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E-Pass Modified Guideline: लॉकडाउन में टीकाकरण और शवयात्रा में शामिल होने के लिए पास की आवश्यकता नहीं, संशोधित गाइडलाइन जारी

Lockdown in Jharkhand झारखंड में लॉकडाउन के दाैरान ई-पास को लेकर भ्रम को राज्य के परिवहन आयुक्त ने दूर दिया है। उन्होंने संशोधित गाइडलाइन जारी कर कहा है कि कोरोना का टीका लेने के लिए और शव यात्रा में शामिल होने के लिए ई-पास की आवश्यकता नहीं है।

By MritunjayEdited By: Published: Sun, 16 May 2021 03:47 PM (IST)Updated: Sun, 16 May 2021 06:47 PM (IST)
E-Pass Modified Guideline: लॉकडाउन में टीकाकरण और शवयात्रा में शामिल होने के लिए पास की आवश्यकता नहीं, संशोधित गाइडलाइन जारी
शव यात्रा और टीकाकरण के लिए ई-पास नहीं ( फाइल फोटो)।

धनबाद, जेएनएन। Jharkhand Lockdown E-Pass Modified Guideline झारखंड में रोज-रोज लॉकडाउन को लेकर इतने दिशा-निर्देश जारी हो रहे हैं कि जनता के बीच भ्रम की स्थिति पैदा हो जा रही है। इससे जिला स्तर पर अधिकारियों की भी किरकिरी हो रही है और जनता अगल से परेशान है। सबसे ज्यादा भ्रम की स्थिति टीकाकरण के लिए ई-पास की हो गई थी। इस भ्रम को दूर करने के लिए राज्य के परिवहन आयुक्त ने संशोधित प्रेस विज्ञप्ति जारी किया है। उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि टीकाकरण के लिए घर से आते और जाते समय ई-पास की आवश्यकता नहीं है। झारखंड में इस समय कोरोना से बचाव के लिए टीकाकरण अभियान चल रहा है। टीका लेने के लिए लोग घरों से निकल कर टीकाकरण सेंटर पर जा रहे हैं। परिवहन विभाग के पहले के आदेश से आम लोगों में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई थी। 

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शव यात्रा में शामिल होने के लिए ई-पास अनिवार्य नहीं

परिवहन आयुक्त ने संशोधित विज्ञप्ति में कहा है कि शव यात्रा में शामिल होने के लिए ई-पास की आवश्यकता नहीं है। जाहिर है अब लोग बिना पास के शव यात्रा में शामिल हो सकेंगे। शव यात्रा के लिए ई-पास सिस्टम को लेकर भी किरकिरी हो रही थी। बगैर ई-पास शव यात्रा न निकले यह तो घोर अमानवीयता की बात होगी। यह बात समझ में आने के बाद आदेश को संशोधित कर दिया गया है। 

ई-पास सिस्मट को भाजपा ने बताया कचरा

भारतीय जनता पार्टी के धनबाद महानगर के वरीय जिला उपाध्यक्ष संजय झा ने एक प्रेस-विज्ञप्ति जारी कर ई -पास सिस्टम पर रोष  व्यक्त करते हुए इसे हेमंत सरकार का अधकचरा और अव्यवहारिक निर्णय करार दिया है। उन्होंने कहा है मुख्यमंत्री सवाल पूछा है- आप तो दुमका जैसे जन-जातीय बहुल क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं  तो क्या आप बता सकते हैं कि  वहां कितने लोग  स्मार्ट फोन का उपयोग करते हैं?  पूरे प्रदेश में  क्या सभी लोग  एन्ड्रोएड या स्मार्ट फोन रखते हैं ? और जिनके पास उक्त फोन है भी तो क्या वो  पोर्टल या वेबसाइट साईट पर  जाकर  ई- पास बनाना जानतें हैं?  मुख्यमंत्री जी क्या आप बतायेंगे कि जिन्हें आज अति-आवश्यक कार्य से बाहर जाना था और  वेबसाइट स्लो  रहने के कारण ई- पास नहीं बना पाए, इसके लिए कौन जिम्मेदार है? क्या इसके अलावे अन्य कोई  वैकल्पिक व्यवस्था "पास "हेतु नहीं करनी चाहिए थी? ग्रामीण क्षेत्रों  से निर्माण कार्य हेतु आने वाले  मजदूरों, राजमिस्त्री, आदि कामगारों को  साईकिल से आने पर भी पुलिस  नाहक परेशान कर रही है।


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