Move to Jagran APP

राष्ट्रीय पर्यटन दिवस पर मिलिए भटिंडा फाल के इन बहादुरों से, एक दशक में 200 पर्यटकों की बचाई जान

National Tourism Day 2022 मुनीडीह रक्षा दल सात सदस्यी युवाओं की टीम पिछले एक दशक में 200 से अधिक लोगों की जान बचा चुकी है। ये लोग भठिंडा फॉल घूमने आए थे और पानी की तेज धारा में फंस गए। इन्हें रक्षा दल की टीम ने बचाया।

By MritunjayEdited By: Published: Tue, 25 Jan 2022 09:57 AM (IST)Updated: Tue, 25 Jan 2022 10:08 AM (IST)
राष्ट्रीय पर्यटन दिवस पर मिलिए भटिंडा फाल के इन बहादुरों से, एक दशक में 200 पर्यटकों की बचाई जान
भटिंडा फाल के सामने खड़े मुनीडीह रक्षा दल के सदस्य ( फोटो जागरण)।

आशीष सिंह, धनबाद। भारत में हर साल 25 जनवरी को राष्ट्रीय पर्यटक दिवस मनाया जाता है। इस साल भी मनाया जा रहा है। इस खास दिन पर धनबाद के मुनीडीह रक्षा दल से जुड़े सात सदस्यों को याद करना चाहिए। ये अपनी जान की परवाह किए और किसी की जाति धर्म पूछे बिना लोगों की जान बचा रहे हैं। हम बात कर रहे हैं मुनीडीह रक्षा दल की। सात युवाओं की यह टीम पिछले एक दशक में 200 से अधिक लोगों की जान बचा चुकी है। ये लोग भठिंडा फॉल घूमने आए थे और पानी की तेज धारा में फंस गए। इन्हें अपनी जान पर खेलकर रक्षा दल की टीम ने बचाया। कुछ ऐसे भी लोग थे जिनकी किस्मत इतनी अच्छी नहीं रही और वो डूब गए। जब एसडीआरएफ की टीम ने भी हाथ खड़े कर दिए तब इन स्थानीय गोताखोरों ने पानी के अंदर फंसे शवों को बाहर निकालकर स्वजन को सौंपा।

loksabha election banner

भटिंडा फाल से 30 शवों को बाहर निकाला

बिना किसी स्वार्थ लगभग 30 शव अब तक रक्षा दल की टीम निकाल चुकी है। रक्षा दल सबसे पहले लोगाें की सुरक्षा की बात करता है। यहां आने वाले हर पर्यटक को पहले ही ताकीद कर दी जाती है कि गहरे पानी में न जाएं। हर जगह रक्षा दल ने चिह्न बना रखा है, इसके आगे जाने पर रोक है। सिर्फ यही नहीं रक्षा दल के सदस्य स्थानीय लोगों को बतौर वालेंटियर यह जिम्मेवारी भी देते हैं कि हर 10-15 मिनट में पानी के पास जाने वालों को रोकें। रक्षा दल भठिंडा फॉल में लोगों को बचाने का काम निस्वार्थ भाव से करता है। पानी में डूबे शव निकालने की बात करें तो यह दल धनबाद के कोने-कोने में जाकर यह काम करता है। टीम के सदस्य बलियापुर, टुंडी, तोपचांची, गलफरबाड़ी, कुसुंडा, कतरास, पंचेत जाकर शव निकाल चुके हैं। इस टीम में सबसे कम उम्र के 23 वर्ष के मनोरंजन भी शामिल हैं। मनोरंजन पिछले चार वर्षों से लोगों को बचाने का काम कर रहे हैं, मतलब जब ऐसा करना शुरू किया तो उस समय उम्र 18 वर्ष थी। इनके अलावा रक्षा दल में रमेश बाउरी, अशोक, लालू महतो, दीपक महतो, मनोज, सहदेव शामिल हैं। इनमें कोई दस तो कोई 15 वर्षों से यह काम करते आ रहा है।

हमारी टीम में सात लोग हैं। सभी डूबते हुए लोगों को बचाने का काम करते हैं। शव भी निकालते हैं। अभी तक लगभग 30 लोगों को बचाया और 13 शव निकाला। तैरना आता है और लोगों की मदद करो से खुशी मिलती है। इसीलिए यह सब करते हैं। प्राइवेट नौकरी कर परिवार का गुजर बसर करते हैं। सरकारी मदद लिए बिना यह काम कर रहे हैं। हम लोगों के पास तो सुरक्षा उपकरण भी नहीं है। बावजूद गहरे पानी में भी जाने से नहीं घबराते।

- लालू महतो, सदस्य रक्षा दल मुनीडीह

चार वर्ष पहले ही रक्षा दल से जुड़ा। अभी तक लगभग 15 लोगों को बचाया है। बलियापुर में तीन शव भी निकाला। रक्षा दल का काम देख इनसे जुड़ने का मन किया। किसी को पानी में डूबते हुए देखता हूं तो लगता है जैसे कोई अपना डूब रहा है। फिर यह नहीं सोचता कि क्या होगा, बस खुद पर भरोसा करके पानी में उतर जाता हूं। उपरवाले ने जो हुनर दिया है उसे सामाजिक काम में लगाकर खुशी होती है।

- मनोरंजन बाउरी, सदस्य रक्षा दल मुनीडीह

क्यों मनाया जाता राष्ट्रीय पर्यटन दिवस

भारत विविधताओं का देश है। यहां पर्यटन स्थलों की भरमार है। दुनियाभर के पर्यटकों की नजर भारत के पर्यटन स्थलों पर रहती है। भारत के पर्यटन स्थलों के प्रचार प्रसार के लिए हर साल 25 दिसंबर को राष्ट्रीय पर्यटन दिवस मनाया जाता है। भारत सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था के लिए पर्यटन के महत्व के बारे में जागरूक करने के लिए पर्यटन दिवस मनाने का फैसला लिया। भारतीय पर्यटन से करोड़ों लोगों को रोजगार मिलता है तो वहीं देश की जीडीपी में भी बढ़ोतरी होती है। इसके अलावा पर्यटन दिवस के जरिए देश विदेश तक भारत की ऐतिहासिकता, खूबसूरती, प्राकृतिक सुंदरता, संस्कृति का प्रचार प्रसार होता है। कश्मीर से कन्याकुमारी तक कई पर्यटन स्थल हैं जो यात्रियों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। पर्यटन दिवस इन्हीं आकर्षण को दुनिया के सामने लाने का एक जरिया है।

1948 में हुई पर्यटन दिवस मनाने की शुरुआत

वैसे तो पूरी दुनिया में विश्व पर्यटन दिवस 27 सितंबर को मनाया जाता है लेकिन भारत का पर्यटन दिवस 25 जनवरी को होता है। इस दिन की शुरुआत 1948 में ही हो गई थी, जब देश आजाद होने के बाद भारत में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक पर्यटन यातायात समिति का गठन किया गया। इसके तीन साल बाद यानी 1951 में कोलकाता और चेन्नई में पर्यटन दिवस के क्षेत्रीय कार्यालयों में बढ़ोतरी की गई। दिल्ली, मुंबई के अलावा कोलकाता और चेन्नई में पर्यटन कार्यालय बनाए गए। साल 1998 में पर्यटन और संचार मंत्री के अंतर्गत पर्यटन से एक विभाग जोड़ा गया। राष्ट्रीय पर्यटन दिवस मनाने की शुरुआत लोगों को पर्यटन का महत्व और भारतीय अर्थव्यवस्था में इसकी भूमिका के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से हुई थी। वैश्विक समुदायों के बीच पर्यटन और इसके सामाजिक, राजनीतिक, वित्तीय और सांस्कृतिक मूल्य के महत्व को लेकर जागरूकता बढ़ाने के लिए यह दिवस मनाया जाता है। 

Koo App
पर्यटन, तीर्थाटन व एडवेंचर खेलों के लिए उत्तराखंड लोकप्रिय डेस्टिनेशन बन गया है। यहां पर आपको ऐतिहासिक मंदिर, पावन चोटियां, प्रसिद्ध तीर्थस्थल, मनभावन वन्य जीव एवं प्रकृति के सुंदर नज़ारे देखने को मिलेंगे। इनका भरपूर आनंद लेने एवं अद्भुत अनुभव पाने आप भी ’देवभूमि’ अवश्य आएं। #nationaltourismday #uttrakhand #uttarakhandheaven #uttarakhandculture #uttarakhandtourism - Uttarakhand Tourism (@uttarakhand_tourismofficial) 25 Jan 2022


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.