीनाथ में भी अरघा के माध्यम से जलाभिषेक करने की अनुमति देने की मांग की है।