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नीरज हत्याकांड: दो हजार उधार ले नीरज की हत्या करने पहुंचा था अमन

अमन को एक दिन के रिमांड पर सरायढेला पुलिस ले गई थी। अमन की स्वीकारोक्ति को पुलिस ने कोर्ट में बुधवार को जमा कर दिया है।

By Babita KashyapEdited By: Published: Thu, 18 May 2017 01:01 PM (IST)Updated: Thu, 18 May 2017 01:01 PM (IST)
नीरज हत्याकांड: दो हजार उधार ले नीरज की हत्या करने पहुंचा था अमन
नीरज हत्याकांड: दो हजार उधार ले नीरज की हत्या करने पहुंचा था अमन

धनबाद, जागरण संवाददाता। नीरज सिंह हत्याकांड में धनबाद पुलिस के हाथ लगे यूपी के कुख्यात शूटर अमन सिंह ने सरायढेला पुलिस के समक्ष वारदात की पूरी कहानी बयान कर दी है। हालांकि वह पूर्व में यूपी एसटीएफ के समक्ष भी में अपनी भूमिका कुबूल कर चुका है। अब सरायढेला पुलिस के समक्ष उसने पूरी बात रखी है।

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अमन को एक दिन के रिमांड पर सरायढेला पुलिस ले गई थी। अमन की स्वीकारोक्ति को पुलिस ने कोर्ट में बुधवार को जमा कर दिया है। स्वीकारोक्ति के अनुसार अमन ने बताया कि वर्ष 2008 से ही अपराध जगत में सक्रिय है। 2010 में मेंटर थाने में वर्ष 2014 में अतरोए, वर्ष में अयोध्या कोतवाली में उसके विरुद्ध धारा 307 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ। वर्ष में गोसाईगंज सुल्तानपुर में उसके विरुद्ध हत्या का मामला दर्ज हुआ। उसी वर्ष उसपर यूपी पुलिस ने एनएसए लगाया।

धनबाद स्टेशन से ऑटो पकड़कर पहुंचा स्टीलगेट धनबाद स्टेशन पहुंचकर उसने पंकज को फोन किया। पंकज ने कहा कि ऑटो पकड़कर स्टील गेट आ जाओ। वह स्टील गेट पहुंचा, जहां पंकज उसे बाइक में बिठाकर एक मकान में ले गया। वह मकान सबसे अंतिम मकान था। उस मकान के सामने एक दोतल्ला मकान था। मकान के निचली कमरे में दो लड़के पहले से थे। एक लड़का किचन से थोड़ी देर बाद निकला।

तीन शूटरों की कद काठी की उगली जानकारी  अमन ने बताया कि तीनों का नाम मोनू, विजय व सतीश पता चला। मोनू नाटा कद का था, उसका बदन गठीला था, दाढ़ी-मूंछ एक ही में सटा था, उम्र 23 वर्ष होगी। विजय लंबा गेहुंआ रंग का था, उसकी उम्र 28 वर्ष होगी। सतीश लंबा और गेहुंआ रंग का था।

कमरे में ही छूट गए थे सबके कपड़े 

पंकज धनबाद के मकान में बोला था कि 50-50 लाख रुपये मिलेगा। हम चाहे जहां रहे हर माह 50 हजार तुमलोग को मिल जाएगा। उस दिन पंकज हम लोगों को 4-4 हजार दिया था। मोबाइल में समाचार देखे कि उस मकान में पुलिस पहुंच गई है, जहां हमलोग रुके थे। हम एक बैग लेकर गए थे, जिसमें एक ब्लू रंग की चेक शर्ट थी। उन तीनों के भी बैग और कपड़े उसी रूम में छूट गये थे। इन कपड़ों को पुलिस ने बरामद किया है।

सुरक्षा व्यवस्था के बीच अमन को पहुंचाया कोर्ट शूटर अमन सिंह को पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था के बीच कोर्ट में पेश किया गया। सरायढेला थानेदार निरंजन तिवारी के साथ एएसआइ और चार सिपाही भी मौजूद थे। कोर्ट में पेश करने के बाद उसे धनबाद जेल भेज दिया गया। अमन ने पुलिस को बताया था कि उस पर कभी भी हमला हो सकता है। इस कारण उसे मेडिकल कराने से लेकर जेल भेजने तक पुलिस पूरी तरह चाक-चौबंद रही।

गाड़ी में बैठे सभी लोगों को मार दी थी गोली 

करीब शाम सात बजे फारचूनर गाड़ी नंबर 4500 आई। ब्रेकर के पास स्पीड धीमा होते ही मोनू ने ड्राइवर को गोली मारी। विजय ने सामने आगे बैठे व्यक्ति को मारा। वह एवं सतीश भी फायरिंग करता रहा। वह, मोनू, सतीश और विजय गाड़ी में बैठे सभी लोगों पर अंधाधुंध फायरिंग करने लगे। सभी लुढ़क गए। खून से लतपथ हो गए। अंतिम गोली मोनू ने आगे बैठे व्य् क्ति के सर में सटा कर मारी। फिर हमलोग बाइक से हाइवे पर गए। मोनू विजय आगे-आगे और वह पीछे-पीछे चल रहा था। हाइवे पर बाइकबायीं ओर खड़ा कर दी और फिर वहां से ऑटो रिजर्व किया। थोड़ी देर बाद ऑटो छोड़ कर बस पर बैठ कर आसनसोल पहुंचे।

मोनू ने पंकज को फोन कर कहा कि कहां हो, तो पंकज बोला आसनसोल रेलवे स्टेशन के बाहर आ जाओ। वहां पंकज सफेद रंग की फारचूनर गाड़ी में था। हमलोगों ने हथियार और मैग्जीन पंकज को दिया। पंकज बोला- यूपी निकलो तुम लोग। वह जब ऑटो पर बैठा था तो उसने पंकज को फोन कर जय माता दी बोला था। फिर चारों ट्रेन से बक्सर आए। तीनों जीप से बसिया गए और वह अतरोसिया गया। 

पंकज को फोन आया था कहां हो, तैयार हो जाओ 

कमरे में ही बातचीत चल रही थी कि पंकज को फोन आया कि तैयार हो जाओ। पंकज ने उन लोगों को अखबार का पन्ना दिखाया। जिसमें एक फोटो था और बोला कि इसी का काम करना है। गाड़ी का नंबर 4500 है। पंकज ने एक बैग से 9एमएम का पिस्टल-मैग्जीन दिया, चलाने का तरीका बताया। बोला 14-14 गोली खाली कर देना है।

मोनू ने कहा, बदला हो गया भैया 1गाड़ी में बैठे सभी लोगों को मार देने के बाद मोनू ने फोन कर पंकज को कहा था कि बदला हो गया भैया। पंकज एवं रिंकू सिंह मुन्ना बजरंगी गैंग का सदस्य है।

अदालत में बदल गए शूटर के सुर 

जो शूटर अमन पुलिस के समक्ष पूरी बात खुलकर बोल रहा है, कोर्ट में उसके सुर पूरे तौर पर बदल जाते हैं। कोर्ट में एक तरफ उसने अपनी जान की सुरक्षा की गुहार लगाई है तो दूसरी तरफ पुलिस पर आरोप लगाया है कि पुलिस ने ही उसकी फर्जी पहचान कराई है। इस बाबत बुधवार को अमन सिंह ने कोर्ट के समक्ष दो बंदी आवेदन दिया है। 

बंदी आवेदन नंबर-1 

जेल से कोर्ट आने में खतरा: अमन सिंह ने बुधवार को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में बंदी आवेदन देकर सुरक्षा की मांग की। बंदी आवेदन संख्या 962 में अमन ने कहा है कि यूपी से लेकर धनबाद तक उसके दुश्मन फैले हैं। उसकी जान को खतरा है। जेल से कोर्ट आने के दौरान उसे सुरक्षा दिया जाए।

बंदी आवेदन नंबर-2

पुलिस ने करा दी थी पहचान: अमन ने कोर्ट को एक दूसरा आवेदन देकर कहा है कि आठ मई को धनबाद थाने में पुलिस ने एक लड़के को उसका चेहरा दिखाया था और कहा था कि जब बोलेंगे तो इसको पहचान लेना कि यही गोली चलाया था। अमन ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने उसकी फोटो खींचकर रख ली थी। 3 मई से ही उसकी तस्वीर टीवी में चल रही थी एवं अखबारों में छप रही थी।

20 मार्च को पंकज ने फोन किया, आओगे या बेवकूफ बना रहे हो? 

अमन ने सरायढेला पुलिस के समक्ष दी गई स्वीकारोक्ति में बताया 19 मार्च को रिंकू ने उसे फोन किया था। रिंकू ने उसे कहा कि वह पंकज से बात कर ले। तब उसने पंकज का नंबर मांगा तो रिंकू ने 9936887360 नंबर बताया। इसके बाद उसने अपने मोबाइल नंबर 8112496676 से पंकज से बात की। पंकज बोला धनबाद चले आओ। 20 मार्च 2017 को पंकज का फोन आया। पंकज ने बोला आओगे या नहीं, बेबकूफ बना रहे हो।

तब उसने कहा कि पैसा नहीं है कैसे आएं? पंकज ने बोला, तुमको उधार भी देने वाला कोई नहीं है। किसी से दो हजार उधार लेकर आ जाओ। उसी दिन शाम उसने शाहगंज से ट्रेन पकड़ी। जनरल टिकट लेकर ट्रेन में बैठा। सुबह धनबाद पहुंचा। पंकज को फोन किया।

'जिसका काम करना है वह ऑफिस से निकल चुका है'

अमन ने बयान में बताया कि मोनू, विजय व सतीश एक माह पूर्व से उस मकान में रह रहे थे। तीनों लोकेशन लेते थे तथा रैकी करते थे। उस दिन वह बाइक चला रहा था, सतीश पीछे बैठा था। उसकी बाइक लाल रंग की थी। दूसरी बाइक काले रंग की थी, जिसे विजय चला रहा था, और मोनू बैठा था। नंबर उसे नहीं मालूम है। कुछ देर बाद वे लोग रेलवे स्टेशन आए। कुछ देर बाद फोन आया कि जिसका काम करना है, वह ऑफिस से निकल गया है। हमलोग बाइक घुमाकर स्टील गेट स्पीड ब्रेकर केपास आए, मोटा पेड़ के पास बाइक खड़ा कर दिया। मोनू सड़क के दाहिने ओर चला गया, हमलोग तीनों बाईं ओर रहे।

  

एक गोली पर मेरा भी नाम

अपने अंदाज से पुलिस को चौंकाने वाले शूटर अमन सिंह ने रिमांड पर लिए जाने के बाद कहा कि वह शूटर है और उसका पेशा लोगों की जान लेना है। वह यह भी जानता है कि एक गोली पर उसका भी नाम लिखा है। यह गोली कभी भी उसके जिस्म को छलनी कर जान ले सकती है।

 

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