Netaji Subhash Chandra Bose Jayanti 2020: नेताजी का जामताड़ा से रिश्ता, कई बार हुआ आगमन
नेताजी सुभाष चंद्र बोस जामताड़ा के सीताकाटा स्थित जिस मकान में रहते थे आज खंडहर हाल में है। यह घर उनके मामा केके मुखर्जी का हुआ करता था।
विद्यासागर [ षिकेश कुमार ]। स्वतंत्रता आंदोलन के दौर में झारखंड के जामताड़ा जिले ककरमाटांड़ का यह इलाका महापुरुष व स्वतंत्रता सेनानियों के लिए काफी प्रसिद्ध रहा है। माना जाता है कि आजादी की लड़ाई के दौरान सुभाष चंद्र बोस करमाटांड़ कई बार अपने रिश्तेदार के घर आए थे। जहां उन्होंने कई रातें गुजारी थी। खंडहर में तब्दील हो चुके इन मकानों पर अब उनकी यादें मात्र बची हुई है।
वर्तमान समय इस भूखंड के मालिक राजेंद्र मंडल बताते हैैं कि करमाटांड़ के सीताकाटा में नेताजी के मामा केके मुखर्जी रहा करते थे। इस कारण नेताजी का कई बार यहां आगमन हुआ था। वे धनबाद के गोमो जाने के पूर्व भी यहां पहुंचे थे। हालांकि वे जिस पर ठहरे थे वह आज के दिन खंडहर में तब्दील हो गया है। ऐतिहासिक भूखंड के मौजूदा मालिक राजेंद्र मंडल के मुताबिक नेताजी के रिश्तेदार आजादी के कुछ दिन बाद ही अपनी जमीन और घर हमारे पूर्वजों को बेचकर यहां से पश्चिम बंगाल चले गए थे। इस खरीदे गए भूखंड पर मालिक राजेंद्र ने अपना घर बनाया है। विदित हो कि जिस स्थान पर सुभाष चंद्र बोस रूकते थे। उससे कुछ ही दूरी पर महान समाज सुधारक पंडित ईश्वर चंद्र विद्यासागर भी कई वर्षों तक रहे थे। उन दिनों यहां महज इक्का दुक्का ही घर हुआ करता था लेकिन वक्त के साथ यहां कई आलीशान मकान बन गए। उन दिनों यहां बिजली, पानी और सड़क की स्थिति अच्छी नहीं थी।
कोलकाता से आज भी लोग पहुंचते हैैं घर को देखने
लोगों की माने तो आजादी के बाद भी नेताजी के रिश्तेदार यहां आया करते थे। लोग आज भी उस भवन को देखने के लिए कोलकाता से यहां पहुंचते हैैं जिसमें कभी नेताजी रहा करते थे।
काफी दिनों तक नेताजी के मामा के नाम आता रहा बिजली बिल
नेताजी के रिश्ते में मामा लगने वाले केके मुखर्जी के नाम पर काफी दिनों तक बिजली विभाग की ओर से बिजली बिल भेजा जाता था। हालांकि, इस जमीन को खरीद के बाद पथुवा मंडलाइन परिवार ने अपने नाम पर बिजली का कनेक्शन करवाया था। राजेंद्र उसकी वंशज के हैैं।