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धनबाद पुलिस की नजर में मेहुल चाैकसी का हीरा का कारोबार खरा, तफतीश बंद

पीएनबी घोटाले के सामने आने और मेहुल चाैकसी के देश छोड़कर फरार होने के बाद उसके खिलाफ देशव्यापी कार्रवाई शुरू हुई थी। उसकी कंपनी की फ्रेंचाइजी कंपनियों में भी छापेमारी हुई थी।

By mritunjayEdited By: Published: Tue, 30 Apr 2019 08:56 AM (IST)Updated: Tue, 30 Apr 2019 08:56 AM (IST)
धनबाद पुलिस की नजर में मेहुल चाैकसी का हीरा का कारोबार खरा, तफतीश बंद
धनबाद पुलिस की नजर में मेहुल चाैकसी का हीरा का कारोबार खरा, तफतीश बंद

धनबाद, जेएनएन। 13 हजार करोड़ रुपये के पीएनबी घोटाले ( पंजाब नेशनल बैंक घोटाला) का मुख्य आरोपी हीरा कोरोबारी मेहुल चाैकसी देश से भाग खड़ा है। उसे सरकार ने भगोड़ा घोषित कर रखा है। साथ ही पकड़ने के लिए लगातार शिकंजा कस रही है। लंदन में उसपर गिरफ्तारी की तलवार लटकी हुई है। वह गिरफ्तारी से बचने के लिए जमानत की कानूनी लड़ाई लड़ रहा है। लेकिन, धनबाद पुलिस की नजर में मेहुल के हीरे का कारोबार खरा है। यहां हीरा के कारोबार में ठगी और धोखाधड़ी के एक मामले में पुलिस ने क्लीनचिट दे दी है। कोर्ट को सूचित किया गया है कि उसके खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं है। इसलिए अनुसंधान बंद की जा रही है।

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धनबाद के बैंक मोड़ थाना में 2016 में दर्ज हुई थी प्राथमिकीः पीएनबी घोटाले के सामने आने और मेहुल चाैकसी के देश छोड़कर फरार होने के बाद उसके खिलाफ देशव्यापी कार्रवाई शुरू हुई थी। उसकी कंपनी की फ्रेंचाइजी कंपनियों में भी छापेमारी हुई थी। धनबाद में भी नक्षत्र ब्रांड की फ्रेंचाइजी कंपनी में छापेमारी हुई थी।

इसके बाद इस्पार्कल्स प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर अनिल कुमार ने मेहुल के खिलाफ जालसाजी और धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया था। इसी मामले में धनबाद पुलिस ने इस संबंध में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में एफआरटी दाखिल करते हुए मेहुल के खिलाफ अनुसंधान बंद करने के जानकारी दी है।

1.4 करोड़ रुपये के आभूषण हड़प लेने का आरोपः बैंक मोड़ थाना में दर्ज प्राथमिकी में मेहुल चौकसी समेत कंपनी के जेनरल मैनेजर अमरीष माशालिया और मैनेजर शिवेंद्र सिंह को आरोपी बनाया था। डायरेक्टर अनिल कुमार ने आरोप लगाया था कि उन्होंने नक्षत्र ब्रांड लिमिटेड नामक आभूषण कंपनी के साथ धनबाद में फ्रेंचाइजी व्यवसाय शुरू किया था। इसके तहत नक्षत्र ब्रांड से उनका एक एकरारनामा हुआ था। एकरारनामा में एक्सचेंज पॉलिसी का भी प्रावधान था। उन्होंने कंपनी को एक्सचेंज पॉलिसी के तहत एक करोड़ चार लाख रुपए कीमत के आभूषण भेजे थे लेकिन कंपनी ने उस आभूषण को वापस नहीं किया और न ही उनके पैसे लौटाए गए। उन्होंने नक्षत्र ब्रांड के साथ करीब दो वर्षों तक व्यवसाय किया। कंपनी को अग्रिम राशि भी दी थी लेकिन कंपनी ने एकरारनामा की शर्तों का उल्लंघन किया। उनका अग्रिम पैसा भी नहीं लौटाया गया था।

पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने से किया था इन्कार, कोर्ट के आदेश पर हुई थी एफआईआरः अनिल कुमार ने इस मामले में सीजेएम कोर्ट में सीपी केस किया था। कोर्ट ने प्रारंभिक जांच के बाद बैंक मोड़ पुलिस को मामला दर्ज करने का आदेश दिया था। प्राथमिकी दर्ज कर पुलिस ने छानबीन शुरू कर दी है। इस मामले में एक आरोपी मैनेजर शिवेंद्र सिंह की ओर से उच्च न्यायालय में अर्जी दाखिल की गई थी। उच्च यायालय के आदेश पर इस मामले में फिलहाल स्टे लगा हुआ था।

भगोड़ा मेहुल चाैकसी गीतांजलि ग्रुप का चेयरमैनः मेहुल चौकसी गीतांजलि ग्रुप के एमडी और चेयरमैन हैं। पीएनबी घोटाले में नीरव मोदी के साथ मेहुल भी मुख्य आरोपी हैं। दोनों रिश्तेदार भी बताए जाते हैं। गीतांजलि करीब 13 हजार करोड़ रुपए की है। गीतांजलि ग्रुप की तीन कंपनियां गीतांजलि जेम्स, गिली इंडिया और नक्षत्र ब्रांड लिमिटेड हैं। गीतांजलि का कारोबार देश के साथ-साथ दुनिया के कई दूसरे देशों में भी चलता है। गीतांजलि दुनियाभर में हीरों का निर्यात करती है।


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