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Nirsa Jharkhand Election Result 2019 : प. बंगाल के एंट्री गेट निरसा में खिला कमल, दूसरी बार अपर्णा सेनगुप्ता बनीं विधायक

Nirsa Jharkhand Election Result 2019 निरसा विधानसभा क्षेत्र में भाजपा को पहली बार जीत मिली है। जीत का सेहरा अपर्णा सेनगुप्ता के माथे पर बंधा है।

By Sagar SinghEdited By: Published: Mon, 23 Dec 2019 12:22 PM (IST)Updated: Tue, 24 Dec 2019 10:33 AM (IST)
Nirsa Jharkhand Election Result 2019 : प. बंगाल के एंट्री गेट निरसा में खिला कमल, दूसरी बार अपर्णा सेनगुप्ता बनीं विधायक
Nirsa Jharkhand Election Result 2019 : प. बंगाल के एंट्री गेट निरसा में खिला कमल, दूसरी बार अपर्णा सेनगुप्ता बनीं विधायक

निरसा [श्रवण कुमार]। नेशनल हाइवे टू के उत्तर व दक्षिण में बसा और धनबाद से बंगाल में प्रवेश करने का द्वार निरसा विधानसभा क्षेत्र में इस बार भाजपा की जीत के साथ ही भगवा का उदय हो गया। इसके साथ ही करीब तीन दशक से वाम दल का यह अभेद दुर्ग ढह गया।

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भाजपा प्रत्याशी अपर्णा सेनगुप्ता ने मासस विधायक अरूप चटर्जी को 25458 वोटों के अंतर से शिकस्त देकर निरसा में पहली बार कमल खिलाया। देश की आजादी के बाद 1952 के विधानसभा चुनाव और वर्ष 2000 में झारखंड गठन के बाद से अभी तक निरसा में कमल नहीं खिल पाया था। वर्ष 1990 के चुनाव से इस सीट पर वाम पार्टी खासकर माक्र्सवादी समन्वय समिति का कब्जा चल रहा था। वर्ष 2004 से 2009 तक छोड़कर इस सीट पर अरूप चटर्जी के परिवार का कब्जा चला आ रहा था जिसे कभी फॉरवर्ड ब्लॉक से विधायक रही भाजपा प्रत्याशी अपर्णा सेनगुप्ता ने धवस्त किया। अपर्णा वर्ष 2015-16 में फॉरवर्ड ब्लॉक से भाजपा में शामिल हुईं थीं और इस बार पार्टी ने वर्ष 2014 में महज 1035 वोट के अंतर से पिछले चुनाव में पराजित झारखंड प्रदेश प्रशिक्षण प्रमुख गणेश मिश्रा की जगह अपर्णा पर विश्वास जताया था। हालांकि अपर्णा के लिए सीट निकालना आसान नहीं था। अपर्णा के लिए मासस व झामुमो से अधिक पार्टी के अंदर अंतर्कलह को पाटना मुश्किल था। निरसा में पूरे चुनाव में पार्टी के अंदर अंतर्कलह दिखा। निरसा का कोई भी बड़ा नेता खुलकर प्रचार करने नहीं उतरा। हालांकि केंद्र सरकार की उज्ज्वला योजना, आयुष्मान भारत, प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ अपर्णा सेनगुप्ता को चुनाव में मिला। वहीं निरसा में रिकार्ड 99 हजार महिला मतदाताओं ने भी अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इसका फायदा भी अपर्णा का मिलता दिख रहा है। पिछले चुनाव में भाजपा निरसा के ग्रामीण क्षेत्र में पिछड़ गई थी, लेकिन इसबार ग्रामीण से लेकर शहरी क्षेत्र में भरपूर वोट मिला जिससे मासस व झामुमो दोनों पिछड़ गए। मासस व झामुमो के बीच अल्पसंख्यक वोटों के बिखराव का भी भाजपा को फायदा मिला।

अपर्णा सेनगुप्ता की जीत के तीन कारण

1.  केंद्र सरकार द्वारा संचालित उज्जवला योजना, आयुष्मान भारत, प्रधानमंत्री आवास योजना, पेंशन योजना का लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचना

2. मासस विधायक अरूप चटर्जी के दस साल के कार्यकाल की एंटी इंकमबेंसी का असर

3. अपर्णा सेनगुप्ता मूल रूप से निरसा से जुड़ी हुई हैं और एक बार वह विधायक भी रह चुकी हैं। उस समय निरसा को कई बड़ी योजनाएं दिलाई थी जिसका फायदा मिला।

अरूप चटर्जी की हार के तीन कारण

1. मासस के परंपरागत वोटों का बिखराव। साथ ही ग्रामीण इलाकों में मासस का अधिक पिछडऩा

2. दस साल के कार्यकाल का एंटी इंकमबेंसी  फैक्टर

3. रोजगार का कम सृजन, दस साल के कार्यकाल में बड़े उद्योग नहीं लगे।

जीत का श्रेय यहां की जनता समेत तमाम भाजपा समर्थकों को है। जिस उम्मीद से निरसा की जनता ने जीत का आशीर्वाद दिया है उसपर खरा उतरने का प्रयास करूंगी। निरसा की अधूरी योजनाएं पूरा कराना लक्ष्य रहेगा। बंद उद्योग धंधों को चालू कराने का भी प्रयास करूंगी।

अपर्णा सेनगुप्ता, विधायक, निरसा

निरसा विधानसभा की जनता ने जो निर्णय दिया वह स्वीकार है। मैं जनता के बीच उनके सुख-दुख में पूर्व की भांति सदैव खड़ा रहूंगा। जनता ने जिस आशा व अपेक्षा से भाजपा प्रत्याशी को जीत दिलाई है, आशा करता हूं कि वे जनता के विश्वास पर खरा उतरेेंगी। साथ ही मैं उन्हें जीत की बधाई देता हूं।

अरूप चटर्जी, पराजित उम्मीदवार, निरसा।

निरसा में प्रत्याशियों को प्राप्त वोट

1. अपर्णा सेनगुप्ता-भाजपा : 89082

2. अशोक मंडल-झामुमो : 47168

3. उमेश गोस्वामी - एनसीपी  : 1087

4. बंपी चक्रवर्ती-जेवीएम : 2007

5. बामा पदो बाउरी - बसपा : 1533

6. अरूप चटर्जी - मासस : 63624

7. भागवत महतो - फाब्ला : 1159

8. अवधेश दास - निर्दलीय : 1603

9. नोटा : 3800

निरसा विधान सभा के विधायक

वर्ष 2014

अरूप चटर्जी - मासस : 51581

गणेश मिश्रा - भाजप : 50546

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वर्ष 2009

अरूप चटर्जी - मासस : 68965

अशोक मंडल . भाजपा : 33388

...

वर्ष 2005

अपर्णा सेनगुप्ता - फाब्ला : 50533

अरूप चटर्जी - मासस : 48196

...

वर्ष 2000

गुरूदास चटर्जी - मासस : 37585

सुब्रत सेनगुप्ता - फाब्ला : 36804

उप चुनाव

अरूप चटर्जी - मासस : 58241

सुब्रत सेनगुप्ता - फाब्ला : 42037

...

वर्ष 1995

गुरूदास चटर्जी - मासस : 45686

कृपाशंकर चटर्जी - कांग्रेस : 29442

...

वर्ष 1990

गुरूदास चटर्जी - मासस : 28741

कृपाशंकर चटर्जी - कांग्रेस : 27229

...

वर्ष 1985

कृपाशंकर चटर्जी - कांग्रेस : 32004

एसके बख्शी - सीपीएम : 16597

...

वर्ष 1980

कृपाशंकर चटर्जी - निर्दलीय : 43257

चंदन घोष - कांग्रेस : 11743

...

वर्ष 1977

कृपाशंकर चटर्जी - निर्दलीय : 24058

जीके बख्शी - सीपीएम : 6121

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वर्ष 1972

निर्मलेंदू भट्टाचार्या - सीपीआइ : 8004

जीके बख्शी - सीपीएम : 6887

...

वर्ष 1969

निर्मलेंदू भट्टाचार्या : सीपीआइ - 13387

बृजमोहन शर्मा : कांग्रेस - 7137

...

वर्ष 1967

आरएन शर्मा : कांग्रेस - 8529

एन भट्टाचार्या : सीपीआइ - 8457

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वर्ष 1962

लक्ष्मीनारायण मांझी : कांग्रेस - 10381

किशन हेम्ब्रम : एसडब्ल्यूए - 8997

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वर्ष 1957 में दो विधायक

रामनारायण शर्मा - कांग्रेस : 17860

लक्ष्मीनारायण मांझी - कांग्रेस - 18605

हारे

बुधवा मांझी : पीएसपी - 6184

बिनोद बिहारी महतो : निर्दलीय -  7938

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वर्ष 1952 में टुंडी सह निरसा विस के दो विधायक

रामनारायण शर्मा : कांग्रेस - 14771

टीकाराम मांझी : कांग्रेस - 14575

हारे

लारूगोपाल मांझी : जेएचपी - 8627

डीक नाग : जेएसपी - 7859


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