दो वर्ष के अंदर नक्सल प्रभावित टुंडी-पूर्वी टुंडी के हर घर तक नल
जिस नक्सल प्रभावित टुंडी और पूर्वी टुंडी के सुदूरवर्ती गांवों में पुलिस भी जाने से कभी कतराती थी अब वहां हर घर में नल से जल पहुंचेगा।
आशीष सिंह, धनबाद : जिस नक्सल प्रभावित टुंडी और पूर्वी टुंडी के सुदूरवर्ती गांवों में पुलिस भी जाने से कभी कतराती थी, अब वहां हर घर में नल से जल पहुंचेगा। टुंडी-पूर्वी टुंडी ग्रामीण जलापूर्ति (पूर्ण) आच्छादन योजना के तहत 99 गांव की 64 हजार 995 आबादी को अब तालाब, कुआं और हैंडपंप पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। इस योजना का टेंडर हो चुका है, जल्द ही काम शुरू होगा। दारोगा प्रधान को काम मिला है। अगस्त 2024 तक हर घर तक नल से जल पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। योजना पर 76 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। बराकर नदी इसका जल स्त्रोत होगा। टुंडी के लुकैया में 10.5 एमएलडी का वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा। बराकर नदी से रा वाटर प्लांट तक पहुंचेगा। यहां से पानी शोधित कर पाइपलाइन के जरिए घरों तक पहुंचेगा।
रा वाटर की राइजिग पाइपलाइन 800 मीटर की होगी। फ्रेश जलापूर्ति के लिए 35 हजार 950 मीटर यानी लगभग 36 किमी मेन राइजिग पाइपलाइन बिछेगी। इस मेन राइजिग पाइपलाइन से घर-घर तक पानी पहुंचाने के लिए तीन लाख नौ हजार 20 मीटर पाइप बिछेगी। छह जलमीनार से टुंडी और पूर्वी टुंडी के गांवों में जलापूर्ति होगी। टुंडी में चार और पूर्वी टुंडी में दो जलमीनार बनेंगे। टुंडी में सगबेहरी, उपरभोजूडीह, मोहनडीह मंदिर के समीप एवं झगरू और पूर्वी टुंडी में सुंदरपहाड़ी विद्यालय के समीप एवं कोलकमारडीह विद्यालय के समीप जलमीनार बनेगा। 10 हजार 248 घरों में पानी कनेक्शन किया जाएगा। इससे 64 हजार 995 आबादी लाभान्वित होगी। टुंडी की सबसे अधिक आबादी होगी लाभान्वित :
टुंडी और पूर्वी टुंडी के 99 गांव की 64 हजार 995 आबादी लाभान्वित होगी। सबसे अधिक टुंडी के गांव आच्छादित होंगे। योजना के अनुसार टुंडी के 76 गांव की 39 हजार 56 आबादी को पानी मिलेगा। इसी तरह पूर्वी टुंडी के 23 गांवों की 15 हजार 798 आबादी लाभान्वित होगी। टुंडी और पूर्वी टुंडी का एक भी घर नल से अछूता नहीं रहेगा। दोनों प्रखंड के कुछ गांवों में एक अन्य योजना के तहत मार्च तक पानी मिलना शुरू हो जाएगा। टुंडी-पूर्वी टुंडी ग्रामीण जलापूर्ति (पूर्ण) आच्छादन योजना के तहत हर घर आच्छादित होगा। दो वर्ष का लक्ष्य रखा गया है। 2024 में पानी मिलना शुरू हो जाएगा। नक्सल प्रभावित दोनों गांवों के हर घर तक पानी पहुंचेगा।
- भीखराम भगत, कार्यपालक अभियंता पेयजल विभाग